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India - Positive and Negative

भारतीय चिकित्सा पद्धति कब चरमराई,
जब देश की प्रगति के नाम पर अनेक प्रावधान किए गए।
यद्यपि इसमें पूर्ण रूप से सरकार को दोषी नहीं ठहराया जा सकता,
हम भी दोषी हैं----

1.हमारा नुकसान उस समय से शुरू हुआ था जब हरित क्रांति के नाम पर देश में रासायनिक खेती की शुरूआत हुई और  हमारा पौष्टिक वर्धक, शुद्ध भोजन  विष युक्त कर दिया है!

2. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश में जर्सी गाय लायी गई और भारतीय स्वदेशी गाय का अमृत रूपी दूध छोड़कर जर्सी गाय का विषैला दूध पीना शुरु किया था!

3. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन भारतीयों ने दूध, दही,मक्खन, घी आदि छोड़कर शराब  पीना शुरू किया था!

4. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने गन्ने का रस या नींबु पानी छोड़कर पेप्सी, कोका कोला पीना शुरु किया था जिसमें 12 तरह के कैमिकल होते हैं और जो कैंसर, टीबी, हृदय घात का कारण बनते हैं!

5. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने घानी का शुद्ध देशी तेल खाना छोड़ दिया था और रिफाइंड आयल खाना शुरू किया था जो रिफाइंड ऑयल हृदय घात, आदि  का कारण बन रहा है!

6. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश के युवाओं ने नशा शुरू किया था बीडी, सिगरेट, गुटखा, गांजा, अफीम, आदि शुरू किया था जिससे कैंसर बढ रहा है!

7.हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ जिस दिन देश में नकली एलोपैथी दवाओं का व्यापार शुरु हुआ और नकली दवाओं से लोग मर रहे हैं! असली आयुर्वेद को बिल्कुल भुला दिया गया है।

8. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश वासियों ने अपने स्वदेशी भोजन में 56 तरह के पकवान छोड़कर पीजा, बर्गर, जंक फूड खाना शुरू किया था जो अनेक बीमारियों का कारण बन रहा है!

9. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने  अनुशासित और स्वस्थ दिनचर्या को छोड़कर मनमानी दिनचर्या शुरू की थी ।

10. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन हम लोगों के घरों में एलुमिनियम के बर्तन, प्रेशर कुकर व घर में फ्रिज आया था।

11. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन पुरातन भारतीय जीवन शैली को छोड़कर विदेशी जीवन शैली शुरू की थी।

12 .हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन लोगों ने स्वस्थ रहने का विज्ञान योग, आसन, प्राणायाम को छोड दिया था और अपने शरीर के स्वास्थ्य सिद्धांतों के विपरीत कार्य करना शुरू किया था ।

13. हमारा नुकसान उस दिन शुरू हुआ था जिस दिन देश का अधिकतर युवा / युवतियां जीने की आजादी के नाम पर स्वेच्छाचारी बनना शुरू कर दिया था ।

14. हमारा नुकसान तब शुरू हुवा, जब ना हमने अपनी  संस्कृति  को ना खुद जाना और ना ही अपने बच्चों को उसका ज्ञान दिया।

*हमारे आदर्श हमारे संत व महापुरुष नहीं, बल्कि  संस्कारहीन, नचगइये, भांड व फ़िल्म अभिनेता हो गए*।

नोट :-
हमारे नुकसान के अनेक कारण हैं परंतु आज हम लोगों को सिर्फ कोरोना ही दिखाई दे रहा है।

हमें यह भी देखना चाहिए कि लोग कैंसर, टीबी, हृदय घात, शुगर, किडनी फेल, हाई वीपी, लो वीपी, अस्थमा आदि गंभीर बीमारियों से मर रहे हैं!

आइये हम प्रकृति के अनुसार चलकर एक आदर्श जीवन जीने की शुरुआत करते हैं।
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