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भविष्य का नियोजित मेगासिटी एवं सिलिकॉन वैली ऑफ मिडल ईस्ट - द लाइन (Neom City प्रोजेक्ट के तहत सऊदी अरब की नवीनतम विश्व नगरी)

 

सऊदी अरब:- 10 लाख आबादी के लिए 3 लेयर वाला नया शहर "The Line" बनना शुरू।

दुनिया भर में बढ़ते कार्बन उत्सर्जन के खतरे से निपटने और पर्यावरण का ध्यान रखने के लिए सऊदी अरब ने जीरो उत्सर्जन वाला शहर बनाने की घोषणा की है। सऊदी अरब ने नियोम बिजनेस जोन के तहत शून्य कार्बन उत्सर्जन वाले शहर की योजना की घोषणा की है। इस शहर का नाम 'द लाइन' होगा। यह शहर लाल सागर के तट पर सऊदी अरब का भविष्य का व्यावसायिक केंद्र बनेगा।

सऊदी अरब दुनिया का प्रमुख कच्चा तेल निर्यातक है और सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने वाले देशों में भी शामिल है। तेल समृद्ध देश के क्राउन प्रिंस के मुताबिक शून्य कार, शून्य सड़क और शून्य कार्बन उत्सर्जन वाले ईको-शहर में दस लाख लोग रह सकेंगे। पूरा शहर स्वच्छ ऊर्जा से संचालित, सड़कों और कारों का नामोनिशां नहीं, हर तरफ हरियाली...ये किसी फिल्म का दृश्य नहीं, सऊदी अरब में आकार ले रही फ्यूचर सिटी 'द लाइन' का है। इस इको सिटी का निर्माण शुरू हो चुका है। 2024 तक लोग इसमें जाकर रह सकेंगे। करीब 170 किमी लंबे इस अनूठे क्षेत्र को लेकर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने 'द लाइन' को सेंट्रल स्पाइन बताते हुए बीते 10 जनवरी 2021 में महत्वाकांक्षी योजना साझा की थी।

सऊदी अरब के पश्चिमोत्तर में नियोम लाल सागर के तट पर 26,500 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला होगा और इसकी सीमाएं जॉर्डन और मिस्र को छूएंगी। साल 2017 में नियोम बिजनेस जोन (स्पेशल आर्थिक क्षेत्र - SEZ) की घोषणा हुई थी।  इस नए के तहत क्राउन प्रिंस का इरादा युवाओं को नौकरियां देने का है. नियोम

प्रोजेक्ट का उद्देश्य - सऊदी अरब को सिलिकॉन वैली जैसे तकनीकी केंद्र में बदलना है। यहां उन्हें आशियाना मिलेगा जो असाधारण जिदंगी चाहते हैं। यहां पर कारोबार की उन्नति के साथ पर्यावरण संरक्षण पर फोकस रहेगा। यहां पर एआई पावर्ड फ्लाइंग ड्रोन टैक्सी, रोबोटिक डायनोसोर के साथ जुरासिक पार्क जैसा एम्यूजमेंट पार्क भी होगा। दुनिया का सबसे बड़ा कोरल गार्डन, क्लाउड सीडिंग और विशाल कृत्रिम चांद यहां का नजारा अद्भुत बना देंगे। यह फ्री जोन होगा, यानी यहां के कानून सऊदी के कानूनों से पूरी तरह अलग होंगे।

अब बुलडोजर्स ने यहां के पहाड़ों को हिलाना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि निर्माण तीन स्तरों में होगा। पहली लेयर पैदल चलने वालों के लिए, बाकी दो लेयर्स ट्रांसपोर्ट और बुनियादी ढांचे के लिए रहेगी। प्रोजेक्ट के सीईओ नदमी अल नस्र बताते हैं, 'बड़ा प्रोजेक्ट होने के चलते डेवलपर्स दो सिरों से इसका काम शुरू कर रहे हैं। इस इको सिटी में 10 लाख लोग रह सकेंगे। ये अल्ट्रा हाईस्पीड ट्रांजिट और ऑटोनोमस मोबिलिटी सॉल्यूशंस से जुड़े रहेंगे। स्कूल, रेस्त्रां, दुकानें सभी रिहाइशी क्षेत्रों से महज 5 मिनट की दूरी पर होंगे। कोई भी यात्रा 20 मिनट से ज्यादा की नहीं होगी। निर्माण ऐसा होगा कि 95% प्राकृतिक संसाधन सुरक्षित रहेंगे। प्रोजेक्ट पर 15 लाख करोड़ खर्च होंगे। इससे 3.8 लाख नौकरियां पैदा होंगी। फिलहाल 1500 कर्मचारी साइट पर ही रहकर काम रहे हैं।

"द लाइन' प्रोजेक्ट निओम का हिस्सा है, जिसके तहत सऊदी की जॉर्डन व मिस्र से लगती सीमा पर 37.5 लाख करोड़ के खर्च से मेगासिटी (Megacity) का निर्माण होना है। यह प्रोजेक्ट दुनिया का सबसे बड़ा कार्बन मुक्त सिस्टम होगा। इसके 16 उपनगर होंगे। ऊर्जा के लिए ये विंड व सोलर एनर्जी पर निर्भर रहेंगे। यहां पानी को ऑक्सीजन और फ्यूल के लिए हाइड्रोजन में बदलने जैसी अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल होगा।

Source: Bloomberg से विशेष अनुबंध के तहत दैनिक भास्कर की रिपोर्ट (03.11.2021)