भारत में राष्ट्रवाद महत्वपूर्ण प्रश्न Nationalism in India - Essay Types Important Questions (Both Mediums)
Q 1
प्रथम विश्व युद्ध (1914-18) का भारत में राष्ट्रीय आन्दोलन पर क्या प्रभाव
पड़ा ?
Ans
प्रथम विश्व
युद्ध 1914 से 1918 के बीच हुआ जिसका भारत में राष्ट्रीय आन्दोलन पर निम्नलिखित
रूप से प्रभाव पड़ा :-
1) ब्रिटिश सरकार ने टैक्स
बढ़ाए।
2) टैक्स बढ़ने से देश में रोष
बढ़ा।
3) खाद्य पदार्थों की कमी ने
एकजुटता बढ़ाई।
4) सेना में जबरदस्ती भर्ती का विरोध हुआ।
5) बेरोजगारी व महंगाई बढ़ी।
Q 2 चम्पारण
सत्याग्रह का वर्णन कीजिए।
Ans चम्पारण, बिहार राज्य का उत्तर – पश्चिमी जिला है, जो नेपाल की सीमा से सटा हुआ भू भाग है। वर्ष 1917 में यहाँ के किसानों ने नील की खेती के विरोध में गाँधी जी के नेतृत्व में आन्दोलन किया, जिसे चम्पारण सत्याग्रह कहा जाता है।
वास्तव में यहाँ के किसान नील कई खेती नहीं करना चाहते थे, जबकि ब्रिटिश सरकार उनसे जबरदस्ती नील की खेती करवाती थी। ताकि उनके सूती कपड़ा मिलों को कपड़ा रंगने के लिए नील मिल सके। किसान इसलिए नील की खेती नहीं करना चाहते थे, क्योंकि इसकी खेती करने से उनकी जमीन बंजर हो जाती थी।
Q 3
अहमदाबाद में सूती कपड़ा मिल्स मजदूरों ने हड़ताल कब
और क्यों की ? अथवा पिकेटिंग से आप क्या समझते हैं ?
Ans अहमदाबाद में सूती
कपड़ा मिल्स मजदूरों ने 1918 में हड़ताल की ताकि उनके काम के घंटे निश्चित किए जा
सकें तथा उनका वेतन बढ़ाया जा सके। इसके लिए उन्होंने ‘पिकेटिंग’ की। पिकेटिंग, एक
प्रकार का विरोध करने का तरीका होता है जिसमें लोग या कर्मचारी किसी फैक्ट्री या
किसी ऑफिस के मुख्य द्वार पर बैठ जाते हैं तथा अंदर जाने का रास्ता रोक देते हैं।
Q 4
गाँधी जी के
अनुसार सत्याग्रह का क्या अर्थ है ?
Ans गाँधी जी के अनुसार
सत्याग्रह का अर्थ है कि “यदि आपका उद्देश्य सच्चा है और
आपका संघर्ष अन्याय के विरुद्ध है, तो दमनकारी से मुकाबला
करने के लिए आपको किसी शारीरिक बल की आवश्यकता नहीं है”
Q 5
सन्यासी बाबा
रामचंद्र कौन थे ?
Ans
वर्ष 1918 – 19 में तालुकदारों और जमींदारों
के विरुद्ध अवध (उत्तर प्रदेश) के किसानों का नेतृत्त्व करने वाले व्यक्ति
जिन्होंने किसानों को संगठित किया।
Q 6 रौलट एक्ट अथवा रौलट सत्याग्रह क्या था? भारतीय
राष्ट्रीय नेताओं ने रौलट एक्ट को 'काला कानून'
क्यों कहा ?
