World Cancer Day - February 4th
विश्व कैंसर दिवस हर साल 4 फरवरी को आयोजित किया जाता है, ताकि दुनिया भर में कैंसर को लेकर जागरुकता फैलाई जा सके. इस साल का थीम 'I am and I will' है.
आज हम आपको उन्हीं संकेतों और लक्षणों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें हम कैंसर के वॉर्निंग साइन्स भी कह सकते हैं। अगर समय रहते आप अपने शरीर में दिखने वाले इन संकेतों पर गौर कर लेंगे तो आप कैंसर से बच जाएंगे। यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि अगर कैंसर का पता समय रहते पहले या दूसरे स्टेज में चल जाए तो इसका इलाज आसान होता है और व्यक्ति पूरी तरह से ठीक भी हो जाता है। लेकिन ज्यादातर लोग कैंसर के लक्षणों को पहचान नहीं पाते और जब तक वो इस पर ध्यान देते हैं, तब तक कैंसर आखिरी स्टेज में पहुंच चुका होता है और वह जानलेवा बन जाता है।
यूरीन और स्टूल में अगर खून आए
वैसे तो कई बार किडनी में स्टोन की वजह से भी पेशाब में खून आता है। लेकिन अगर किसी के पेशाब और मल दोनों में खून आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से अपनी जांच करवाएं क्योंकि ये किडनी कैंसर या कोलोन कैंसर का संकेत हो सकता है। इसके अलावा अगर किसी को लंबे समय तक कब्ज या डायरिया की दिक्कत हो और इलाज करवाने और दवा खाने के बाद भी समस्या ठीक ना हो रही हो तो एक बार डॉक्टर से मिलकर टेस्ट जरूर करवा लें।
वैसे तो कई बार किडनी में स्टोन की वजह से भी पेशाब में खून आता है। लेकिन अगर किसी के पेशाब और मल दोनों में खून आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से अपनी जांच करवाएं क्योंकि ये किडनी कैंसर या कोलोन कैंसर का संकेत हो सकता है। इसके अलावा अगर किसी को लंबे समय तक कब्ज या डायरिया की दिक्कत हो और इलाज करवाने और दवा खाने के बाद भी समस्या ठीक ना हो रही हो तो एक बार डॉक्टर से मिलकर टेस्ट जरूर करवा लें।
अचानक वजन तेजी से घटने लगे
वैसे तो अगर किसी को टीबी या डायबीटीज हो जाए तो उसके वजन में भी अचानक कमी देखने को मिलती है। लेकिन तेजी से वजन कम होना भी कैंसर का सबसे अहम लक्षण है जिसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। अगर किसी व्यक्ति का 2 से 3 महीने के अंदर 8 से 10 किलो वजन घट जाए तो उसे तुरंत कैंसर की जांच करवानी चाहिए। ये पेट का कैंसर या लंग्स कैंसर का संकेत हो सकता है।
शरीर के किसी हिस्से में हो गांठ
शरीर की हर गांठ कैंसर वाली हो ऐसा जरूरी नहीं है लेकिन अगर शरीर के किसी हिस्से में गांठ बन गई हो और वह तेजी से बढ़ रही हो तो देर करने की बजाए एक बार कैंसर का टेस्ट जरूर करवा लेना चाहिए। अमूमन देखने में आता है कि जिन गांठों में दर्द होता है शुरुआत में उनमें कैंसर सेल्स के होने की आशंका कम रहती है। अगर दर्द न हो तो कैंसर की आशंका बढ़ जाती है।
अगर ब्रेस्ट में दिखे चेंज
ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ महिलाओं को ही नहीं बल्कि पुरुषों को भी हो सकता है और यह दुनिया के सबसे कॉमन कैंसर में से एक है। ऐसे में अगर आपको अपने ब्रेस्ट में किसी भी तरह की गांठ दिखे, कोई चेंज नजर आए, निप्पल के रंग में अंतर दिखे, किसी तरह की खुजली या डिस्चार्ज हो रहा हो तो इस तरह के संकेतों को तुरंत गंभीरता से लें और डॉक्टर से इसकी जांच करवाएं।
