From ₹1 lakh in 2005 to ₹12 lakh in 2025—the Government has consistently empowered the middle class with higher tax-free limits!
✅ 2005 – ₹1 lakh
✅ 2012 – ₹2 lakhs
✅ 2014 – ₹2.5 lakhs
✅ 2019 – ₹5 lakhs
✅ 2023 – ₹7 lakhs
✅ 2025 – ₹12 lakhs
नए इनकम टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में स्टैंडर्ड डिडक्शन और कुछ अन्य चुनिंदा छूटें दी जाती हैं, लेकिन यह पुरानी व्यवस्था की तुलना में कम है। यहाँ मुख्य छूटें दी गई हैं:
1. स्टैंडर्ड डिडक्शन
वेतनभोगी (Salaried) और पेंशनभोगी व्यक्तियों को ₹50,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है।
2. NPS (National Pension System) में छूट
नियोक्ता (Employer) द्वारा दिए गए योगदान पर सेक्शन 80CCD(2) के तहत छूट मिलती है।
यह वेतन का 10% (निजी सेक्टर के लिए) और 14% (सरकारी कर्मचारियों के लिए) तक हो सकता है।
3. EPF और ग्रेच्युटी पर छूट
एम्प्लॉयर द्वारा प्रोविडेंट फंड (EPF) में योगदान और ग्रेच्युटी की छूट बनी रहती है।
4. रिटायरमेंट और लीव एनकैशमेंट पर छूट
सरकारी कर्मचारियों और कुछ अन्य मामलों में लीव एनकैशमेंट पर छूट मिलती है।
5. जीवन बीमा और पीपीएफ की परिपक्वता राशि पर छूट
यदि किसी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी या PPF (Public Provident Fund) की परिपक्वता राशि टैक्स-फ्री है, तो वह नई व्यवस्था में भी टैक्स फ्री रहेगी।
किन चीजों पर छूट नहीं मिलती?
नई टैक्स व्यवस्था में निम्नलिखित लोकप्रिय कटौतियाँ नहीं मिलतीं:
❌ 80C की छूट (PPF, LIC, EPF, ELSS, होम लोन प्रिंसिपल आदि)
❌ 80D की छूट (हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम)
❌ HRA (House Rent Allowance) छूट
❌ होम लोन पर ब्याज की छूट (Section 24b)
❌ 80E (शिक्षा ऋण ब्याज की छूट)
❌ LTA (Leave Travel Allowance)
निष्कर्ष:
अगर आपके पास ज्यादा टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट्स नहीं हैं और आप कम टैक्स दरों का फायदा उठाना चाहते हैं, तो नई टैक्स व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो सकती है। लेकिन अगर आप 80C, HRA, और अन्य कटौतियों का लाभ उठाते हैं, तो पुरानी व्यवस्था आपके लिए अधिक फायदेमंद हो सकती है।
🔰 Budget की घोषणाएं
1. अगले 6 साल मसूर, तुअर जैसी दालों की पैदावार बढ़ाने के लिए फोकस।
2. कपास की पैदावार बढ़ाने के लिए 5 साल का मिशन, इससे देश का कपड़ा उद्योग मजबूत बनेगा।
3. किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख होगी।
4. बिहार में मखाना बोर्ड बनेगा, इससे छोटे किसानों और व्यापारियों को फायदा।
5. छोटे उद्योगों को विशेष क्रेडिट कार्ड, पहले साल 10 लाख कार्ड जारी होंगे।
6. MSME के लिए लोन गारंटी कवर 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़, 1.5 लाख करोड़ तक का कर्ज मिलेगा।
7. स्टार्टअप के लिए लोन 10 करोड़ से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए किया जाएगा। गारंटी फीस में भी कमी होगी।
8. खिलौना उद्योग के लिए मेक इन इंडिया के तहत विशेष योजना शुरू की जाएगी।
9. 23 IIT में 1.35 लाख स्टूडेंट्स मौजूद - IIT पटना का विस्तार होगा।
10. एक्सीलेंस फॉर आर्टिफिशियल फॉर AI के लिए 500 करोड़ रुपए का ऐलान।
11. मेडिकल एजुकेशन में अगले 5 साल में 75 हजार सीटें बढ़ाने का ऐलान।