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Extreme Weather Events in 2022 (चरम मौसमी घटनाएं)

सम-विषम मौसम भास्कर Analysis • 
2,755 जानें गईं, 18 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई, 273 में से 242 दिन मौसमी आपदा; सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में, मौतें हिमाचल में।

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की रिपोर्ट 03/11/22
अनिरुद्ध शर्मा | नई दिल्ली

वर्ष 2022 के 9 महीनों में 88% दिन देश में मौसम की चरम घटनाएं (एक्सट्रीम वेदर इवेंट्स) दर्ज की गई। यानी 273 दिनों में से 242 दिन देश के किसी न किसी हिस्से ने हीटवेव, कोल्डवेव, साइक्लोन, बिजली गिरना, भारी वर्षा, भूस्खलन जैसी आपदा का सामना किया। 

पर्यावरण थिंक टैंक सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की रिपोर्ट में यह विश्लेषण सामने आया है। 

रिपोर्ट बताती है कि मौसमी हादसों के चलते 2,755 लोगों की जान गई। 18 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई। 4, 16,667 कच्चे घर नष्ट हो गए। 2022 में मौसम की चरम घटनाएं सर्वाधिक मप्र में दर्ज की गई, लेकिन सबसे अधिक 359 लोगों की जान हिमाचल में गई। मध्य प्रदेश व असम दोनों ही राज्यों में 301-301 लोगों की जान गई। असम में सबसे अधिक घरों का नुकसान व जानवरों की जान गई।

कर्नाटक में चरम मौसमी घटनाओं के 82 दिन आए, जबकि देशभर में मौसमी आपदाओं की वजह से 50% फसलें यहीं बर्बाद हुई। हालांकि मध्य प्रदेश में किसी भी फसल के नुकसान का आंकड़ा नहीं मिला। जानकार कह रहे हैं कि ऐसा घटनाओं से हुए नुकसान की सही रिपोर्टिंग न होने के कारण हो सकता है।

¶ हर दिन बारिश - बाढ़, भूस्खलन

बिजली गिरना: 273 में 159 दिन हुई। इनमें 954 लोगों की जान गई। बिजली गिरने की सबसे अधिक 46 घटनाएं मध्य प्रदेश में हुईं। इनमें 164 लोगों की जान गई, जबकि बिहार में बिजली गिरने की 23 घटनाओं में 243 लोगों की जान गई। जुलाई में सभी 31 दिनों में बिजली गिरी।

हीटवेव : 273 में से 66 दिन ही महसूस की गई। 45 लोगों की जान भी गई। राजस्थान में 42, मप्र में 38, हिमाचल में 33 और यूपी व दिल्ली में 28 दिन हीटवेव चली। महाराष्ट्र में 24 होटवेव दिनों में 34 जानें गई। अप्रैल में 23, मार्च में 17 हीटवेव के दिन रहे।

भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलनः 273 में 157 दिन भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन से प्रभावित रहे। इनमें 1214 जानें गई। ये घटनाएं भी सबसे ज्यादा 72 मप्र में हुईं। इनमें 112 लोगों की जान गई। एक जून से 30 सितंबर तक कोई भी दिन नहीं रहा, जब भारी बारिश, बाढ़ या भूस्खलन न हुआ हो।

कोल्डवेवः 273 में से 307 दिन कोल्डवेव महसूस की गई। सबसे अधिक मध्य प्रदेश में 21 दिन, फिर उत्तर प्रदेश में 20 दिन, पंजाब में 12 दिन, हरियाणा में 11 दिन और राजस्थान में 10 दिन | कोल्डवेव रही। जनवरी में 22 और फरवरी में 8 दिन कोल्डवेव रही।

बादल फटने की घटना: 273 में से 11 दिन बादल फटने की घटना हुई। जम्मू-कश्मीर में हुई दो घटनाओं में 20 लोग और हिमाचल प्रदेश में हुई 7 घटनाओं में 12 लोगों की जान गई।

¶ जीडीपी को सालाना 2.8% नुकसान

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की महानिदेशक सुनीता नारायण बताती हैं कि वर्ल्ड बैंक ने आकलन किया है कि तापमान बढ़ने और असामान्य बारिश से भारत की जीडीपी में 2.8% का सालाना नुकसान हो रहा है। करीब 60 करोड़ आबादी के जीवन स्तर में गिरावट भी आ रही है। इसके अलावा, यह आकलन खुद भारत सरकार का है कि किसानों को खरीफ के दौरान उपज में 4.3% और रबी के दौरान उपज में 4.1% का नुकसान हो रहा है। इससे उनकी आमदनी में क्रमशः 13.7% और 5.5% की कमी आ रही है। नारायण के मुताबिक, 2022 में हमने अब तक जो देखा है, वह गर्म होती दुनिया में एक नया असामान्य है

✓ उत्तर-पूर्वी मानसून से दक्षिण भारत के 5 राज्यों में भारी बारिश 

• तमिलनाडु, आंध्र, कर्नाटक, केरल, पुड्डुचेरी में कई जगह दक्षिण-पूर्व मानसून से भारी वर्षा दक्षिण के किसी शहर में 3 दशक में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड चेन्नई में टूटा। 8 व 13 सेमी बारिश हुई। 2 की मौत। 9 जिलों में स्कूल बंद। 

• मौसम विभाग ने कहा है कि तमिलनाडु, केरल, पुड्डुचेरी में 5 नवंबर तक बारिश हो सकती है। चेन्नई की 48% बारिश इसी सीजन में होती है।

उत्तर-पूर्वी मानसून को विंटर मानसून भी कहते हैं। इससे दिसंबर तक कई चक्रवात बनने की भी संभावना है।