वैसे तो अगर किसी को टीबी या डायबीटीज हो जाए तो उसके वजन में भी अचानक कमी देखने को मिलती है। लेकिन तेजी से वजन कम होना भी कैंसर का सबसे अहम लक्षण है जिसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। अगर किसी व्यक्ति का 2 से 3 महीने के अंदर 8 से 10 किलो वजन घट जाए तो उसे तुरंत कैंसर की जांच करवानी चाहिए। ये पेट का कैंसर या लंग्स कैंसर का संकेत हो सकता है।
शरीर के किसी हिस्से में हो गांठ
शरीर की हर गांठ कैंसर वाली हो ऐसा जरूरी नहीं है लेकिन अगर शरीर के किसी हिस्से में गांठ बन गई हो और वह तेजी से बढ़ रही हो तो देर करने की बजाए एक बार कैंसर का टेस्ट जरूर करवा लेना चाहिए। अमूमन देखने में आता है कि जिन गांठों में दर्द होता है शुरुआत में उनमें कैंसर सेल्स के होने की आशंका कम रहती है। अगर दर्द न हो तो कैंसर की आशंका बढ़ जाती है।
अगर ब्रेस्ट में दिखे चेंज
ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ महिलाओं को ही नहीं बल्कि पुरुषों को भी हो सकता है और यह दुनिया के सबसे कॉमन कैंसर में से एक है। ऐसे में अगर आपको अपने ब्रेस्ट में किसी भी तरह की गांठ दिखे, कोई चेंज नजर आए, निप्पल के रंग में अंतर दिखे, किसी तरह की खुजली या डिस्चार्ज हो रहा हो तो इस तरह के संकेतों को तुरंत गंभीरता से लें और डॉक्टर से इसकी जांच करवाएं।
बुखार जो ठीक ना हो रहा हो
अगर किसी व्यक्ति को बार-बार बुखार हो रहा हो, दवा करने के बाद भी बुखार ठीक ना हो तो ये ब्लड कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। वैसे तो कैंसर होने पर इम्यून सिस्टम पूरी तरह से कमजोर हो जाता है जिस वजह से कैंसर के मरीज को बुखार होता ही है। लेकिन अगर किसी को बुखार हो तो इसका मतलब ये नहीं कि उसे कैंसर ही है। अगर बुखार के लक्षण असामान्य हैं तो अनदेखी ना करें और डॉक्टर से टेस्ट करवाएं।
शरीर में हद से ज्यादा दर्द और थकान
आजकल की भागती दौड़ती जिंदगी में किसी का भी थकान महसूस करना आम बात है। लेकिन अगर बिना ठीक से खानपान करने के बाद भी और ज्यादा मेहनत किए बिना ही थकान महसूस हो रही हो और ऐसा लंबे समय तक हो तो ये शरीर में खून की कमी के साथ-साथ कैंसर का भी संकेत हो सकता है। इसके अलावा अगर लगातार सिर में दर्द बना रहता हो या फिर पीठ दर्द लंबे समय से ठीक ना हो रहा हो तो इन शिकायतों को नजरअंदाज करने की बजाए इनकी जांच करवा लें। ये कैंसर के संकेत हो सकते हैं।
पीरियड्स के बिना हो ब्लीडिंग
महिलाओं को पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग होना सामान्य बात है लेकिन अगर पीरियड्स खत्म होने के बाद भी अचानक ब्लीडिंग होने लगे, अगर मलद्वार से ब्लीडिंग होती नजर आए या फिर अगर पीरियड्स के दौरान भी हद से ब्लीडिंग या दर्द हो रहा हो तो इन बातों की अनदेखी ना करें और डॉक्टर से जांच करवाएं। ये कैंसर का संकेत हो सकता है।
अगर किसी व्यक्ति को बार-बार बुखार हो रहा हो, दवा करने के बाद भी बुखार ठीक ना हो तो ये ब्लड कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। वैसे तो कैंसर होने पर इम्यून सिस्टम पूरी तरह से कमजोर हो जाता है जिस वजह से कैंसर के मरीज को बुखार होता ही है। लेकिन अगर किसी को बुखार हो तो इसका मतलब ये नहीं कि उसे कैंसर ही है। अगर बुखार के लक्षण असामान्य हैं तो अनदेखी ना करें और डॉक्टर से टेस्ट करवाएं।
शरीर में हद से ज्यादा दर्द और थकान
