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विजयदशमी (दशहरा) के पावन अवसर पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण सीख - Happy Vijaydashmi to all of you

बुराई पर अच्छाई, अधर्म पर धर्म, अन्याय पर न्याय की विजय के पर्व (Festival) 
विजयदशमी (दशहरा) के पावन अवसर पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण सीख 

* Knowledge होना अच्छी बात है। अपने ज्ञान पर गर्व करने, लेकिन अहंकार (Over Confidence) न करें। 
क्योंकि 
विजयदशमी (दशहरा) से सीख मिलती है कि 'अहंकार' के कारण ही त्रिलोक के विजेता, सर्वज्ञानी रावण का कुल सहित नाश हुआ। 
 
* मैं श्रेष्ठ हूँ - ये आपका आत्म विश्वास (Self Confidence) है, लेकिन केवल मैं ही श्रेष्ठ हूँ - यह अहंकार है। उदाहरण के लिए रावण का जीवन देख लें। 

* जीवन संग्राम में बाहर के शत्रु नहीं हैं। असली शत्रु (अरूप रावण के रूप में) तो आज भी हमारे अंदर जिंदा हैं और वे हैं - काम, क्रोध, लोभ, मोह, ईर्ष्या - द्वेष, लालच, छल, अहंकार, हठ (पशुवर्ती) और 'मैं' में रहना। 

* हर साल रावण (दुर्गुणों का पुलिंदा) के बड़े - बड़े पुतले जलाना ही विजयदशमी (दशहरा) नहीं हैं। राम के जीवन से सीख लेते हुए, किसी अच्छे गुण को जीवन में धारण करना  तथा रावण रूपी अंदुरूनी दुर्गुणों का नाश करना ही सही मायने में "विजयदशमी" है। 

* आओ इस विजयदशमी पर मद (Pride), लोभ (Greed), क्रोध (Anger), वासना (Lust), माया (Delusion), ईर्ष्या - द्वेष (Jealousy), नकारात्मकता (Negativity), स्वार्थपरता (Selfishness), घृणा (Hatred) और अहंकार (Ego) रूपी अपने भीतर छिपी दस बुराइयों का दहन करें। 
(Kill these evils before they Destroy You)

*हमारे अंदर ही हैं राम और रावण*

राम राजा थे तो रावण भी राजा थे, 
राम परमवीर थे तो रावण भी महाबली था, 
राम ज्ञानी थे, तो रावण भी महाज्ञानी था,
राम सन्यासी थे, तो रावण संयमी था, 
राम ने पति धर्म निभाया था, तो रावण ने भी भ्राता धर्म निभाया, 
राम ने पिता को दिया वचन निभाया, तो रावण ने बहन को दिया वचन निभाया
सत्य राम थे, तो झूठा रावण भी नहीं था। 

फिर !
राम - रावण में युद्ध हुआ तो जीत राम की क्यों हुई और रावण हारा क्यों ?

वास्तव में 
यह युद्ध था ज्ञान और महाज्ञान का 
सही और गलत का 
सत्य से ऊपर अति आत्म विश्वास का 
परिजनों की सलाह मानने और न मानने का 
मर्यादित राम और मतिभ्रम दशानन रावण का
राम नीति और रावण प्रवृति का 
त्यागी राम और अहंकारी रावण का। 

आइए इस दशहरे पर देश, समाज और अपने अंदर के राम और रावण को पहचाने। 
बुद्धि और बल का देश और समाज के लिए उचित - अनुचित का भेद करते हुए, सही और गलत को जानते हुए तथा सत्य और अहंकार में भेद करते हुए प्रयोग करें। 

आप सबको विजयदशमी (दशहरा) की  हार्दिक शुभकामनाएं 

*Happy Vijaydashmi*