Skip to main content

मंदिर जाते समय चप्पल बाहर क्यों उतारे जाते हैं?

*चप्पल बाहर क्यों
  उतारते हैं*--------
मंदिर में प्रवेश नंगे पैर ही करना पड़ता है, यह नियम दुनिया के हर मंदिर में है..।
इसके पीछे वैज्ञानिक कारण यह है कि मंदिर की फर्शों का निर्माण पुराने समय से अब तक इस प्रकार किया जाता है कि ये इलेक्ट्रोनिक और मैग्नैटिक तरंगों का सबसे बड़ा स्त्रोत होती हैं। जब इन पर नंगे पैर चला जाता है तो अधिकतम ऊर्जा पैरों के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर जाती है..।
     *दीपक के ऊपर हाथ*
      *घुमाने का वैज्ञानिक*      
              *कारण*
आरती के बाद सभी लोग दिए पर या कपूर के ऊपर हाथ रखते हैं और उसके बाद सिर से लगाते हैं और आंखों पर स्पर्श करते हैं। ऐसा करने से हल्के गर्म हाथों से दृष्टि सक्रिय होती है और बेहतर महसूस होता है..।
     *मंदिर में घंटा लगाने*
           *का कारण*
जब भी मंदिर में प्रवेश किया जाता है तो दरवाजे पर घंटा टंगा होता है जिसे बजाना होता है। मुख्य मंदिर (जहां भगवान की मूर्ति होती है) में भी प्रवेश करते समय घंटा या घंटी बजानी होती है, इसके पीछे कारण यह है कि इसे बजाने से निकलने वाली ध्वनि की तरंगें सात सेकंड तक गूंज बनी रहती है जो शरीर के सात हीलिंग सेंटर्स को सक्रिय कर देती है..।
       *भगवान की मूर्ति*
मंदिर में भगवान की मूर्ति को गर्भ गृह के बिल्कुल बीच में रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस जगह पर सबसे अधिक ऊर्जा होती है जहां सकारात्मक सोचष से खड़े होने पर शरीर में सकारात्मक ऊर्जा पहुंचती है और नकारात्मकता दूर भाग जाती है।
       *परिक्रमा  करने के*
      *पीछे वैज्ञानिक कारण*
हर मुख्य मंदिर में दर्शन करने और पूजा करने के बाद परिक्रमा करनी होती है। परिक्रमा 1,3,5,7  बार करनी होती है। जब मंदिर में परिक्रमा की जाती है तो सकारात्मक ऊर्जा, शरीर में प्रवेश करती है और मन को शांति मिलती है..।
            सुप्रभातम्  ।🙏🙏