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‘कोसी महासेतु’ का निर्माण (kosi mahasetu)

 


ऐतिहासिक ‘कोसी महासेतु’ का निर्माण कब और कैसे हुआ ? 

वर्ष 1887 में तत्कालीन बंगाल नॉर्थ वेस्ट रेलवे ने बिहार के निर्मली और भपटियाही (सरायगढ़) के बीच मीटर गेज रेल लाइन बिछाई थी, परंतु 1934 में भारत तथा नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप की वजह से यह रेलवे लाइन पूरी तरह तबाह हो गई। कोसी नदी, जिसे ‘बिहार का शोक या दु:ख’ (Sorrow of Bihar) कहते हैं, में अक्सर बाढ़ आती रहती है। इसलिए इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया। जिसके चलते कोसी और मिथिलांचल में दूरी बढ़ गई थी। 6 जून 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कोसी मेगा ब्रिज लाइन परियोजना की आधारशिला रखी थी। करीब 86 वर्ष बाद इसका निर्माण हो सका। ‘कोसी महासेतु’ का उद्घाटन 18 सितंबर 2020 को किया गया। यह 1.9 किलोमीटर लंबा पुल है। इस सेतु के निर्माण से निर्मली से सरायगढ़ तक की दूरी, दरभंगा-समस्तीपुर-खगड़िया-मानसी-सहरसा होते हुए, 298 किलोमीटर से 22 किलोमीटर में सिमट गई है।