"जब मध्य और ऊपरी वातावरण की सतह पर भारी वायुमंडल दबाव बनता है तो उसकी वजह से यह परत एक अवरोध की तरह काम करती है और धरती से जो गर्म हवा ऊपर की ओर जाती है, यह वायुमंडलीय परत और दबाव की स्थिति उस गर्म हवा को धरती पर वापस भेज देती है।
ऐसी परिस्थितियां 'हिट डोम' कहलाती हैं जिसके कारण पृथ्वी पर ताप लहर (Heat Wave) जैसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं"।
जैसा कि जून 2021 के आखिरी सप्ताह में दुनिया के उत्तरी गोलार्ध में स्थित कुवैत, ईरान, ओमान और यूएई जैसे देशों में बना हुआ है। यहां के अधिकांश शहरों में औसत तापमान 50 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया है।
कुवैत के नवासिब शहर में तापमान 53.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है।
इसी के साथ दुनिया का सबसे ठंडा प्रांत साइबेरिया (रूस), जहां सामान्य तौर पर जून में तापमान -11 डिग्री सेल्सियस रहता है, वहां 120 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। वहां इस साल जून में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
वहां गर्मी इस कदर हो चुकी है कि शहरों में पानी का छिड़काव किया जा रहा है।