Ans
इम्पीरियल लेजिस्लेटिव
कौंसिल ने 18 मार्च 1919 को रौलट एक्ट
पारित किया था।
• रौलट एक्ट के तहत किसी भी
भारतीय को केवल संदेह के आधार पर पुलिस को गिरफ्तार करने का अधिकार था। इस एक्ट
में कोई भी क़ानूनी प्रक्रिया नहीं होती थी। बिना क़ानूनी कार्यवाही के पुलिस
भारतीयों को 2 वर्ष तक जेल में बंद कर सकती थी। बंदी व्यक्ति
को किसी भी प्रकार की क़ानूनी अपील करने का अधिकार नहीं था।
• रौलट एक्ट के पीछे ब्रिटिश
सरकार का मूल उद्देश्य भारतीय नागरिकों के स्वराज्य के संघर्ष को कुचलना था।
इसलिए भारतीय राष्ट्रीय नेताओं ने रौलट एक्ट को 'काला कानून' के नाम से पुकारा।
• गाँधी जी द्वारा 06 अप्रैल 1919 को रौलट के विरोध में हड़ताल शुरू की गई,
जिसे रौलट सत्याग्रह कहते हैं।
• गाँधी जी ने रौलट सत्याग्रह के
तहत लोगों से अपील की, कि वे कानून की पालना न करें और अपनी
गिरफ्तारी दें।
• गाँधी जी के आहवान पर लोगों ने
विदेशी वस्त्र, स्कूल, कॉलेज, दुकानों, रेलवे, बैंक आदि का
बहिष्कार किया। रौलट सत्याग्रह में लोगों ने हड़तालों, काम
रोको अभियान, जुलूस और प्रदर्शन आदि तरीकों द्वारा ब्रिटिश
सरकार का विरोध किया।
13
अप्रैल1919 को जलियांवाला बाग में हुए
हत्याकांड के कारण गाँधी जी ने रौलट सत्याग्रह को वापिस ले लिया।
Q 7 जलियांवाला
बाग हत्याकांड का वर्णन कीजिए।
Q 8
1920 में कांग्रेस के अधिवेशन (congress session) कहाँ हुए?
Ans
कांग्रेस का कोलकाता
अधिवेशन September 1920 में हुआ, जिसमें
January 1921 से असहयोग आन्दोलन शुरू करने की स्वीकृति मिली।
December 1920 में कांग्रेस का अधिवेशन नागपुर (महाराष्ट्र)
में हुआ। (Nagpur is famous for Orange Production)
Map of Congress Session in 1920, 1927 and 1929 |
Q 9 असहयोग आन्दोलन (JAN 1921) के क्या कारण थे ?
Ans असहयोग आन्दोलन गाँधी जी ने January 1921 में शुरू किया था जिसके शुरू करने के मुख्य कारण
निम्नलिखित थे :-
1) सेना में जबरदस्ती भर्ती
2) प्लेग की महामारी
3) 1919 का रौलट एक्ट
4) जलियांवाला बाग हत्याकांड
की घटना
5)
जमींदारों पर भारी कर
Q 10 असहयोग आन्दोलन का क्या कार्यक्रम रहा था ? असहयोग
आन्दोलन में किन समूहों ने भाग लिया था ?
Ans असहयोग आन्दोलन के दौरान निम्नलिखित कार्यक्रम रहे :-
1) सरकार की पदवी लौटाना
2) सरकार का बहिष्कार करना
3) पुलिस का सहयोग न करना
4) सरकारी संस्थाओं में न
जाना
5) न्यायालयों का बहिष्कार
करना
6) सरकारी सेवाओं का त्याग करना
असहयोग आन्दोलन के दौरान
गाँधी जी के साथ डॉ. अंसारी, मौलाना अबुल कलाम आजाद व अली बन्धुओं ने देश भर का दौरा
किया। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने “SIR” की तथा गाँधी जी ने “केसरे हिन्द” की उपाधि त्याग दी।
असहयोग आन्दोलन के दौरान
विद्यार्थी, शिक्षक, वकील, महिलाएं, कारखाना श्रमिक, व्यापारी, बागान मजदूर, किसान, उद्यमी और आदिवासी आदि लोगों ने भाग लिया था।
Q 11
असहयोग आन्दोलन का क्या महत्व है ?
Ans 1) भारतीय वस्तुओं की मांग बढ़ी
2) कपड़ा उत्पादन बढ़ा
3) हथकरघा उद्योग का उत्थान
हुआ
4) राष्ट्रीय एकता बढ़ी
5) विदेशी वस्तुओं पर
निर्भरता घटी
6) स्वदेशी का प्रचार हुआ
7) जनता ने आन्दोलन में बढ़
चढ़कर भाग लिया
8) भारतीयों का मनोबल बढ़ा
9) स्वाधीनता आन्दोलन को नई
दिशा मिली।
Q 12
खिलाफत
आन्दोलन क्या था ?
