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Showing posts from March, 2021

Dams in India - Safe अथवा Unsafe - A report by NRLD (पुराने डैम सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक)

भारत एक विशाल देश है। यह क्षेत्रफल 3287263 वर्ग किलोमीटर के अनुसार दुनिया का सातवाँ बड़ा देश है। इसमें अनेक नदियाँ बहती हैं जिन पर जल विद्युत उत्पादन और सिंचाई के उद्देश्य से अनेक बाँध (Dams) बनाए गए हैं।  भारत में कुल मिलाकर 5334 बड़े बाँध हैं। 411 ऐसे बाँध हैं जिन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इनमें से आयु के लिहाज से देखें तो 1200 बाँध ऐसे हैं जिनकी आयु 50 साल से अधिक है, जबकि 245 बाँध तो 100 साल से भी पुराने हैं। इनमें से 181 बाँध तो ऐसे भी हैं जिनकी आयु का आँकलन नहीं है।  50 साल से ज्यादा पुराने डैम सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक हैं, भारत में ऐसे डैम की संख्या 1200 से ज्यादा है।   नदियों पर बने पुराने बांध पूरी दुनिया में एक बड़ी आबादी के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। बांधों को लेकर हुई स्टडी पर आधारित एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में उम्र दराज बांध अपने आस-पास रहने वाली बड़ी जनसंख्या के लिए मुसीबत बन सकते हैं। यह रिपोर्ट यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट फॉर वाटर, एनवायरनमेंट एंड हेल्थ ने जारी की है । रिपोर्ट के मुताबिक मोटे तौर पर 50 साल बीतने के बाद बांध में पुरानेपन के लक्षण दिखाई द

Suez Canal Features and Traffic Jam in 2021, Compare with Panama Canal Features & Importance

  (Suez Canal Traffic Jam) काहिरा:   मिस्र ( Egypt ) की स्‍वेज नहर ( Suez Canal ) में मंगलवार 23 मार्च, 2021 को सुबह चीन से माल लेकर नीदरलैंड जा रहा 400 मीटर लंबा और 59 मीटर चौड़ा, एक विशालयकाय कंटेनर शिप “एवर गिवेन” स्वेज पोर्ट के उत्तर में नहर को पार करते वक्‍त तेज हवाओं के कारण और तकनीकी खराबी के कारण, भारतीय चालक दल के नियंत्रण से बाहर होकर घूम गया तथा नहर में फंस गया , जिससे स्वेज नहर के दोनों और भूमध्य सागर और लाल सागर में कार्गो वेसल्‍स और तेल टैंकर का भीषण ( फंसे हैं दुनिया के 206 जहाज ) एवं 300 किमी लंबा ट्रैफिक जाम लग गया और यह नहर ब्‍लॉक ( Suez Canal Blocked ) हो गई। कोरोना संकट के बीच इस जाम से वैश्विक व्‍यापार को एक और बड़ा झटका लगा है। इसकी वजह से कंपनियों को हर घंटे करीब 2900 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा रहा है। इसे निकालने के लिए बड़े पैमाने पर टग बोट्स को तैनात किया गया है। टग बोट्स जहाजों को धक्‍का देने के लिए होते हैं।   Click Here for Complete Article in Pdf File   193 . 3 किलोमीटर लंबी स्वेज नहर भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है। स्‍वेज नहर लाल सा

BSEH Date Sheet Annual Exam 2021, Compartment, HOS, Improvement, Practical Press Note and School Login Link

Date-Sheet (Theory Papers) for Secondary, Senior Secondary Certificate (Academic/Open School) Examination April-2021 Date-Sheet (Theory Papers) for Secondary Exam (Compartment/ Additional/ Improvement in One Subject Academic/ HOS)Examination April-2021 Press Note For Practical Exam of Secondary/Sr. Secondary April-2021 School Login Link

Earth Origin and Interior - History (Article 2021)

Respected Friends and Dear Students I have prepare an Article on Earth Origin and Its Interior History using various source and syllabus.  Following Topics are covered in this (pdf) Article:- बिग बैंग सिद्धांत विस्तारित ब्रह्माण्ड परिकल्पना आकाशगंगाओं का निर्माण पृथ्वी की उत्पति कांट व लाप्लेस का सिद्धांत  चैम्बरलेन व मोल्टन का सिद्धांत  विभेदन प्रक्रिया भीतरी ग्रह या आंतरिक ग्रह ( Inner Planet) अथवा  पार्थिव ग्रह बाह्य ग्रह ( Outer Planet) अथवा  जोवियन ( Jovian) ग्रह  चंद्रमा की उत्पति थिया / थेल्सा ग्रह ( Theia ) की पृथ्वी से टक्कर  ' द बिग स्प्लैट ' घटना  पृथ्वी पर सबसे बड़ी ईकाई -  प्रशांत महासागर लो-शियर-वेलॉसिटी प्रोविन्सेज ( LLSVPs) चट्टान एवं क्षेत्र प्रारम्भिक अवस्था में वायुमण्डल पृथ्वी पर लगभग 400 करोड़ वर्ष पूर्व महासागरों की उत्पति महासागरों से आज से लगभग 380 करोड़ वर्ष पूर्व शैवाल के रूप में जीवन की उत्पति पृथ्वी के आंतरिक भागों में विभेदन प्रक्रिया पृथ्वी की आंतरिक संरचना -  भूपर्पटी ( The Crust),   सियाल ( SI+AL),  साइमा ( SI+MA),  मैंटल ( The Mantle),  मोहो असां

