ब्रेक मानसून की घोषणा तब की जाती है "जब मॉनसून ट्रफ हिमालय की तलहटी में शिफ्ट हो जाती है। गंगा के मैदानी क्षेत्रों और देश के मध्य भागों में शुष्क पछुआ हवाओं द्वारा आर्द्र पूर्वी हवाओं की जगह ले ली जाती है"।
मानसून ब्रेक के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में मौसम लगभग शुष्क हो जाता है।
मानसून ब्रेक 10 से 15 दिन की मौसमी परिस्थितियां होती है।
इसे मानसून अंतराल (Monsoon Gap) कहते हैं।
वास्तव में मानसून की बारिश, मानसून की ऋतु में बरसात के और शुष्क मौसम के कुछ दौरों (Periods) के रूप में होती है। जिस अवधि में कुछ दिनों तक बरसात नहीं होती, वह अवधि मानसून ब्रेक कहलाती है।