Ans वर्ष 1914-19 के बीच हुए प्रथम विश्व
युद्ध में मुस्लिमों ने ब्रिटिश सरकार की ओर से युद्ध में भाग लिया था तथा ब्रिटिश
सरकार ने उनको वादा किया था कि युद्ध समाप्ति के बाद वे ऑटोमन तुर्की के सम्राट के
साथ अच्छा व्यवहार करेंगें। जिसको मुस्लिम अपना “खलीफा” अर्थात धार्मिक नेता मानते थे। लेकिन विश्व
युद्ध बंद होने के बाद अंग्रेजों ने वादा खिलाफी की तो मुस्लिमों ने उनके विरुद्ध
खिलाफत आंदोलन चलाया। खिलाफत आन्दोलन के समय लायड जॉर्ज ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री
थे।
Q 13
1922 Feb 04 में भारत में कौन सी घटना हुई? अथवा चौरी चौरा कांड का वर्णन कीजिए।
Ans चौरी चौरा कांड 4 फरवरी 1922 को ब्रिटिश भारत में संयुक्त राज्य (वर्तमान उत्तर प्रदेश) के गोरखपुर जिले के चौरी चौरा में हुई थी, जब असहयोग आंदोलन, जो गांधी जी के द्वारा जनवरी 1921 में शुरू किया गया एक प्रमुख आंदोलन था, में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा समूह पुलिस के साथ भिड़ गया था। जवाबी कार्रवाई में प्रदर्शनकारियों ने हमला किया और एक पुलिस स्टेशन (चौकी) में आग लगा दी थी, जिससे उनके सभी कब्जेधारी मारे गए। इस घटना के कारण तीन नागरिकों और 22 पुलिसकर्मियों की जिंदा जलने से मौत हुई थी। इस घटना को चौरी चौरा काण्ड (Chauri Chaura incident) के नाम से जाना जाता है। महात्मा गांधी, जो हिंसा के सख्त खिलाफ थे, ने इस घटना के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में गांधी जी ने दु:खी होकर 12 फरवरी 1922 को राष्ट्रीय स्तर पर असहयोग आंदोलन को रोक दिया था तथा गांधीजी ने असहयोग आन्दोलन को समाप्त करने की घोषणा कर दी।
Q 14
अल्लूरी
सीताराम राजू कौन थे ?
Ans
अल्लूरी सीताराम राजू, आंध्रप्रदेश की गुडेम
पहाड़ियों में आदिवासी किसानों के विद्रोह का नेतृत्व करने वाले नेता थे। आंध्रप्रदेश
के आदिवासी किसान उसे रोचक व्यक्ति और “ईश्वर का अवतार”
मानते थे। वे लोगों को सामाजिक कार्य करने, शराब
न पीने, शराब छोड़ने, प्रकृति की रक्षा करने, व खादी पहनने के
लिए आदि की सीख देते थे। आंध्रप्रदेश के आदिवासी किसानों ने उनके नेतृत्व में आन्दोलन
किया, क्योंकि आदिवासी किसानों पर ब्रिटिश सरकार ने जंगल में जाने पर पाबंदी लगा
दी थी। वे जंगल से जलावन या ईंधन के लिए लकड़ियाँ नहीं ले सकते थे। ब्रिटिश सरकार
द्वारा जंगल में उनके मवेशियों को ले जाने पर भी प्रतिबंद लगा दिया गया तथा सड़क
निर्माण में उनसे बेगार (बिना वेतन के काम) कराया जाता था।
अल्लूरी सीताराम राजू ने आंध्रप्रदेश के आदिवासी किसानों को गुरिल्ला युद्ध (छुपकर युद्ध करना) की नीति अपनाने के लिए प्रेरित किया। आदिवासियों में अल्लूरी सीताराम राजू के प्रभाव के कारण अंग्रेजों ने मई 1924 में उनको फाँसी दे दी थी।
Q 15
साइमन कमीशन
क्या था ? भारत में जगह – जगह साइमन कमीशन Go
Back के नारे क्यों लगे ?
Ans साइमन कमीशन, जार्ज साइमन के नेतृत्व में भारत आने वाला एक ब्रिटिश अधिकारियों का एक समूह था, जो 1928 में भारत पहुँचा। इसने भारत में ब्रिटिश सरकार द्वारा किए गए सुधार कार्यों का निरीक्षण करना था। इसमें कोई भी भारतीय सदस्य नहीं था। इसलिए समस्त भारत में जगह – जगह साइमन कमीशन वापिस जाओ के नारे लगे और इसका विरोध हुआ, क्योंकि भारतीयों को इस कमीशन पर विश्वास नहीं था कि वे निष्पक्ष निरीक्षण करेंगें।
Q 16
लाहौर अधिवेशन
कब हुआ ? इसकी क्या विशेषता है ?
