रूहर, न केवल जर्मनी का बल्कि पूरे यूरोप का प्रमुख औद्योगिक प्रदेश है। इसे निचली राइन घाटी प्रदेश भी कहते हैं। यह पश्चिम से पूर्व में 120 km तथा उत्तर से दक्षिण में 65 km चौड़े क्षेत्र में विस्तृत है। लौहा इस्पात उद्योग और भारी इंजीनियरिंग उद्योग, रूहर प्रदेश में प्रमुख उद्योग हैं। इनके अतिरिक्त भारी धातु निर्माण उद्योग, रेल इंजन उद्योग, मोटरगाड़ी उद्योग, अस्त्र – शस्त्र उद्योग, रसायन उद्योग, वस्त्र उद्योग (सूती, ऊनी, व कृत्रिम वस्त्र) आदि अन्य मुख्य उद्योग इस क्षेत्र में केन्द्रित हैं।
रूहर
घाटी में औद्योगिकीकरण के अनुकूल भौगोलिक दशाएँ :-
1.
रूहर प्रदेश में लौह अयस्क के अच्छे
भंडार हैं। इसलिए जर्मनी का 80% इस्पात इसी प्रदेश में बनता है।
2.
यहाँ राइन (पश्चिम छोर पर) और रूर
नदियाँ बहती हैं जिनसे पानी की आपूर्ति हो जाती है।
3.
इस क्षेत्र में सस्ता जल परिवहन
उपलब्ध है।
4.
इस क्षेत्र में वेस्टफालिया क्षेत्र
में उच्च कोटि का कोयला भी प्रचुर मात्रा में मिलता है।
5.
इस क्षेत्र के उत्तर में राइन
नदी का सबसे बड़ा बन्दरगाह (Port) डुइजबर्ग स्थित है जिससे बंदरगाह की सुविधा
मिल जाती है।
6.
इस प्रदेश के दक्षिण में स्थित
वनों से लकड़ी मिल जाती है जिससे चारकोल व कोक आसानी से बनाया जा सकता है।
7.
यहाँ चूना पत्थर, कांच की बालू
रेत और पोटाश भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं।
8.
इस प्रदेश में सडकों और
रेलमार्गों का सघन जाल बिछा है।
9.
रूहर प्रदेश को यूरोप में
केन्द्रीय स्थिति प्राप्त है जिससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में यहाँ के सामान की
बहुत मांग है।
10. रूहर में सघन जनसंख्या होने के कारण मांग
अधिक रहती है और कुशल श्रमिक भी आसानी से मिल जाते हैं।
11. रूहर
प्रदेश के उत्तर में उपजाऊ कृषि क्षेत्र है जिससे कच्चा माल आसानी से
मिल जाता है।