Skip to main content

Consumer Protection Act 1986 Vs Consumer Protection Act 2019

Consumer Protection Act 1986 Vs Consumer Protection Act 2019







Q-1 उपभोक्ता
कौन है
?
वह व्यक्ति जो अपने इस्तेमाल
के लिए कोई वस्तु खरीदता है या सेवा प्राप्त करता है।
इसमें वह व्यक्ति शामिल नहीं
होता जो किसी वस्तु या सेवा को दोबारा बेचने या उसके कॉमिर्शियल यूज़ के लिए उसे
प्राप्त करता है। 
इसमें इलेक्ट्रॉनिक तरीके, टेलीशॉपिंग, मल्टी लेवल मार्केटिंग, और सीधे खरीदे जाने वाला ऑफ़लाइन या ऑनलाइन लेन - देन शामिल होता है ?
Q-2 COPRA (कोपरा) क्या है? इसका क्या उद्देश्य है ?
उपभोक्ता के हितों की रक्षा
करने के लिए सरकार ने
24 दिसंबर 1986 में एक कानून बनाया, जिसे उपभोक्ता संरक्षण कानून यानी कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट
कहते हैं।
COPRA शब्द
का अर्थ इस प्रकार से है:
COCONSUMER
PRPROTACTION
A - ACT
कंज्यूमर
प्रोटक्शन एक्ट के उद्देश्य :
1)   उपभोक्ता
के हितों की रक्षा करना।
2)   उपभोक्ता
फर्मों में उपभोक्ताओं की शिकायतों का निष्पक्ष निवारण करना।
3)   उपभोक्ताओं
की शिकायतों  समाधान की प्रक्रिया को आसान
बनाना।
4)   उपभोक्ताओं
को झूठे विज्ञापनों और झूठे दावों से गुमराह होने से बचाना।
Q-3 क्या
अभी भी
1986 में बना कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट ही देश में
लागु है
?
नहीं, अब देश में कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट - 2019 ने उस तीन
दशक पुराने कानून
'कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट - 1986' का स्थान ले लिया है।
Q-4 नए
कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट -
2019 में क्या सुधार किये गए हैं ?
नए कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट
-
2019
में उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए पुराने नियमों की
खामियों को दूर किया गया है।
v
इसमें अब सेंट्रल रेगुलेटर का गठन
किया गया है। भ्रामक विज्ञापनों पर भारी पेनल्टी लगाई गई है। ई कॉमर्स कंपनियों और
इलेक्ट्रिक व इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बेचने वाली कंपनियों के लिए सख्त दिशानिर्देश
तथा कारवाई करना इसमें शामिल है।
v
नए कानून में एक और बड़ा बदलाव यह किया
गया है कि अब उपभोक्ता कहीं से भी शिकायत दर्ज कर सकता है। पुराने कानून में यह
प्रावधान था कि उपभोक्ता वहीं शिकायत दर्ज कर सकता था
, जहाँ विक्रेता अपनी सेवाएं देता है। ई कॉमर्स कंपनियों की बढ़ती खरीद को
देखते हुए यह एक अच्छा कदम है।
v
इसके अलावा कानून में अब उपभोक्ता
को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये भी सुनवाई की इजाजत दी गई है। इससे उपभोक्ता का
पैसा और समय दोनों की बचत होगी।
Q-5 नए
कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट -
2019 में उपभोक्ता को क्या अधिकार
दिए गए हैं
?
Ø
सुरक्षा का अधिकार -
ऐसी वस्तुओं और सेवाओं के विरूद्ध जो जीवन और सम्पत्ति के लिए खतरनाक हों
Ø सूचित
करने का अधिकार
- वस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता, मात्रा, शक्ति, शुद्धता और
मूल्य के बारे में पूरी जानकारी देना।
Ø
उत्पादों या सेवाओं तक पहुंच का
अधिकार
Ø सुनवाई
का अधिकार