आजकल की भागती दौड़ती जिंदगी में किसी का भी थकान महसूस करना आम बात है। लेकिन अगर बिना ठीक से खानपान करने के बाद भी और ज्यादा मेहनत किए बिना ही थकान महसूस हो रही हो और ऐसा लंबे समय तक हो तो ये शरीर में खून की कमी के साथ-साथ कैंसर का भी संकेत हो सकता है। इसके अलावा अगर लगातार सिर में दर्द बना रहता हो या फिर पीठ दर्द लंबे समय से ठीक ना हो रहा हो तो इन शिकायतों को नजरअंदाज करने की बजाए इनकी जांच करवा लें। ये कैंसर के संकेत हो सकते हैं।
पीरियड्स के बिना हो ब्लीडिंग
महिलाओं को पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग होना सामान्य बात है लेकिन अगर पीरियड्स खत्म होने के बाद भी अचानक ब्लीडिंग होने लगे, अगर मलद्वार से ब्लीडिंग होती नजर आए या फिर अगर पीरियड्स के दौरान भी हद से ब्लीडिंग या दर्द हो रहा हो तो इन बातों की अनदेखी ना करें और डॉक्टर से जांच करवाएं। ये कैंसर का संकेत हो सकता है।
इन संकेतों को न करें नजरअंदाज
वैसे तो कई बार किडनी में स्टोन की वजह से भी पेशाब में खून आता है। लेकिन अगर किसी के पेशाब और मल दोनों में खून आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से अपनी जांच करवाएं क्योंकि ये किडनी कैंसर या कोलोन कैंसर का संकेत हो सकता है। इसके अलावा अगर किसी को लंबे समय तक कब्ज या डायरिया की दिक्कत हो और इलाज करवाने और दवा खाने के बाद भी समस्या ठीक ना हो रही हो तो एक बार डॉक्टर से मिलकर टेस्ट जरूर करवा लें।
वैसे तो अगर किसी को टीबी या डायबीटीज हो जाए तो उसके वजन में भी अचानक कमी देखने को मिलती है। लेकिन तेजी से वजन कम होना भी कैंसर का सबसे अहम लक्षण है जिसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। अगर किसी व्यक्ति का 2 से 3 महीने के अंदर 8 से 10 किलो वजन घट जाए तो उसे तुरंत कैंसर की जांच करवानी चाहिए। ये पेट का कैंसर या लंग्स कैंसर का संकेत हो सकता है।
शरीर के किसी हिस्से में हो गांठ
शरीर की हर गांठ कैंसर वाली हो ऐसा जरूरी नहीं है लेकिन अगर शरीर के किसी हिस्से में गांठ बन गई हो और वह तेजी से बढ़ रही हो तो देर करने की बजाए एक बार कैंसर का टेस्ट जरूर करवा लेना चाहिए। अमूमन देखने में आता है कि जिन गांठों में दर्द होता है शुरुआत में उनमें कैंसर सेल्स के होने की आशंका कम रहती है। अगर दर्द न हो तो कैंसर की आशंका बढ़ जाती है।
अगर ब्रेस्ट में दिखे चेंज
ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ महिलाओं को ही नहीं बल्कि पुरुषों को भी हो सकता है और यह दुनिया के सबसे कॉमन कैंसर में से एक है। ऐसे में अगर आपको अपने ब्रेस्ट में किसी भी तरह की गांठ दिखे, कोई चेंज नजर आए, निप्पल के रंग में अंतर दिखे, किसी तरह की खुजली या डिस्चार्ज हो रहा हो तो इस तरह के संकेतों को तुरंत गंभीरता से लें और डॉक्टर से इसकी जांच करवाएं।
बुखार जो ठीक ना हो रहा हो
अगर किसी व्यक्ति को बार-बार बुखार हो रहा हो, दवा करने के बाद भी बुखार ठीक ना हो तो ये ब्लड कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। वैसे तो कैंसर होने पर इम्यून सिस्टम पूरी तरह से कमजोर हो जाता है जिस वजह से कैंसर के मरीज को बुखार होता ही है। लेकिन अगर किसी को बुखार हो तो इसका मतलब ये नहीं कि उसे कैंसर ही है। अगर बुखार के लक्षण असामान्य हैं तो अनदेखी ना करें और डॉक्टर से टेस्ट करवाएं।
