Human Chain by GMSSSS Model Town Sonipat Geography Students on World Ozone Day (विश्व ओज़ोन दिवस) क्यों मनाया जाता है ओजोन दिवस?
Jagran News on World Ozone Day 2023 |
Celebration and Awareness message by GMSSSS Model Town Sonipat's Geography Students on World Ozone Day - 2023 |
विश्व ओज़ोन दिवस पर हमारे विद्यार्थी मानव शृंखला बनाकर ओज़ोन और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए |
Human Chain by GMSSSS Model Town Sonipat Geography Students on World Ozone Day - 2023 |
Video -Geography Students of GMSSSS Model Town Sonipat Form Human Chain on World Ozone Day
Human Chain by GMSSSS Model Town Sonipat Geography Students on World Ozone Day - 2023 |
Human Chain by GMSSSS Model Town Sonipat Geography Students on World Ozone Day - 2023 |
Video -Geography Students of GMSSSS Model Town Sonipat Form Human Chain on World Ozone Day
Human Chain by GMSSSS Model Town Sonipat Geography Students on World Ozone Day - 2023 |
Celebration and Awareness message by GMSSSS Model Town Sonipat's Geography Students on World Ozone Day - 2023 |
World Ozone Day 2021 Celebration by GSSS Ugala Students |
World Ozone Day 2021 Celebration by GSSS Ugala Students |
Video व्याख्यान के लिए यहाँ Ultimate Geography पर क्लिक करें।
क्यों मनाया जाता है ओजोन दिवस
16 सितंबर को पूरी दुनिया में ओजोन दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों को ओज़ोन लेयर के महत्व के बारे में जागरूक किया जा
सके तथा विश्व स्तर पर इसे बचाने के लिए समाधान निकाले जा सकें।
जीवन के लिए ऑक्सीजन की तरह जरूरी ओजोन है। अगर वायुमंडल में ओज़ोन परत न हो तो सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणें पृथ्वी के धरातल तक पहुँच जायेंगी और सभी जीव – जंतुओं, पेड़
पौधों एवं मनुष्यों को त्वचा कैंसर हो जाएगा। इनके प्रभाव से समुद्रों में
प्लैंकटन और स्थल पर पेड़ – पौधों में भोजन निर्माण प्रक्रिया प्रभावित हो जाएगी,
जिसके कारण सम्पूर्ण पृथ्वी पर सभी प्रकार की खाद्य शृंखला (food chain) प्रभावित हो जाएगी। ओजोन
परत को नुकसान पहुंचने से जैविक विविधता पर भी असर पड़ता है और कई फसलें नष्ट हो
सकती हैं।
क्या है ओजोन परत? Video व्याख्यान के लिए यहाँ Ultimate Geography पर क्लिक करें।
ओजोन (Ozone), एक हल्के नीले रंग की गैस होती है जो
आक्सीजन के तीन परमाणुओं (O3) का यौगिक है। ओजोन परत, पृथ्वी के
वायुमंडल में समतापमण्डल में 10 से
50 किलोमीटर की ऊँचाई पर मिलने वाली एक पतली से परत है। ओजोन लेयर
हमें सूरज से आने वाली खतरनाक पराबैंगनी (अल्ट्रावायलेट) किरणों (UV) को फिल्टर कर उसके
दुष्प्रभावों से बचाती है।
ओजोन परत की खोज 1913 में फ्रांस के भौतिक विद्वानों फैबरी चार्ल्स और हेनरी
बुसोन ने की थी।
ओजोन (O3) आक्सीजन के तीन
परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस है। समतापमण्डल में ओज़ोन गैस का निर्माण प्राकृतिक रूप से होता रहता है।
जब सूर्य की किरणें (light)
वहाँ मौजूद O2 गैस अणुओं से टकरती हैं तो ये अणु
दो अलग – अलग अणुओं O + O में टूट जाते
हैं तथा यही अणु O वहाँ मौजूद किसी अन्य O2
से जा मिलते हैं जिससे (O + O2
® O3) ओज़ोन गैस (O3) का निर्माण होता है।
इस प्रक्रिया के दौरान ओज़ोन गैस (O3) सूरज से आने वाली अल्ट्रावायलेट किरणों (UV) को सोखती (absorbs) रहती है तथा इसके अणु (O3
