Name of Months |
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Months Name in English Language |
अंग्रेजी महीनों के हिंदी भाषा में नाम |
भारतीय महीनों के स्थानीय नाम |
दिनों की संख्या |
January |
जनवरी |
माघ |
31 |
February |
फरवरी |
फाल्गुन (फागुन) (अंतिम महीना) |
28 / 29 |
March |
मार्च |
चैत्र (पहला महीना) |
31 |
April |
अप्रैल |
वैशाख (बशाख) |
30 |
May |
मई |
ज्येष्ठ (जेठ) |
31 |
June |
जून |
आषाढ़ (साढ़) |
30 |
July |
जुलाई |
श्रावण (सावन) |
31 |
August |
अगस्त |
भाद्रपद (भादवा) (भादो) |
31 |
September |
सितम्बर |
आश्विन (आशोज) (कवार) |
30 |
October |
अक्टूबर |
कार्तिक (कात्यक) |
31 |
November |
नवम्बर |
मार्गशीर्ष (मंगसर्ह) (अगहन) |
30 |
December |
दिसम्बर |
पौष (पौह) (पूस) |
31 |
भारतीय महीने भी 12 ही होते हैं, लेकिन ये ऋतु चक्र पर निर्भर होते हैं।
चंद्रमा (Moon) की कला (आकार) के घटने – बढ़ने के आधार पर एक माह (Month), जिसे चंद्रमास (चंद्रमा पर आधारित) में दो पक्ष होते हैं। अमावस्या (New Moon) से पूर्णिमा (Full Moon) तक कृष्ण पक्ष (अंधेर) तथा पूर्णिमा (Full Moon) से अमावस्या (New Moon) तक शुक्ल पक्ष (चांदन) कहलाता है।
चंद्रमास के नाम : चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, अगहन, पौष, माघ और फाल्गुन।
पूर्णिमा के दिन, चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है उसी आधार पर महीनों का नामकरण हुआ है।
सौर-वर्ष से 11 दिन 3 घटी 48 पल छोटा है चंद्र-वर्ष इसीलिए हर 3 वर्ष में इसमें 1 महीना जोड़ दिया जाता है।
सौरमास 365 दिन का और चंद्रमास 355 दिन का होने से प्रतिवर्ष 10 दिन का अंतर आ जाता है। इन दस दिनों को चंद्रमास ही माना जाता है। फिर भी ऐसे बढ़े हुए दिनों को 'मलमास' या 'अधिमास' कहते हैं।
Note
(1) विक्रम
संवत् का आरंभ 57 ईस्वी पूर्व (B. C.) में उज्जैन के राजा विक्रमादित्य के नाम पर हुआ था।
(2) सक सम्वत (SAKA ERA) की शुरूआत 78 A.D. से हुई, जबकि इसे भारत के राष्ट्रीय कैलेंडर (National Calendar) के रूप में 1957 से अपनाया गया।
(3) हिजरी सम्वत (HIJRA ERA) की शुरूआत 622 A.D. से हुई।