क्या है IMEC?
IMEC ‘भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर’ (India–Middle East–Europe Economic Corridor) एक कनेक्टिविटी परियोजना है जिसका उद्देश्य भारत, अरब प्रायद्वीप, भूमध्यसागरीय क्षेत्र और यूरोप के बीच व्यापार को बेहतर बनाने और संभावित रूप से अफ्रीकी महाद्वीप तक अधिक पहुंच खोलने के लिए एक कॉरिडोर है। यह एक तरह से भारत के पुराने ‘मसाला रूट’ को रिवाइव करने की कवायद है। इसमें बुनियादी ढांचे, बंदरगाह, रेलवे, सड़कें, समुद्री लाइनें और पाइपलाइन विकसित करना शामिल है।
IMEC के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर सितंबर 2023 में नई दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), फ्रांस, जर्मनी, इटली, अमेरिका और EU द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।MoU पर हस्ताक्षर करने वालों के अलावा, इज़राइल और ग्रीस ने भी इसमें शामिल होने के बारे में उत्साह व्यक्त किया है।
दरअसल जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत ने एक वैश्विक आर्थिक गलियारे का प्रस्ताव रखा था। ये एक तरह से भारत के पुराने ‘मसाला रूट’ को रिवाइव करने की कवायद है। जी20 में पारित ‘भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर’ (IMEC) को लेकर जी7 देशों ने प्रतिबद्धता जताई गई है।
इस साल G7 की बैठक इटली में हुई है, भले ही भारत जी7 का सदस्य नहीं है, लेकिन इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी के विशेष आमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में शामिल होने के लिए इटली गए थे। इस बैठक में भारत के इस मसाला रूट प्लान पर मुहर लगी है। इसी प्लान को G7 के सम्मेलन में मंजूरी मिल गई है।
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IMEC ‘भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर’ (India–Middle East–Europe Economic Corridor) एक कनेक्टिविटी परियोजना है जिसका उद्देश्य भारत, अरब प्रायद्वीप, भूमध्यसागरीय क्षेत्र और यूरोप के बीच व्यापार को बेहतर बनाने और संभावित रूप से अफ्रीकी महाद्वीप तक अधिक पहुंच खोलने के लिए एक कॉरिडोर है। यह एक तरह से भारत के पुराने ‘मसाला रूट’ को रिवाइव करने की कवायद है। इसमें बुनियादी ढांचे, बंदरगाह, रेलवे, सड़कें, समुद्री लाइनें और पाइपलाइन विकसित करना शामिल है।
IMEC - India–Middle East–Europe Economic Corridor |
IMEC के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर सितंबर 2023 में नई दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), फ्रांस, जर्मनी, इटली, अमेरिका और EU द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।MoU पर हस्ताक्षर करने वालों के अलावा, इज़राइल और ग्रीस ने भी इसमें शामिल होने के बारे में उत्साह व्यक्त किया है।
दरअसल जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत ने एक वैश्विक आर्थिक गलियारे का प्रस्ताव रखा था। ये एक तरह से भारत के पुराने ‘मसाला रूट’ को रिवाइव करने की कवायद है। जी20 में पारित ‘भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर’ (IMEC) को लेकर जी7 देशों ने प्रतिबद्धता जताई गई है।
इस साल G7 की बैठक इटली में हुई है, भले ही भारत जी7 का सदस्य नहीं है, लेकिन इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी के विशेष आमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में शामिल होने के लिए इटली गए थे। इस बैठक में भारत के इस मसाला रूट प्लान पर मुहर लगी है। इसी प्लान को G7 के सम्मेलन में मंजूरी मिल गई है।