नदी निर्मित स्थलाकृतियां River Landforms
नदी निर्मित स्थालाकृतियाँ
- किसी नदी द्वारा प्रमुख रूप से की जाने वाली अपरानात्मक प्रक्रियाएं हैं- अपघर्षण, सन्निघर्षण, विलयन, जल गति क्रिया द्वारा।
- नदी द्वारा लम्बवत कटाव के कारण गहरी एवं संकरी ‘आकार की घाटी’ का निर्माण होता है।
- अब लम्बवत कटाव के कारण गहराई बढती जाती है, तो गॅार्ज (महाखड्ड) का निर्माण होता है।
- हिमालय में सतलज, सिन्धु, ब्रह्मपुत्र महत्वपूर्ण गॅार्ज हैं।
- नदी की उपरी घाटी में ढाल प्रवणता में विभिन्न आकार के कारण ‘क्षिप्रिकाएं (कैटेरेक्ट)’ और जलप्राप्त पाएं जाते हैं।
- नदियाँ पर्वतों के नीचे पर्वतपादीय क्षेत्रों में कुछ अवसाद, बजरी और चट्टानी टुकड़ों के निक्षेप द्वारा आकृति बनती हैं, जिसे जलोढ़ शंकु या पंख कहते है। इसे उल्टा डेल्टा भी कहते हैं। जब जलोढ़ शंकु आपस में मिल जाते हैं तो भांवर क्षेत्र का निर्माण होता है।
- असम में माजुली द्वीप ब्रह्मपुत्र नदी के बीच एक गुंफित द्वीप है, जो विश्व का सबसे बड़ा नदी द्वीप है।
- नदियों द्वारा ‘गोखुर झील’ का निर्माण होता है।, इसे छाड़न झील या चौर भी कहा जाता है। नदी सागर के मुहाने से पहले महीन अवसादों के निक्षेपण द्वारा पंखनुमा आकृति का निर्माण करती है, जिसे डेल्टा कहते हैं।
नदी निर्मित स्थालाकृतियाँ | |
V आकार की घाटी | जलोढ़ शंकु |
गॅार्ज | जलोढ़ पंख |
कैनियन | प्राकृतिक बांध |
क्षिप्रिका | बढ़ का मैदान |
जल प्रपात | विसर्प |
अवनमन कुंड | गोखुर झील |
जल गर्तिका | डेल्टा |
विसर्प | |
नदी वेदिका | |
संरचनात्मक सोपान मोनेडनॅाक |
डेल्टा
- नदी जब सागर या झील में गिरती है तो उसके प्रवाह में अवरोध एवं वेग में कमी के कारण नदी के मलबे का निक्षेपण होने लगता है। नदी अपने पुरे जल को एक ही धारा में बहाने में असमर्थ होती है तथा अपने आपको कई धाराओं में विभाजित कर लेती है। इस प्रकार एक त्रिभुजाकार स्थलाकृति का निर्माण होता है। जिसे डेल्टा कहते हैं।