अगर पृथ्वी पर मौजूद सारी बर्फ पिघल जाए तो क्या होगा? What will happen if all the ice on Earth melts?
अगर पृथ्वी पर मौजूद सारी बर्फ पिघल जाए तो क्या होगा?
वर्तमान समय में पृथ्वी का 71 प्रतिशत भाग जल क्षेत्र है, जबकि 29 प्रतिशत भाग स्थल क्षेत्र है। इस 71 प्रतिशत भाग जल क्षेत्र का 97 प्रतिशत भाग खारे जल के रूप में महासागरों और समुद्रों में स्थित है, जबकि शेष लगभग 3 प्रतिशत भाग बड़े-बड़े ग्लेशियरों के रूप में ग्रीनलैंड, आर्कटिक क्षेत्र या उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्र, अंटार्कटिका महाद्वीप या दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र तथा हिमालय, रॉकीज, एंडीज जैसे ऊँचे पर्वतीय क्षेत्रों की हिमानियों में जमा है।
दुनिया का करीब 5.5751 मिलियन वर्ग मील क्षेत्र यानी लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा बर्फ की चादर से ढका हुआ है।
अगर पृथ्वी का तापमान औसत तापमान, जो वर्तमान में 15 डिग्री सेल्सियस है, ग्लोबल वार्मिंग के कारण इसी तरह से बढ़ता रहा तो इस बात की बहुत ज्यादा संभावना है कि यह बर्फ पिघल कर समुद्रों में मिल जाएगी।
अगर पृथ्वी पर मौजूद यह सारी बर्फ पिघल जाए, तो बर्फ के पिघलने से वैश्विक स्तर पर समुद्रों का औसत जल स्तर लगभग 216 फीट से 230 तक बढ़ जाएगा। जिसके फलस्वरूप सातों महाद्वीप आंशिक रूप से पानी में डूब सकते हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि बर्फ के पिघलने से तटीय शहरों के डूबने का खतरा सबसे ज्यादा है। अगर ग्लेशियरों का पिघलना ऐसे ही जारी रहा तो विश्व मानचित्र से मिट जाएंगे कई बड़े तटीय शहर। जिनमें प्रमुख हैं - इंडोनेशिया का जकार्ता, बेल्जियम का ब्रुसेल्स, इटली का वेनिस, मिडिल ईस्ट के देश सऊदी अरब के पश्चिमी हिस्से में लाल सागर के किनारे बसा जेद्दा, अफ़्रीका महाद्वीप के देश सेनेगल की राजधानी, सेनेगल नदी और गैबिया नदी के बीच केप वर्ट प्रायद्वीप के पश्चिमी छोर पर स्थित डकार, गिनी की खाड़ी के दक्षिणी तट पर स्थित घाना की राजधानी और घाना का सबसे बड़ा शहरअक्रा, अरब सागर के किनारे स्थित भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई, दुनिया के सबसे ज़्यादा आबादी वाला राष्ट्रीय राजधानी शहर और शंघाई के बाद चीन का दूसरा सबसे बड़ा शहर बीजिंग, हांगकांग, जापान के पूर्व-मध्य होन्शू द्वीप पर स्थित वहाँ की राजधानी टोक्यो, दक्षिण अमेरिका में ब्राजील का प्रमुख शहर रियो डी जेनेरियो और दक्षिण अमेरिका के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित चांदी नदी के मुहाने पर बसा अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स, अमेरिका में दक्षिण-पश्चिम में गोल्डन गेट का शहर सैन फ्रांसिस्को, अमेरिका का सबसे बड़ा शहर न्यूयॉर्क, अमेरिका के दक्षिण-पूर्वी तट पर स्थित फ्लोरिडा आदि सब समुद्र में समा सकते हैं।
इन सभी शहरों में इन सभी देशों की सबसे ज्यादा आबादी बसी है।
इंडोनेशिया ने तो अपनी डूबती हुई राजधानी जकार्ता के स्थान पर नई राजधानी नुसंतारा को कई साल पहले से ही बसाना शुरू कर दिया है।
👉समुद्र के स्तर में बढ़ोतरी से समुद्री धाराओं में बदलाव आएगा।
👉इससे वैश्विक मौसम पैटर्न प्रभावित होंगे।
👉रेगिस्तानी इलाकों में भारी बारिश और बारिश वाले इलाकों में सूखा पड़ेगा।
👉इससे कृषि पर बुरा असर पड़ेगा और वैश्विक अकाल की स्थिति आ सकती है।
👉भारी बारिश से बाढ़ और चक्रवात आएंगे। पिघली हुई बर्फ़ से कार्बन-डाई-ऑक्साइड (CO2) गैस निकलेगी, जिससे वातावरण में ऑक्सीजन (O2) की मात्रा कम हो जाएगी।
👉जीव-जंतुओं के लिए सांस लेना मुश्किल हो जाएगा।
What will happen if all the ice on Earth melts?
At present, 71 percent of the Earth is water area, while 29 percent is land area. 97 percent of this 71 percent water area is located in oceans and seas in the form of salty water, while the remaining approximately 3 percent is deposited in the form of large glaciers in Greenland, Arctic region or North Polar region, Antarctica continent or South Polar region and glaciers of high mountain areas like Himalayas, Rockies, Andes.
About 5.5751 million square miles of the world i.e. about 10 percent of the world is covered with ice sheet.
If the average temperature of the Earth, which is currently 15 degrees Celsius, continues to increase in this way due to global warming, then there is a high possibility that this ice will melt and mix with the oceans.
If all this ice present on Earth melts, then the average water level of the seas will increase by about 216 feet to 230 feet globally due to melting of ice. As a result, all the seven continents can be partially submerged in water.
Scientists say that coastal cities are most at risk of sinking due to melting of ice. If the melting of glaciers continues like this, then many big coastal cities will disappear from the world map. Prominent among them are Jakarta of Indonesia, Brussels of Belgium, Venice of Italy, Jeddah situated on the Red Sea in the western part of the Middle East country Saudi Arabia, the capital of Senegal, a country in the African continent, Dakar situated on the western end of Cape Vert Peninsula between the Senegal River and the Gabia River, Accra, the capital of Ghana and the largest city of Ghana situated on the southern coast of the Gulf of Guinea, Mumbai, the economic capital of India situated on the shores of the Arabian Sea, Beijing, the most populous national capital city of the world and the second largest city of China after Shanghai, Hong Kong, Tokyo, the capital of Japan situated on the east-central Honshu Island, Rio de Janeiro, the major city of Brazil in South America and Buenos Aires, the capital of Argentina situated at the mouth of the Silver River situated on the south-eastern coast of South America, San Francisco, the city of the Golden Gate in the south-west of America, the largest city of America, New York, Florida situated on the south-eastern coast of America etc. can all be submerged in the sea.
The highest population of all these countries resides in all these cities.
Indonesia has already started building the new capital Nusantara in place of its sinking capital Jakarta many years ago.
👉Rising sea levels will change ocean currents.
👉This will affect global weather patterns.
👉Desert areas will experience heavy rainfall and rainy areas will experience drought.
👉This will have an adverse effect on agriculture and may lead to global famine.
👉Heavy rainfall will cause floods and cyclones. Melted ice will release carbon dioxide (CO2), which will reduce the amount of oxygen (O2) in the atmosphere.
👉It will become difficult for living beings to breathe.