- विभिन्न उपभोक्ता मंचों पर आवाज उठाने का अधिकार।
Ø शोषण
के निवारण का अधिकार
Ø मुआवजे
का अधिकार
Q-6 पुराने
कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट -
1986 और नए कंज्यूमर प्रोटक्शन
एक्ट -
2019 में उपभोक्ता द्वारा किए गए दावों में क्या अंतर
है
?
पुराने कंज्यूमर प्रोटक्शन
एक्ट -
1986 में उपभोक्ता द्वारा किए जाने वाले दावों की तीन स्तरीय व्यवस्था
थी। वर्तमान में भी व्यवस्था तो तीन स्तरीय ही है। लेकिन अब 2019 में
संशोधित नए कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट में उपभोक्ता अदालतों की शक्तियों और अधिकार
क्षेत्रों को बढ़ा दिया गया है तथा किये गए दावों की राशि में अंतर आया है। जो इस
प्रकार है :
1 जिला मंच या जिला अदालत में पहले केवल 20 लाख रुपए तक के हर्जाने का दावा किया जा सकता था,जो
अब  नए कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट -
2019 के अंतर्गत 1 करोड़ रुपए तक बढ़ा दिया गया है।
2. राज्य उपभोक्ता आयोग में पहले 20 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ रुपए तक के हर्जाने का
दावा किया जा सकता था
, जो अब नए कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट - 2019 के अंतर्गत 10 करोड़ रुपए तक बढ़ा दिया गया है।
3. राष्ट्रीय आयोग में पहले 1
करोड़ रुपए से ऊपर के हर्जाने का दावा किया जा सकता था, जो अब नए कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट - 2019 के अंतर्गत
10 करोड़ रुपए से अधिक तक बढ़ा दिया गया है।
Q-7 नए
कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट -
2019 की क्या खास विशेषताएं हैं ?
नए
कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट -
2019 की खास
विशेषताएं इस प्रकार हैं :
1. उपभोक्ता हित सर्वोपरि - इस एक्ट
में उपभोक्ता के हित सर्वोपरि रखे गए हैं। अगर व्यापारी अनुचित तरीकों से
ग्राहक को भ्रमित करता है तो कंज्यूमर हित प्राधिकरण के पास खुद का विंग होगा जो
विभिन्न जांच करने के लिए स्वतंत्र रहेगा। इसमें इन्वेस्टीगेशन के साथ सम्पत्ति
या वस्तु जब्त करने की शक्ति
शामिल है।
2. विज्ञापन पर जुर्माना - किसी
उत्पाद या सेवा का झूठा प्रचार करने या गारंटी देकर उपभोक्ताओं को गुमराह करने
वाले भ्रामक विज्ञापन देने वालों पर अधिकतम
10 लाख
रुपए तक का जुर्माना
किया जा सकता है, दोबारा अपराध करने पर यह जुर्माना 50 लाख तक हो सकता है।
3. उत्पाद निर्माता पर कार्यवाही का अधिकार - खराब वस्तु बेचने के कारण
ग्राहक को नुकसान हो सकता है। ग्राहक को हुई क्षति की पूर्ति के लिए अब वस्तु
बेचने वाली कम्पनी को जिम्मेवार ठहराया जा सकेगा। इसमें ई कॉमर्स कम्पनियाँ भी
शामिल रहेंगी अर्थात अब इस प्रकार ग्राहक को नुकसान पहुंचाने वाले
निर्माता और कम्पनी
, दोनों के खिलाफ कार्यवाही करने
का अधिकार
नए कंज्यूमर प्रोटक्शन एक्ट - 2019 में दिया गया है।
Q-8 when we celebrate
the National Consumer Day every year?
National Consumer Day celebrated
on 24th  December every year. Just one day
before Christmas Day on December 25th.
Q-9 when we celebrate
the International Consumer Day every year?
International Consumer Day
celebrated on 15th March every
year. In the mid of the month when mostly Annual Exam will held.
Q-10 what is the number
for Consumer helpline?
1800114000 and 14404