नवनिश्चयवाद या आधुनिक निश्चयवाद अथवा रुको और जाओ निश्चयवाद अथवा वैज्ञानिक निश्चयवाद विचारधारा क्या है ? What is neo-determinism or modern determinism or stop-and-go determinism or scientific determinism ideology?
जहाँ नियतिवादी विद्वान् प्रकृति (Nature) को समस्त मानवीय क्रियाओं का नियंत्रक (Determinant) मानते हैं, वहीं सम्भववादी विद्वान् प्रकृति के इस नियंत्रण में कुछ संभावनाओं को तलाशते हैं।
इन दोनों विचारधाराओं के समन्यव के रूप में एक तीसरी विचारधारा आस्ट्रेलियाई भूगोलवेत्ता ग्रिफिथ टेलर ने प्रस्तुत की, जो पर्यावरण निश्चयवाद तथा सम्भववाद की चरम सीमाओं के बीच का दर्शन या विचारधारा है।
ग्रिफिथ टेलर ने इस विचारधारा को नव निश्चयवाद या आधुनिक निश्चयवाद अथवा रुको और जाओ निश्चयवाद (STOP and GO DETERMINISM) अथवा वैज्ञानिक निश्चयवाद या नव नियतिवाद (Neo Environmental Determinism) कहा है।
ग्रिफिथ टेलर का मानना था कि “वास्तव में न तो प्रकृति का ही मनुष्य पर पूरा नियन्त्रण है और न ही मनुष्य प्रकृति का पूर्ण विजेता है; दोनों का एक - दूसरे से क्रियात्मक सम्बन्ध है।”
उसने इस कथन को समझाने हेतू उदाहरण स्वरूप यातायात चौराहे पर खड़े ट्रैफिक पुलिस के सिपाही से उदाहरण प्रस्तुत किया; कि जिस प्रकार ट्रैफिक चौराहे पर खड़ा सिपाही या लाल बत्ती (Red Light) कुछ समय के लिए ट्रैफिक को नियंत्रित तो कर सकते हैं, पर पूर्ण रूप से सदा के लिए नहीं रोक सकते हैं अर्थात रुको (लाल बत्ती) और जाओ (हरी बत्ती) का सिद्धांत।
इसी प्रकार प्रकृति मानव को अपने नियन्त्रण में तो रखती है परन्तु मानव उसमें अपने विवेक व बुद्धि से सम्भावनाएं प्रस्तुत करता है। इसके विपरीत कभी – कभी जब मानव अपने आपको सर्वोपरी समझने लगता है तो प्रकृत्ति अपनी पलक झपकाने मात्र अवधि एवं शक्ति से मानव को अपना रौद्र रूप दिखाती है। जैसे – भयंकर भूकम्प (26 जनवरी 2001 को भुज, गुजरात) व सुनामी (26 दिसंबर 2004 को हिन्द महासागर में), सूखा एवं बाढ़ आदि।
दूसरे शब्दों में नव – निश्चयवाद विचारधारा के समर्थकों का मानना है कि “मानव, प्रकृति का आज्ञापालक बनकर ही इस पर विजय प्राप्त कर सकता है।”
इन दोनों विचारधाराओं के समन्यव के रूप में एक तीसरी विचारधारा आस्ट्रेलियाई भूगोलवेत्ता ग्रिफिथ टेलर ने प्रस्तुत की, जो पर्यावरण निश्चयवाद तथा सम्भववाद की चरम सीमाओं के बीच का दर्शन या विचारधारा है।
Australian geographer Griffith Taylor |
ग्रिफिथ टेलर ने इस विचारधारा को नव निश्चयवाद या आधुनिक निश्चयवाद अथवा रुको और जाओ निश्चयवाद (STOP and GO DETERMINISM) अथवा वैज्ञानिक निश्चयवाद या नव नियतिवाद (Neo Environmental Determinism) कहा है।
ग्रिफिथ टेलर का मानना था कि “वास्तव में न तो प्रकृति का ही मनुष्य पर पूरा नियन्त्रण है और न ही मनुष्य प्रकृति का पूर्ण विजेता है; दोनों का एक - दूसरे से क्रियात्मक सम्बन्ध है।”
उसने इस कथन को समझाने हेतू उदाहरण स्वरूप यातायात चौराहे पर खड़े ट्रैफिक पुलिस के सिपाही से उदाहरण प्रस्तुत किया; कि जिस प्रकार ट्रैफिक चौराहे पर खड़ा सिपाही या लाल बत्ती (Red Light) कुछ समय के लिए ट्रैफिक को नियंत्रित तो कर सकते हैं, पर पूर्ण रूप से सदा के लिए नहीं रोक सकते हैं अर्थात रुको (लाल बत्ती) और जाओ (हरी बत्ती) का सिद्धांत।
इसी प्रकार प्रकृति मानव को अपने नियन्त्रण में तो रखती है परन्तु मानव उसमें अपने विवेक व बुद्धि से सम्भावनाएं प्रस्तुत करता है। इसके विपरीत कभी – कभी जब मानव अपने आपको सर्वोपरी समझने लगता है तो प्रकृत्ति अपनी पलक झपकाने मात्र अवधि एवं शक्ति से मानव को अपना रौद्र रूप दिखाती है। जैसे – भयंकर भूकम्प (26 जनवरी 2001 को भुज, गुजरात) व सुनामी (26 दिसंबर 2004 को हिन्द महासागर में), सूखा एवं बाढ़ आदि।
दूसरे शब्दों में नव – निश्चयवाद विचारधारा के समर्थकों का मानना है कि “मानव, प्रकृति का आज्ञापालक बनकर ही इस पर विजय प्राप्त कर सकता है।”
Where the deterministic scholars consider nature as the determinant of all human actions, the possible scholars look for some possibilities in this control of nature.
