Earthquake: 7.1 magnitude earthquake hits Tibet-Nepal border, 53 people killed, India also shaken तिब्बत-नेपाल बॉर्डर पर 7.1 तीव्रता का भूकंप, 53 लोगों की मौत, भारत भी कांपा
Earthquake: तिब्बत-नेपाल बॉर्डर पर 7.1 तीव्रता का भूकंप, 53 लोगों की मौत, भारत भी कांपा Earthquake: 7.1 magnitude earthquake hits Tibet-Nepal border, 53 people killed, India also shaken
नेपाल, चीन और भारत में 7 जनवरी 2025 की सुबह 6 बजकर 35 मिनट के आस-पास भूकंप के झटके महसूस किए गए। भारत के बिहार, झारखंड, सिक्किम, असम, बंगाल और दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप का केंद्र नेपाल-तिब्बत सीमा के पास के शिजांग में था। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 7.1 नापी गई। अब तक इस भूकंप की वजह से तिब्बत में 32 लोगों की मौत हो गई है जबकि 38 लोग घायल हैं।
7 जनवरी की तारीख को दो अन्य बड़े भूकंप के लिए भी याद किया जाता है: -
(1) 7 जनवरी 1994 के दिन में अमेरिका में नॉर्थ्रिज भूकंप ने लॉस एंजिल्स को हिलाकर रख दिया था, जिसकी तीव्रता 6.7 थी। उस भूकंप से 57 लोगों की मौत हुई थी। इसके अलावा 9000 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। एक अनुमान के मुताबिक उस भूकंप में 25 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था।
(2) 7 जनवरी 1995 में जापान के कोबे शहर में 7.2 तीव्रता के साथ धरती कांपी थी। 20 साल पहले जापान में आए उस भूकंप में 6000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।
सवाल ये है कि आखिर भूकंप आते ही क्यों हैं?
वास्तव में धरती की भूपर्पटी के नीचे 7 प्रमुख टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। इन 7 प्रमुख प्लेट्स में कई प्लेट्स अक्सर एक दूसरे से रगड़ खाती या एक-दूसरे से टकराती हैं। कभी-कभी ये अभिसारी प्लेट (Convergent Plate) सीमा के रूप में एक दूसरे के ऊपर चढ़ती हैं अथवा कभी-कभी ये अपसारी प्लेट (Divergent Plate) सीमा के रूप में एक दूसरे से दूर जाती हैं। इस वजह से कभी -कभी जमीन हिलने लगती है जिस पर हम रहते हैं। इसे नापने के लिए एक स्केल का इस्तेमाल होता है जिसे 'रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल' कहते हैं।
रिक्टर स्केल पर 1 से 9 के बीच में भूकंप को नापा जाता है। स्केल पर जितनी अधिक संख्या होगी, भूकंप उतना ही तीव्र होता है।
7 जनवरी 2025 को नेपाल-तिब्बत सीमा पर आए इस भूकंप की तीव्रता इस स्केल पर 7.1 अंकित की गई। यानी यह काफी तीव्र भूकंप था।
नेपाल में अब तक का सबसे खतरनाक भूकंप कब आया है ?
नेपाल के लोग 2015 में आये भूकंप नहीं भूल पाते हैं। 25 अप्रैल 2015 को राजधानी काठमांडू के पास 7.8 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। इस भूकंप की वजह से लगभग 9 हजार लोगों की जान चली गई थी। 5 लाख से अधिक घर तबाह हो गए थे। पहला झटका आने के बाद लोगों को लगा कि अब सब ठीक हो जाएगा, परंतु इसके कुछ ही देर बाद दो और 6.6 और 6.7 तीव्रता के झटके आए थे।
भूवैज्ञानिक कहते हैं कि हिमालय, दुनिया के सबसे एक्टिव सेस्मिक क्षेत्रों में से एक है। यानी यहां भूकंप आने की संभावना बाकी क्षेत्रों के मुकाबले कहीं अधिक है।
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Earthquake: 7.1 magnitude earthquake hits Tibet-Nepal border, 53 people killed, India also shaken |
The date of January 7 is also remembered for two other major earthquakes: -
(1) On January 7, 1994, the Northridge earthquake in America shook Los Angeles, whose intensity was 6.7. 57 people died in that earthquake. Apart from this, more than 9000 people were injured. According to an estimate, there was a loss of 25 billion dollars in that earthquake.
(2) On 7 January 1995, the earth shook with a magnitude of 7.2 in Kobe city of Japan. More than 6000 people lost their lives in that earthquake that occurred in Japan 20 years ago.
The question is why do earthquakes occur?
Actually there are 7 major tectonic plates under the earth's crust. Many of these 7 major plates often rub against each other or collide with each other. Sometimes these plates climb over each other as convergent plate boundaries or sometimes they move away from each other as divergent plate boundaries. Because of this, sometimes the ground on which we live starts shaking.
A scale is used to measure this, which is called 'Richter Magnitude Scale'.
Earthquakes are measured between 1 to 9 on the Richter Scale. The higher the number on the scale, the more intense the earthquake.
The intensity of this earthquake on the Nepal-Tibet border on 7 January 2025 was recorded as 7.1 on this scale. That is, it was a very intense earthquake.
When has the most dangerous earthquake ever occurred in Nepal?
The people of Nepal cannot forget the earthquake that occurred in 2015. On 25 April 2015, an earthquake of 7.8 magnitude was recorded near the capital Kathmandu. About 9 thousand people lost their lives due to this earthquake. More than 5 lakh houses were destroyed. After the first tremor, people thought that now everything will be fine, but shortly after this, two more tremors of 6.6 and 6.7 magnitude came.
Geologists say that the Himalayas are one of the most active seismic regions in the world. That is, the possibility of earthquake here is much higher than in other areas.
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