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Class 12 Geography Previous Year Solved Question Paper March 2015 Set - A

समय : 3 घंटे                                                                                      अधिकतम अंक – 60

·         सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।

·         प्रत्येक प्रश्न के  अंक उसके सामने दर्शाये गए हैं।

·         प्रश्नों के उत्तर उनके अंकानुसार दें।

·         प्रश्न संख्या 21 भारत के मानचित्र को भरने से संबंधित है।

·         मानचित्र को भरकर अपनी उत्तर – पुस्तिका में मजबूती से बाँधिए।

·         मानचित्र पर अपनी उत्तर – पुस्तिका का क्रमांक अवश्य लिखें।

·         5 अंकों वाले सभी प्रश्नों में आंतरिक चयन प्रदान किया गया है। ऐसे प्रश्नों में से आपको केवल एक ही प्रश्न करना है।

1.  जनगणना 1951 के अनुसार भारत की साक्षरता कितनी थी? 1

Ans. 18.33%

2.  वार्षिक प्रवाह दर के अनुसार भारत की दो सबसे बड़ी नदियां बताइएI 1

Ans.  ब्रह्मपुत्र नदी (2900 km) और गंगा नदी  (2525km)

3.  नेवेली क्षेत्र में कौन सा खनिज मिलता है ? 1

Ans. लिगनाइट कोयला

4.  भद्रावती किस उद्योग से जुड़ा है ? 1

Ans. लौहा इस्पात कारखाना

5.  शोर को नापने की इकाई का नाम लिखो I 1

Ans. डेसीबल (Db)

6.  भारत के शहरी क्षेत्रों की जनसंख्या वृद्धि दर ग्रामीण क्षेत्रों से अधिक क्यों है? 2

Ans. अगर ग्रामीण और नगरीय दशकीय वृद्धि दर की बात करें तो इसमें भी बहुत अंतर मिलता है I जैसे वर्ष 2001 में भारत के ग्रामीण क्षेत्रों की दशकीय वृद्धि दर 17.97% थी, जबकि नगरों की 31.13% रही (उस समय देश की कुल दशकीय वृद्धि दर 21.54 % थी) I ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा नगरों की वृद्धि दर अधिक रहती है I जैसे देश में दादरा नगर हवेली की नगरीय जनसंख्या में अधिकतम वृद्धि (330%) हुई I राज्यों में सबसे अधिक नगरीय जनसंख्या वृद्धि अरुणाचल प्रदेश में 101 % हुई I इसके पीछे मुख्य कारणों में नगरीय सीमओं का विस्तार, नए नगरों को मान्यता देना, नगरों की ओर भारी प्रवास आदि I

7.  झारखंड राज्य के चार कोयला उत्पादक क्षेत्रों के नाम लिखो I 2

Ans. बोकारो, धनबाद (कोयला नगरी), Jharia, Karanpura, Giridih, Rajmahal, Ramgarh etc.

8.  मैगनीज उत्पादन करने वाले चार मुख्य राज्य कौन से हैं ? 2

Ans. उड़ीसा में सुंदरगढ़, सम्भलपुर, कोरापुट, कालाहांडी; महाराष्ट्र में नागपुर, भंडारा, रत्नागिरी; कर्नाटक में धारवाड़, बेलारी, बेलगाम, शिमोगा; मध्य प्रदेश में बालाघाट, छिन्दवाडा, झबुआ आदि।

9.  सौर ऊर्जा क्या है ? 2

Ans. सौर ऊर्जा (SOLAR ENERGY), सूर्य से प्राप्त ऊर्जा होती है I भारत में इस गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोत की अपार सम्भावनाएँ हैं, क्योंकि भारत एक उष्णकटिबंधीय देश है I सौर ऊर्जा उत्पादन में फोटोवोल्टिक सेल (सोलर प्लेट) से धूप को सीधे विद्युत (DC) में बदल दिया जाता है I भारत के ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में सौर ऊर्जा तेजी से लोकप्रिय हो रही है I इससे गांवों में उपलों व लकड़ी के प्रयोग में कमी आएगी I

10.      भारत में गरीबी निरंतर घट रही है I कोई दो कारण लिखो I 2

Ans.

