पार कैनेडियन रेलमार्ग (Trans Canadian Railway Route) का वर्णन कीजिए। पार कैनेडियन रेलमार्ग का महत्व बताइए।
यह रेलमार्ग कनाडा के पूर्व में अटलांटिक महासागर के तट पर स्थित सेंट जॉन व हैलीफैक्स बन्दरगाहों को पश्चिम में प्रशांत महासागर तट पर स्थित वैंकूवर बंदरगाह से मिलाता है। इसका निर्माण 1886 में हुआ तथा इसकी लम्बाई 7050 km है। यह रेलमार्ग हैलीफैक्स बन्दरगाह से शुरू होकर कनाडा के व्यापारिक नगर मांट्रियल पहुँचता है। यहाँ से ओटावा नदी किनारे होता हुआ, कनाडा की राजधानी ओटावा (जो लकड़ी, लुग्दी, वन्य उत्पाद, कागज व हल्के उद्योगों के लिए प्रसिद्ध है) पहुँचता है। यहाँ से ह्यूरन झील के उत्तर में स्थित सडबरी नगर पहुँचता है, जो बड़ा खनन केंद्र है। यहाँ से यह ओंटेरियो पठार को पार करके कनाडा के प्रेयरी प्रदेश में विनिपेग नगर पहुँचता है, जो विश्व-प्रसिद्ध गेंहू मंडी है। यहाँ से पश्चिम की ओर आगे बढ़ता हुआ यह रेलमार्ग रेजिना नामक नगर होते हुए रॉकीज पर्वत की तलहटी में कैलगैरी पहुँचता है। यहाँ से उच्च पर्वतीय क्षेत्रों से होता हुआ फ्रेजर नदी के मुहाने तथा प्रशांत महासागर के तट पर स्थित वैंकूवर नगर पर समाप्त होता है।
Trans Canadian Railway Route |
कैनेडियन रेलमार्ग का महत्व :-
1. यह रेलमार्ग प्रशांत महासागर और अटलांटिक महासागर के बन्दरगाहों को जोड़ता है।
2. इससे समय और श्रम की बचत होती है, जबकि समुद्री जहाजों को पूरे उत्तरी अमेरिका महाद्वीप का चक्र लगाना पड़ता है तथा पनामा नगर के कठिन मार्ग से गुजरना पड़ता है।
3. यह रेलमार्ग वर्षभर यातायात सुविधा देता रहता है, जबकि शीतकाल में उच्च अक्षांशों के पास समुद्र जम जाता है।
4. इस रेलमार्ग के कारण कनाडा के पूर्व में उद्योग और पश्चिम कृषि विकसित हो सके।
5. इसी रेलमार्ग से प्रेयरी के वाणिज्य गेंहू उत्पादन को यूरोप के बाजारों की सुविधा मिल सकी।
6. कनाडा के अधिकांश नगर और जनसंख्या इसी रेलमार्ग के पास केन्द्रित हैं।
7. इस रेलमार्ग का प्रशासनिक और राजनीतिक महत्व है।