शरीर में हद से ज्यादा दर्द और थकान
आजकल की भागती दौड़ती जिंदगी में किसी का भी थकान महसूस करना आम बात है। लेकिन अगर बिना ठीक से खानपान करने के बाद भी और ज्यादा मेहनत किए बिना ही थकान महसूस हो रही हो और ऐसा लंबे समय तक हो तो ये शरीर में खून की कमी के साथ-साथ कैंसर का भी संकेत हो सकता है। इसके अलावा अगर लगातार सिर में दर्द बना रहता हो या फिर पीठ दर्द लंबे समय से ठीक ना हो रहा हो तो इन शिकायतों को नजरअंदाज करने की बजाए इनकी जांच करवा लें। ये कैंसर के संकेत हो सकते हैं।
पीरियड्स के बिना हो ब्लीडिंग
महिलाओं को पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग होना सामान्य बात है लेकिन अगर पीरियड्स खत्म होने के बाद भी अचानक ब्लीडिंग होने लगे, अगर मलद्वार से ब्लीडिंग होती नजर आए या फिर अगर पीरियड्स के दौरान भी हद से ब्लीडिंग या दर्द हो रहा हो तो इन बातों की अनदेखी ना करें और डॉक्टर से जांच करवाएं। ये कैंसर का संकेत हो सकता है।
अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय से खांसी हो या फिर खांसने पर थूक में खून नजर आए तो हो सकता है ये ब्रॉन्काइटिस या साइनस जैसी बीमारी की वजह से हो। लेकिन साथ ही साथ ये लंग कैंसर या नेक कैंसर का भी संकेत हो सकता है। इशलिए अगर एक महीने से ज्यादा किसी को खांसी रहे और म्यूकस में खून नजर आए तो डॉक्टर से मिलकर कैंसर टेस्ट जरूर करवाएं।
अनीमिया या खून की कमी
जब शरीर में रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है तो ऐसी परिस्थिति को ही अनीमिया कहते हैं। लेकिन अगर शरीर में आयरन की कमी के अलावा किसी और वजह से अनीमिया हो तो इसकी जांच जरूर करवानी चाहिए क्योंकि कई बार कैंसर की वजह से भी अनीमिया होने लगता है। लिहाजा एक्स-रे या इंडोस्कोपी करवा सकते हैं।
गला बैठा हो या घोंटने में दिक्कत हो रही हो
अगर सांस से संबंधी किसी तरह की बीमारी, इंफेक्शन, सर्दी या खांसी की वजह से गला बैठ गया हो या फिर कुछ भी खाने या पीने पर घोंटने में दिक्कत हो रही हो और ये परेशानी 3-4 हफ्ते से ज्यादा समय तक रहे तो इसकी जांच करवानाी चाहिए क्योंकि ये थ्रोट कैंसर का शुरआती लक्षण हो सकता है।
(नोट: ध्यान रखें अगर कोई शारीरिक परेशानी हो रही है तो ये जरूरी नहीं कि वो कैंसर ही है। वह कोई दूसरी सामान्य बीमारी भी हो सकती है। लेकिन सतर्कता बरतना जरूरी है। लिहाजा किसी डॉक्टर से मिलकर और टेस्ट कराने में कोई हर्ज नहीं है और टेस्ट कराने के बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकता है।)
इन बॉलीवुड हस्तियों ने जीती कैंसर से जंग
सोनाली बेंद्रे
सोनाली बेंद्रे (Sonali Bendre) मेटास्टेटिक कैंसर (Metastatic Cancer) से जंग लड़ चुकी हैं. सोनाली बेंद्र ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी थी. सोनाली बेंद्रे ने न्यूयॉर्क में इलाज करवाया था. सोनाली ने 1994 में रिलीज हुई फिल्म 'आग' से फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री की थी. इसके बाद सोनाली ने 'सरफरोश', 'हम साथ साथ हैं' जैसी फिल्मों में अपने शानदार एक्टिंग से काफी छा गईं. उन्होंने शाहरुख खान की फिल्म 'कल हो ना हो' में एक्टिंग की है. सोनाली कई टीवी शोज जैसे 'इंडियाज गॉट टैलेंट', 'इंडियन आइडल 4' जैसे शो में जज की भूमिका में नजर आ चुकी हैं.