March 23 - World Meteorological Day विश्व मौसम दिवस (World Met Day)

संयुक्त राष्ट्र हर वर्ष 23 मार्च का दिन विश्व मौसम दिवस ( World Met Day) के रूप में मनाता है। इसका उद्देश्य मानव प्रजाति को विश्व जलवायु और मौसम की अहमियत को समझाना है।   दरअसल , मौसम और विश्व जलवायु में हो रहे अप्रत्‍याशित परिवर्तन और विश्व तापन ( Global Warming ) वास्तव में मानवीय गलतियों की वजह से ही हो रहे हैं। जीवाश्म ईंधनों (कोयला, पेट्रोल, डीजल आदि) के जलने से कार्बन उत्‍सर्जन ( Co2 ) का लगातार बढ़ना इसका एक अहम कारण है। इसका सीधा असर धरती के मौसम पर पड़ रहा है और धरती के गर्म होते मौसम का असर सम्पूर्ण पृथ्वी के साथ -साथ विशेष रूप से उत्‍तरी और दक्षिणी ध्रुव की बर्फ के विशाल हिम खंडों ( Glaciers ) पर पड़ रहा है। ये लगातार टूट कर अलग हो रहे हैं। Click Here for Article & Essay on March 23 - World Meteorological Day विश्व मौसम दिवस (World Met Day) in pdf इनके पिघलने की वजह से समुद्र का जलस्‍तर ( Sea Water Level ) लगातार बढ़ रहा है। जिसका सीधा असर समुद्री इलाकों, विशेष रूप से द्वीपों और तटीय क्षेत्रों पर पड़ रहा है। पिछले कुछ वर्षों एवं देशकों में विश्व स्तर पर मौसम संबंधी तीव

March 23 - शहीदी दिवस, अमर शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव - the youth icons of India's Freedom Movement

Shaheed E Azam Sardar Bhagat Singh, Shaheed Sukhdev & Shaheed Rajguru, the youth icons of India's Freedom Movement

कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) में हीं महाभारत का धर्म युद्ध क्यों?

कुरुक्षेत्र में हीं महाभारत का धर्म युद्ध क्यों? *धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः ।* *मामका: पांडवाश्चैव किमकुर्वत संजय ।।* अर्थात् `हे संजय ! धर्मभूमि कुरुक्षेत्र में एकत्रित युद्ध की ईच्छा वाले मेरे (कौरव) तथा पांडवो के पुत्रों ने क्या किया, बताओ ? गीता का पहला प्रश्न, पहला श्लोक यहीं है । यहीं से गीता का पहला अध्याय प्रारंभ होता है । कुरुक्षेत्र क्यों पड़ा नाम ? आखिर इस क्षेत्र का मुख्य नाम कुरुक्षेत्र होने के पीछे क्या कोई मुख्य आधार भी है ? इसका उत्तर जानने में एक ऐसी पौराणिक कथा का उल्लेख प्रासंगिक होगा जो अद्भूत है, जो चकित कर देती है । एकबार पांडव कौरव के पूर्वज महाराज कुरू एक भव्य स्वर्णिम रथ पर बैठकर यहाँ आये थे । देव योग से उनका स्वर्णिम यानी सोने का चमचमाता रथ यकायक सोने के हल में परिवर्तित हो गया । महाराज कुरू यह देखकर स्तब्ध हो गये । उन्होंने तत्काल यह निर्णय लिया कि क्यों न इस क्षेत्र में सोने के हल से बीज बोया जाय । इसके लिए उन्होंने भगवान शिव के वाहन नन्दी (बैल) तथा यमराज के वाहन भैंसे को बुलाकर सोने के हल में जोत दिये । तभी वहाँ उनके सामने भगवान विष्णु प्रकट

Bihar Day - March 22 (Today's History)

109 साल पहले आज ही के दिन  March 22, 1912 में   बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग होकर  बिहार   देश का 12वां राज्य  नया राज्य बना। आज के दिन को बिहार दिवस के रूप में मनाते हैं।  आज दुनिया के अधिकांश देशों में शासन का डेमोक्रेटिक सिस्टम है। इसकी शुरुआत भी बिहार से ही मानी जाती है। दुनिया के बहुत से हिस्सों में जब लोग पढ़ना-लिखना भी नहीं जानते थे, उस समय शिक्षा का सबसे बड़ा केंद्र नालंदा विश्वविद्यालय इसी राज्य में था। लगभग छठी शताब्दी ईसा पूर्व में बिहार के शासकों का चयन जनता के प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता था। 1935 में बिहार से अलग होकर उड़ीसा नाम का एक नया राज्य अस्तित्व में आया। जिसे अब ओडिशा कहते हैं। वहीं, 2000 में एक बार फिर बिहार का विभाजन हुआ और झारखंड राज्य अस्तित्व में आया।