As a synthesis of these two ideologies, a third ideology was presented by Australian geographer Griffith Taylor, which is a philosophy or ideology between the extremes of environmental determinism and possibilism.
Australian geographer Griffith Taylor |
Griffith Taylor has called this school of thought Neo Determinism or Modern Determinism or STOP and GO DETERMINISM or Scientific Determinism or Neo Environmental Determinism.
Griffith Taylor believed that “in reality neither nature has complete control over man nor man is the complete conqueror of nature; Both have a functional relationship with each other".
To explain this statement, he presented an example from the traffic police constable standing at the traffic intersection; That the way a policeman standing at a traffic intersection, or a red light (Red Light) can control the traffic for some time, but cannot stop it completely forever i.e., stop (red light) and go (green light) principle of.
Similarly, nature keeps human under its control, but human presents possibilities in it with his discretion and intelligence. On the contrary, sometimes when man starts considering himself to be supreme, then nature shows its fierce form to man with mere duration and power in the blink of an eye. For example – severe earthquake (Bhuj, Gujarat on 26 January 2001) and Tsunami (in Indian Ocean on 26 December 2004), drought and flood etc.
In other words, the proponents of neo-deterministic ideology believe that "human beings can conquer nature only by being obedient to it."
नव निश्चयवाद विचारधारा की प्रमुख विशेषताएं:-
1. यह विचाधारा, पर्यावरणीय निश्चयवाद और सम्भववाद के बीच का मार्ग प्रस्तुत करती है।
2. इसमें पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना (सतत पोषणीयता) समस्याओं को सुलझाने पर बल दिया जाता है।
3. इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य न तो पूर्ण रूप से प्रकृति पर निर्भर हो सकता है और न ही प्रकृति से स्वतंत्र रहकर जी सकता है।
4. प्रकृति पर विजय पाने के लिए हमें प्रकृति के नियमों का पालन करना होगा।
1. यह विचाधारा, पर्यावरणीय निश्चयवाद और सम्भववाद के बीच का मार्ग प्रस्तुत करती है।
2. इसमें पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना (सतत पोषणीयता) समस्याओं को सुलझाने पर बल दिया जाता है।
3. इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य न तो पूर्ण रूप से प्रकृति पर निर्भर हो सकता है और न ही प्रकृति से स्वतंत्र रहकर जी सकता है।
4. प्रकृति पर विजय पाने के लिए हमें प्रकृति के नियमों का पालन करना होगा।
5. विकास करते समय हमें प्राकृतिक सीमाओं (Limitations) का ध्यान रखना होगा। जैसे – औद्योगिक विकास करते समय जंगलों को नष्ट होने से बचना होगा, खनन करते समय अति दोहन से बचना होगा।
Main features of New Determinism ideology: -
1. This school of thought represents a middle ground between environmental determinism and possibilism.
2. Emphasis is placed on solving problems without harming the environment (sustainability).
3. According to this school of thought, man can neither be completely dependent on nature nor can he live independent of nature.
4. To conquer nature, we have to follow the laws of nature.
5. While developing, we have to take care of natural limitations. For example, forests have to be avoided while doing industrial development, over-exploitation has to be avoided while mining.