बीते वर्ष 2023 के मानसून ने हिमाचल प्रदेश में क्यों मचाई थी तबाही?
बीते वर्ष के मानसून ने भयानक तबाही मचाई थी. बीते वर्ष मानसून पर पश्चिमी विक्षोभ का बहुत ज्यादा प्रभाव देखने को मिला. मानसून और पश्चिमी विक्षोभ के आपस में मिलने से बहुत ज्यादा बारिशें होती हैं. इतिहास में जब जब ऐसा देखने को मिला है तब तब भूस्खलन, बाढ़, कैचमेंट एरिया में ज्यादा बरिशें होना आदि घटनाएं देखने को मिली हैं. हालांकि पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव अमूमन मानसून पर देखने को मिलता है, लेकिन बीते वर्ष जुलाई, अगस्त और सितंबर महीने में इसका बहुत ज्यादा प्रभाव देखने को मिला था, जिससे भयानक तबाही का मंजर प्रदेश में देखने को मिला था. इस वर्ष भी पश्चिमी विक्षोभ का मानसून से मिलना संभव है और नदी नालों के आसपास के क्षेत्रों में भी नुकसान होने की आशंका है.
बीते वर्ष के मानसून ने भयानक तबाही मचाई थी. बीते वर्ष मानसून पर पश्चिमी विक्षोभ का बहुत ज्यादा प्रभाव देखने को मिला. मानसून और पश्चिमी विक्षोभ के आपस में मिलने से बहुत ज्यादा बारिशें होती हैं. इतिहास में जब जब ऐसा देखने को मिला है तब तब भूस्खलन, बाढ़, कैचमेंट एरिया में ज्यादा बरिशें होना आदि घटनाएं देखने को मिली हैं. हालांकि पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव अमूमन मानसून पर देखने को मिलता है, लेकिन बीते वर्ष जुलाई, अगस्त और सितंबर महीने में इसका बहुत ज्यादा प्रभाव देखने को मिला था, जिससे भयानक तबाही का मंजर प्रदेश में देखने को मिला था. इस वर्ष भी पश्चिमी विक्षोभ का मानसून से मिलना संभव है और नदी नालों के आसपास के क्षेत्रों में भी नुकसान होने की आशंका है.