® O2 + O) पुन: टूट जाते
हैं। इस प्रकार के प्राकृतिक प्रक्रिया चलती रहती हैं।
लेकिन जब से रेफ्रीजरेशन तकनीक विकसित हुई है, तब से फ्रिज, AC आदि यंत्रों में भरी जाने वाली
क्लोरोफ़्लोरोकार्बन (CFC) (Chloroflourocarbon) गैस, इस परत के ह्रास (छिद्र – ओज़ोन परत का पतला होना) में मुख्य भूमिका
निभा रही है। क्लोरोफ़्लोरोकार्बन गैस के अणु (molecule),
ओज़ोन के अणुओं के साथ अभिक्रिया करके इनका ह्रास करते रहते हैं। जिसे से ओज़ोन परत
की मोटाई कम होती जा रही है, जिसे सामान्यत: ओज़ोन छिद्र के रूप में परिभाषित किया
जाता है। दिनों-दिन बढ़ रही औद्योगिक गतिविधियों के कारण आज हमारे जीवन को बचाने
वाली ओजोन परत को खतरा पैदा हो गया है।
ओजोन दिवस का इतिहास
लोगों को ओजोन परत के महत्व और पर्यावरण
पर पड़ने वाले उसके असर के बारे में जानकारी देने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA - The
United Nations General Assembly) ने 19 दिसंबर, 1994 को “16 सितंबर” को ओजोन परत के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाए जाने के लिए घोषित किया। (The United Nations General Assembly on 23rd January, 1995 adopted resolution 49/114 which proclaims 16th September as the
World Ozone Day)
16 सितंबर 1987
को संयुक्त राष्ट्र और 45 अन्य देशों ने ओजोन
परत को खत्म करने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol) (मॉन्ट्रियल, कनाडा का दूसरा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला एक सुंदर और प्रमुख शहर है) पर हस्ताक्षर किए थे। मॉन्ट्रियल
प्रोटोकॉल का उद्देश्य ओजोन परत की कमी के लिए जिम्मेदार पदार्थों के उत्पादन को
कम करके ओजोन परत की रक्षा करना है।
16 सितंबर 1995 को पहली बार ‘विश्व ओजोन दिवस’
(World Ozone Day) मनाया गया। इसे ‘अंतर्राष्ट्रीय ओज़ोन परत संरक्षण दिवस’ (International Day for the Preservation of the
Ozone Layer) भी कहा जाता है।
World Ozone Day |
ओजोन
परत को बचाने के प्रयासों का ही परिणाम है कि आज बाजार में ओजोन
फ्रेंडली फ्रिज, कूलर आदि आ गए हैं। इस परत को बचाने के
लिए जरूरी है कि प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम हो, रूम फ्रेशनर्स व केमिकल
परफ्यूम का उपयोग न किया जाए, फोम के गद्दों का इस्तेमाल न किया जाए और ओजोन
फ्रेंडली रेफ्रीजरेटर, एयर कंडीशन का ही इस्तेमाल किया जाए।
इसके
साथ
– साथ घरों की
बनावट ओजोन फ्रेंडली हो, जिसमें
रोशनी, हवा व ऊर्जा के लिए प्राकृतिक
स्त्रोतों का प्रयोग किया जा सके।
यह
धरती हमें एक विरासत के तौर पर मिली है जिसे हमें आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित
रूप में देना
है। हमें ऐसे प्रयास एवं कार्य करने चाहिए जिनसे ना सिर्फ वर्तमान
पीढ़ी को फायदा
हो बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियाँ भी इस बेहद खूबसूरत धरती और
प्राकृतिक वातावरण का
आनंद ले सके।
वर्ष 2020 में इस
दिवस का मुख्य विषय (Theme) था - “Ozone for Life: 35 years of ozone layer protection”
भारत में The Ministry of Environment, Forest and Climate ने वर्ष 2019 में “the India Cooling Action Plan (ICAP)” लॉन्च किया, जो वर्ष 2021 में World Ozone Day की थीम के रूप में प्रयुक्त किया है।
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Save Ozone
Save Environment
Save Earth
Save Life