Ans
काँग्रेस का लाहौर अधिवेशन 31 दिसंबर 1929 में रावी नदी किनारे हुआ
था। इस अधिवेशन में पहली बार जवाहरलाल नेहरु ने कांग्रेस की अध्यक्षता की थी। लाहौर
अधिवेशन में भारत में पूर्ण स्वराज्य की मांग की गई और पहली बार स्वाधीनता का
स्वीकृत नया झंडा फहराया गया। इस अधिवेशन में काँग्रेस ने यह निर्णय किया था कि
आने वाली 26 जनवरी 1930 को काँग्रेस अपना पहला स्वाधीनता दिवस मनाएगी।
लेकिन ऐसा न हो सका। भारत को आजादी 15 अगस्त 1947 को
मिल पाई। इसी लिए जब भारत का संविधान 26 नवंबर 1930 को बनकर तैयार हुआ तो इसे 26
जनवरी 1950 को लागू किया गया तथा भारत के गणतंत्र देश बना।
Q 17
नमक यात्रा
अथवा नमक सत्याग्रह से क्या अभिप्राय है ?
Ans गाँधी जी ने 12 मार्च 1930 को गुजरात के अहमदाबाद शहर में साबरमती नदी किनारे स्थित साबरमती आश्रम से 78 वालंटियर के साथ पैदल यात्रा (नमक सत्याग्रह) शुरू की तथा 24 दिन की पैदल यात्रा कर 06 अप्रैल 1930 को साबरमती से 241 मिल (390 किलोमीटर) दूर समुद्र किनारे दांडी नामक कस्बे में समुद्र के पानी से नमक बनाकर अंग्रेजी कानून भंग किया गया। उन्होंने लोगों को ब्रिटिश कानून तोड़ने की अपील की तथा सविनय अवज्ञा आन्दोलन अर्थात विनय के साथ कानून न मानना, शुरू किया जिसे “सिविल नाफरमानी” भी कहते हैं।
Q 18
भारत छोड़ो
आन्दोलन कब और कहाँ से शुरू हुआ था ?
Ans भारत छोड़ो आंदोलन 09 अगस्त 1942 से मुंबई के “आजाद मैदान” से शुरू हुआ था। इसमें गाँधी जी ने भारतीय लोगों को “करो या मरो” का नारा दिया। भारत छोड़ो आन्दोलन को अगस्त क्रांति के नाम से जाना जाता है। भारत छोड़ो आन्दोलन मुंबई के जिस मैदान से शुरू हुआ, उसे अब अगस्त क्रांति मैदान के नाम से जानते हैं। अगस्त क्रांति या भारत छोड़ो आन्दोलन को भारत का सबसे विशाल और सबसे तीव्र आन्दोलन माना जाता है।
Q 19
भारत के
राष्ट्रवाद में लोककथाओं का क्या महत्व है ?
Ans
1) इनमें भारत के गौरव का गान मिलता है।
2) ये राष्ट्रीय एकता की प्रतीक हैं।
3) ये ग्रामीण परिवेश से जुड़ी
हैं।
4) इनमें परम्परागत संस्कृति का वर्णन मिलता है।
5)
ये राष्ट्रीय साहित्य होती हैं।
6) ये वास्तविक विचारों का सच्चे अर्थों में पेश करती हैं।
Q 1 What was the impact of the First World War (1914-18) on the national movement in India?
Ans The First World War took place between 1914 and 1918, which had the following impact on the national movement in India:-
1) The British government increased taxes.
2) The increase in taxes increased anger in the country.
3) The shortage of food items increased unity.
4) There was opposition to forced recruitment in the army.
5) Unemployment and inflation increased.
Q 2 Describe the Champaran Satyagraha.
Ans Champaran is the north-western district of Bihar state, which is a land area adjacent to the border of Nepal. In the year 1917, the farmers here protested against indigo cultivation under the leadership of Gandhiji, which is called Champaran Satyagraha.
