भूगोलवेत्ताओं और लोगों का एक वर्ग है जो मानता है कि प्रकृति (Nature) महान है और मनुष्य के हर कार्य को प्रकृति निर्धारित करती है अर्थात "मनुष्य प्रकृति का दास है" (Human is a slave of
Nature), इन्हें प्रकृतिवादी और इस विचारधारा को निश्चयवाद या प्रकृतिवाद अथवा वातावरण निश्चयवाद (Environmental Determinism) कहा जाता है।
जबकि दूसरे भूगोलवेत्ता और वे लोग हैं जो मानते हैं कि मनुष्य अपनी बुद्धि और बाहुबल से कुछ भी कर सकता है अर्थात प्रकृति की बाध्यताओं के बीच संभावनाओं को तलाश लेता है, इस विचारधारा को संभावनावाद (Possibilism) कहते हैं।
अब द्वंद्व ये है कि
Who is Great Human OR Nature ?
April - May माह में आने वाली आँधी - तूफान एवं धूल और बारिश से समझते हैं ?
मनुष्य हमेशा ये सोचता है कि हम वर्तमान तकनीकी (Technology) से कुछ भी कर सकते हैं, जैसे - चिलचिलाती धूप और गर्मी में AC के द्वारा ठंडक पैदा करना, नदियों पर बांध बनाना, किसी पर्वत के अंदर से सुरंग बनाना आदि। लेकिन बात ये है कि हम अपनी बुद्धि बल से एक गाड़ी, एक कमरा, एक बिल्डिंग को ही ठंडा कर सकते हैं।
अगर पूरे वातावरण को मात्र कुछ मिनटों में ही ठंडा करना है तो यह ताकत केवल और केवल प्रकृति में ही है। जैसे - 23 May 2022 को आँधी - तूफान एवं तेज हवाओं ने मिनटों में समस्त उत्तर भारतीय राज्यों से सारी गर्मी को गायब कर दिया और झंझावत (Thunderstorm) ने बारिश के माध्यम से सारे के सारे वातावरण का तापमान 27 डिग्री सेल्सियस से भी नीचा कर दिया। हिमाचल प्रदेश के चूड़ाधार पर्वत श्रेणी, जो एक दिन पहले तक गर्मी से परेशान था, उसकी चोटियों को बर्फ से ढक दिया।
अब आप खुद बताइए कि महान कौन है ?
AC technology वाला मानव या प्रकृति ?
सही उत्तर है - प्रकृति (Nature)।
जर्मन भूगोलवेता फ्रेडरिक रेटजेल (Friedrich
Ratzel) ने सही कहा कि “मानव, अपने
वातावरण की उपज” है। (Man is a product of his environment).
इस विचारधारा को और अधिक गहनता से समझना है तो
आस्ट्रेलियाई भूगोलवेत्ता, ग्रिफिथ टेलर ने सही कहा है कि
“वास्तव में न तो प्रकृति का ही मनुष्य पर पूरा नियन्त्रण है और न ही मनुष्य प्रकृति का पूर्ण विजेता है; दोनों का एक - दूसरे से क्रियात्मक सम्बन्ध है।” उन्होंने यहाँ
नियतिवाद और संभावनावाद के बीच एक तीसरी विचारधारा प्रस्तुत की है जिसको
नव निश्चयवाद या आधुनिक निश्चयवाद अथवा रुको और जाओ निश्चयवाद (STOP and GO DETERMINISM) अथवा वैज्ञानिक निश्चयवाद या नव नियतिवाद (Neo Environmental Determinism) कहा है। उनके अनुसार
मानव, प्रकृति पर विजय उसका आज्ञापालक बनकर और प्रकृति की सीमाओं में रहकर ही पा सकता है।
Note :-
आओ अब समझते हैं कि मौसम में यह बदलाव अचानक क्यों आया ?
मौसम में अचानक बदलाव का कारण वेस्टर्न डिस्टर्ब (पश्चिमी विक्षोभ) को माना जा रहा है।
स्काईमेट वेदर के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और इससे सटे जम्मू-कश्मीर के हिस्से पर बना हुआ है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वोत्तर राजस्थान और आसपास के इलाकों पर बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा पूर्वोत्तर राजस्थान से पूर्वी असम, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल होते हुए मेघालय तक फैली हुई है। रायलसीमा के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है।