सोनाली बेंद्रे (Sonali Bendre) मेटास्टेटिक कैंसर (Metastatic Cancer) से जंग लड़ चुकी हैं. सोनाली बेंद्र ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी थी. सोनाली बेंद्रे ने न्यूयॉर्क में इलाज करवाया था. सोनाली ने 1994 में रिलीज हुई फिल्म 'आग' से फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री की थी. इसके बाद सोनाली ने 'सरफरोश', 'हम साथ साथ हैं' जैसी फिल्मों में अपने शानदार एक्टिंग से काफी छा गईं. उन्होंने शाहरुख खान की फिल्म 'कल हो ना हो' में एक्टिंग की है. सोनाली कई टीवी शोज जैसे 'इंडियाज गॉट टैलेंट', 'इंडियन आइडल 4' जैसे शो में जज की भूमिका में नजर आ चुकी हैं.
मनीषा कोइराला
मनीषा कोइराला (Manisha Koirala) ने बॉलीवुड फिल्म 'सौदागर' से डेब्यू किया था और उनका सॉन्ग 'ईलू ईलू' खूब लोकप्रिय भी हुआ था. सलमान के साथ उनकी फिल्म 'खामोशी' को भी खूब पसंद किया गया था. मनीषा कोइराला को 42 साल की उम्र में, उन्हें ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) का पता चला था जिसके लिए उन्होंने न्यूयॉर्क में इलाज कराया. कई सर्जरी और कीमोथेरेपी के बाद, उन्हें 2015 में कैंसर-मुक्त घोषित किया गया था.
मनीषा कोइराला (Manisha Koirala) ने बॉलीवुड फिल्म 'सौदागर' से डेब्यू किया था और उनका सॉन्ग 'ईलू ईलू' खूब लोकप्रिय भी हुआ था. सलमान के साथ उनकी फिल्म 'खामोशी' को भी खूब पसंद किया गया था. मनीषा कोइराला को 42 साल की उम्र में, उन्हें ओवेरियन कैंसर (Ovarian Cancer) का पता चला था जिसके लिए उन्होंने न्यूयॉर्क में इलाज कराया. कई सर्जरी और कीमोथेरेपी के बाद, उन्हें 2015 में कैंसर-मुक्त घोषित किया गया था.
लीसा रे (Lisa Ray)
2009 में, भारतीय मूल की अभिनेत्री को Multiple Myeloma (एक अन्य प्रकार का ब्लड कैंसर) का पता चला था. लीसा रे एक साल से अधिक समय तक कैंसर से लड़ीं और 2010 में कैंसर मुक्त हुईं. एक्ट्रेस लीसा रे को सबसे ज्यादा पॉपुलेरिटी नुसरत फतेह अली खान के गाने आफरीन आफरीन से मिली थी. लीसा ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 2001 में आई फिल्म 'कसूर' (Kasoor) से की थी. हाल ही में लीसा रे का पहला संस्मरण 'इन क्लोज टू द बोन' (In Close To The Bone) रिलीज हुआ है. इस किताब में एक्ट्रेस ने कैंसर को हराने की कहानी लिखी है.