Actually the farmers here did not want to cultivate indigo, while the British government forcibly made them cultivate indigo. So that their cotton textile mills could get indigo for dyeing cloth. Farmers did not want to cultivate indigo because its cultivation made their land barren.
Q 3 When and why did the cotton textile mill workers in Ahmedabad go on strike? Or what do you understand by picketing?
Ans In Ahmedabad, cotton textile mill workers went on strike in 1918 so that their working hours could be fixed and their wages could be increased. For this, they did 'picketing'. Picketing is a method of protest in which people or employees sit at the main gate of a factory or an office and block the way to enter.
Q 4 What is the meaning of Satyagraha according to Gandhiji?
Ans According to Gandhiji, Satyagraha means that "if your purpose is true and your struggle is against injustice, then you do not need any physical force to fight the oppressor"
Q 5 Who was Sanyasi Baba Ramchandra?
Ans A person who led the farmers of Awadh (Uttar Pradesh) against the talukdars and landlords in the year 1918 – 19 and organized the farmers.
Q 6 What was the Rowlatt Act or Rowlatt Satyagraha? Why did Indian national leaders call the Rowlatt Act 'Black Law'?
Ans The Imperial Legislative Council passed the Rowlatt Act on 18 March 1919.
• Under the Rowlatt Act, the police had the right to arrest any Indian on the basis of mere suspicion. There was no legal process in this Act. Without any legal proceedings, the police could imprison Indians for up to 2 years. The imprisoned person did not have the right to make any kind of legal appeal.
• The basic objective of the British government behind the Rowlatt Act was to crush the struggle of Indian citizens for independence.
That is why Indian national leaders called the Rowlatt Act as 'Black Law'.
• On 06 April 1919, Gandhiji started a strike against Rowlatt, which is called Rowlatt Satyagraha.
• Under the Rowlatt Satyagraha, Gandhiji appealed to the people not to follow the law and surrender.
• On Gandhiji's call, people boycotted foreign clothes, schools, colleges, shops, railways, banks etc. In the Rowlatt Satyagraha, people opposed the British government through strikes, work stoppage campaigns, processions and demonstrations etc.
Due to the massacre in Jallianwala Bagh on 13 April 1919, Gandhiji withdrew the Rowlatt Satyagraha.
Q 7 Describe the Jallianwala Bagh massacre.
Ans On 13 April 1919, people had gathered peacefully in Jallianwala Bagh in Amritsar and were protesting against the Rowlatt Act. There a British officer General Dyer ordered the police to open fire, killing hundreds of people.
Q 8 Where were the Congress sessions held in 1920?
Ans The Kolkata session of the Congress was held in September 1920, in which approval was given to start the non-cooperation movement from January 1921. The Congress session was held in Nagpur (Maharashtra) in December 1920. (Nagpur is famous for Orange Production)
Q 9 What were the reasons for the non-cooperation movement (JAN 1921)?
Ans Gandhiji started the non-cooperation movement in January 1921, the main reasons for which were the following:-
1) Forced recruitment in the army
2) Plague epidemic
3) Rowlatt Act of 1919
4) Jallianwala Bagh massacre incident
5) Heavy taxes on landlords
Q 10 What was the program of the non-cooperation movement? Which groups participated in the Non-Cooperation Movement?
Ans The following programs were held during the Non-Cooperation Movement:-
1) Returning the title of the government
2) Boycotting the government
3) Not cooperating with the police
4) Not going to government institutions
5) Boycotting the courts
6) Renouncing government services
During the Non-Cooperation Movement, Dr. Ansari, Maulana Abul Kalam Azad and Ali brothers toured the country with Gandhiji. Rabindranath Tagore gave up the title of “SIR” and Gandhiji gave up the title of “Kesar-e-Hind”.
During the Non-Cooperation Movement, students, teachers, lawyers, women, factory workers, businessmen, plantation workers, farmers, entrepreneurs and tribals etc. participated.
Q 11 What is the importance of Non-Cooperation Movement?
Ans 1) Demand for Indian goods increased
2) Textile production increased
3) Handloom industry flourished
4) National unity increased
5) Dependence on foreign goods decreased
6) Swadeshi was promoted
7) People participated enthusiastically in the movement
8) Morale of Indians increased
9) Freedom movement got a new direction.
Q 12 What was the Khilafat Movement?
