विगत कई वर्षों से हिमालय में मौसम चक्र परिवर्तन हो रहा है, जिसके प्रभाव अब स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं ? For the past several years, the weather cycle has been changing in the Himalayas, the effects of which are now clearly visible.
विगत कई वर्षों से हिमालय में मौसम चक्र परिवर्तन हो रहा है। समय पर हिमपात नहीं हो रहा है। नवंबर से मध्य जनवरी तक होने वाला हिमपात फरवरी अंतिम सप्ताह से लेकर अप्रैल तक हो रहा है।
जिसके चलते बर्फ जम नहीं पा रही है और हमेशा चमकने वाली चोटियों की बर्फ तेजी से पिघल रही है और चोटियां काली पड़ती जा रही है। मौसम जल्दी मेहरबान नहीं हुआ तो इस वर्ष कुछ मिथक टूटने वाले हैं। जिसमें ह्यूंचुली की बर्फ पिघलना है।
ह्यूंचुली की बर्फ कभी नहीं पिघलती है
नेपाल सीमा से लगे क्षेत्र में नारायण आश्रम के पास में एक चोटी है जिसे ह्यूंचुली कहा जाता है। अतीत से ही यह माना जाता रहा है कि ह्यूंचुली की बर्फ कभी नहीं पिघलती है। जिसके चलते भारत और नेपाल दोनों देशों में जब बुजुर्ग जन्म, नामकरण व अन्य शुभ कार्यों में छोटों को आशीर्वाद देते है तो उसमें लंबी उम्र के लिए ह्यूंचुली की बर्फ और नदी की रेत की तरह कभी खत्म नहीं होने वाला आशीष देते आए हैं। भारत-नेपाल के स्थानीय लोकगीतों में ह्यूंचुली का जिक्र किया जाता है।
समय से दो माह बाद बर्फबारी होने और तब तक तपिश बढ़ जाने से अधिकांश बर्फ पिघल जाती है। जिस कारण चोटियों पर बर्फ कम होती जा रही है।
पिछले करीब तीन माह (अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर) से वर्षा नहीं होने से पहाड़ में रात्रि में पाला गिरने लगा है। इससे सुबह के समय ठंड में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं रबी सीजन में बोई गई फसलों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। शाक-भाजी की पौध भी पाले से प्रभावित हो रही है। ऐसे में फसलों व सब्जियों की बढ़वार पर असर पड़ रहा है।
For the past several years, the weather cycle in the Himalayas has been changing. Snowfall is not happening on time. Snowfall that usually happens from November to mid-January is happening from the last week of February to April.
Due to this, the snow is not able to freeze and the snow of the peaks that used to shine is melting rapidly and the peaks are turning black. If the weather does not become kind soon, then this year some myths are going to be broken. One of them is the melting of snow of Hiunchuli.
The snow of Hiunchuli never melts
There is a peak near Narayan Ashram in the area bordering Nepal which is called Hiunchuli. It has been believed since the past that the snow of Hiunchuli never melts. Due to this, in both India and Nepal, when the elders bless the younger ones on the occasion of birth, naming and other auspicious occasions, they have been giving blessings for a long life like the snow of Hiunchuli and the sand of the river which will never end. Hiunchuli is mentioned in the local folk songs of India-Nepal.
Due to snowfall two months after the scheduled time and the heat increasing by then, most of the snow melts. Due to which the snow on the peaks is decreasing.
Due to no rainfall for the last three months (October, November and December), frost has started falling in the mountains at night. Due to this, the cold is increasing in the morning. At the same time, the crops sown in the Rabi season are also getting adversely affected. Vegetable plants are also getting affected by frost. In such a situation, the growth of crops and vegetables is getting affected.