Ans In the First World War that took place between 1914-19, Muslims participated in the war on behalf of the British government and the British government had promised them that after the war ended, they would treat the Ottoman Turkish emperor well. Whom the Muslims considered their "Khalifa" i.e. religious leader. But after the World War ended, the British broke their promise, so the Muslims launched the Khilafat Movement against them. Lloyd George was the Prime Minister of Britain at the time of the Khilafat Movement.
Q 13 Which incident took place in India on 1922 Feb 04? Or describe the Chauri Chaura incident.
Ans The Chauri Chaura incident took place on 4 February 1922 in Chauri Chaura in Gorakhpur district of the United States (present-day Uttar Pradesh) in British India, when a large group of protesters participating in the Non-Cooperation Movement, a major movement started by Gandhiji in January 1921, clashed with the police. In retaliation, the protesters attacked and set a police station on fire, killing all its occupants. The incident resulted in the death of three civilians and 22 policemen by being burnt alive. This incident is known as the Chauri Chaura incident. Mahatma Gandhi, who was strictly against violence, was saddened by the incident and as a direct result of this incident, he halted the non-cooperation movement at the national level on 12 February 1922 and Gandhi announced the end of the non-cooperation movement.
Q 14 Who was Alluri Sitarama Raju?
Ans Alluri Sitarama Raju was the leader who led the revolt of tribal farmers in the Gudem Hills of Andhra Pradesh. The tribal farmers of Andhra Pradesh considered him an interesting person and an “incarnation of God”. He used to teach people to do social work, not to drink alcohol, give up alcohol, protect nature, wear Khadi, etc. Tribal farmers of Andhra Pradesh agitated under his leadership because the British government had banned tribal farmers from going to the forest. They could not take wood from the forest for firewood or fuel. The British government also banned them from taking their cattle to the forest and they were made to do forced labour (work without pay) in road construction.
Alluri Sitaram Raju inspired the tribal farmers of Andhra Pradesh to adopt the policy of guerrilla warfare (war stealthily). Due to the influence of Alluri Sitaram Raju among the tribals, the British hanged him in May 1924.
Q 15 What was the Simon Commission? Why were slogans of Simon Commission Go Back raised at many places in India?
Ans Simon Commission was a group of British officials who came to India under the leadership of George Simon, which reached India in 1928. It had to inspect the reform work done by the British government in India. There was no Indian member in it. Therefore, slogans of Simon Commission go back were raised at various places in India and it was opposed, because Indians did not trust this commission to conduct an impartial inspection.
Q 16 When was the Lahore session held? What is its specialty?
Ans The Lahore session of the Congress was held on 31 December 1929 on the banks of the river Ravi. In this session, Jawaharlal Nehru presided over the Congress for the first time. In the Lahore session, the demand for complete independence was made for India and for the first time the accepted new flag of independence was hoisted. In this session, the Congress had decided that on the coming 26 January 1930, the Congress would celebrate its first Independence Day.
But this could not happen. India got independence on 15 August 1947. That is why when the Constitution of India was ready on 26 November 1930, it was implemented on 26 January 1950 and India became a republic country.
Q 17 What is meant by Salt March or Salt Satyagraha?
Ans Gandhiji started a march (Salt Satyagraha) on foot with 78 volunteers from Sabarmati Ashram situated on the banks of Sabarmati river in Ahmedabad city of Gujarat on 12 March 1930 and after a 24-day march on foot, on 06 April 1930, he broke the British law by making salt from sea water in a town called Dandi on the seashore, 241 miles (390 km) away from Sabarmati. He appealed to the people to break the British law and started the Civil Disobedience Movement i.e. not obeying the law with humility, which is also called “Civil Nafarmani”.
Q 18 When and where did the Quit India Movement start?
Ans The Quit India Movement started from “Azad Maidan” in Mumbai on 09 August 1942. In this, Gandhiji gave the slogan of “Do or Die” to the Indian people. The Quit India Movement is known as August Kranti. The ground in Mumbai from where the Quit India Movement started is now known as August Kranti Maidan. The August Kranti or Quit India Movement is considered to be the largest and most intense movement of India.
Q 19 What is the importance of folk tales in Indian nationalism?
Ans 1) These sing the glory of India.
2) These are symbols of national unity.
3) These are related to the rural environment.
4) These describe the traditional culture.
5) These are national literature.
6) These present real ideas in the true sense.
CLICK HERE FOR NEXT CHAPTER -