1.    शैक्षणिक सुविधाएँ

2.    आर्थिक विकास

3.    परिवहन एवं संचार के साधन

4.    पुरूष व महिलाओं की बराबरी के प्रति सोच

5.    नगरीयकरण का स्तर

6.    सरकारी नीतियाँ

11.      भारत में प्रवास कितने प्रकार का होता है ? 3

Ans. प्रवास का शाब्दिक अर्थ होता है – प्र (दूसरा) + वास (निवास) I अर्थात् किसी व्यक्ति या समूह का दूसरे स्थान पर जाकर बसना प्रवास कहलाता है I

v  अवधि के आधार पर प्रवास :-

A.      स्थाई प्रवास

B.      अस्थाई प्रवास अथवा मौसमी

v  दिशा के आधार पर प्रवास या प्रवास की धाराएँ :-

1)      गाँव से गाँव को प्रवास (Rural to Rural)

2)      गाँव से शहर को प्रवास (Rural to Urban)

3)      शहर से गाँव को प्रवास  (Urban to Rural)

4)      शहर से शहर को प्रवास (Urban to Urban)

12.      मानव विकास के आर्थिक संकेतकों का वर्णन करें I 3

Ans. आर्थिक प्रगति, आर्थिक विकास का स्तर, सकल घरेलू उत्पाद

13.      भारतीय नगरों की प्रमुख विशेषताएं बताइए I 3

Ans.

1.     जनाधिक्य (OVER POPULATION)

2.     छोटे एवं तंग आवास

3.     भीड़ भाड़

4.     संकरी गलियाँ

5.     पेयजल की कमी

6.     परिवहन सुविधाओं की कमी

7.     नगरों पर गांवों की छाप मिलती है

8.     नगरीय नस्तियों में ग्रामीण व्यवहार एवं भाषा मिलती है।

14.      भारतीय कृषि की तीन समस्याएं बताइए I 3

Ans.

1. प्रति हेक्टेयर निम्न उत्पादकता

2. भू संसाधनों पर अधिक दबाव

3. अपर्याप्त साख (Loan) सुविधा

4. कृषि उपकरण और बीजों का महंगा होना

5. साहूकारों का चंगुल

6. विपणन सुविधाओं की कमी

15.      स्वतंत्रता के बाद भारत के आयात संगठन में क्या परिवर्तन हुए हैं ? 3

Ans. दूसरे देश से वस्तु व सेवाएँ मंगवाना या खरीदना, आयात (IMPORT) कहलाता है I

समय के साथ भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में बड़े परिवर्तन हुए हैं I जैसे –

1.     भारत के आयात व्यापार में सबसे ज्यादा वृद्धि पेट्रोलियम एवं इसके उत्पादों में हुई है I 1960 – 61 में भारत के कुल आयात में इन पदार्थों की भागीदारी 6% थी जो 2011 – 12 में बढ़कर 30% हो गई है I

2.     देश में औद्योगिक प्रगति के कारण आयात संघटन में मशीनों, कल – पुर्जों और तकनीक की भूमिका बढ़ी (11%) है I

3.     परिवहन तन्त्र के विकास के कारण अब परिवहन एवं संचार साधनों का आयात बढ़ा है I

4.     देश में हरित क्रांति के आने से पहले विदेशों से खाद्यान्न मंगवाते थे, लेकिन इसके बाद कृषि में हुई अभूतपूर्व उन्नति के परिणामस्वरूप देश के आयात में उर्वरकों की मांग बढ़ी I

5.     भारत में रसायन उद्योग के विकास के कारण अब रसायनों का आयात 2011 में घट कर मात्र 4% रह गया है, जबकि 1997 के आस – पास यह 11% था I भारत के आयात में सोना, चांदी, अखबारी कागज आदि उत्पादों का आयात घटा है I

16.      भारत में जनसंख्या का वितरण असमान क्यों है ? OR भारत में जनसंख्या के बदलते आयु लिंग अनुपात का वर्णन कीजिए I 5

Ans. भारत विश्व में चीन के बाद दूसरा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है I यह दुनिया के सघनतम बसे देशों में से एक है I भारत की कुल जनसंख्या जनगणना 2011 के अनुसार 121.0 करोड़ है, जो उत्तर अमेरिका, दक्षिणी अमरीका और ऑस्ट्रेलिया की सम्मिलित जनसंख्या से भी अधिक है I

भारत में जनसंख्या वितरण सम्बन्धी सामान्य प्रारूप निम्नलिखित हैं –

1.       भारत में जनसंख्या का वितरण बड़ा असमान हैI

2.       उत्तर प्रदेश की जनसंख्या सर्वाधिक है I इसके बाद महाराष्ट्र,बिहार और पश्चिम बंगाल का स्थान है I 

3.       जनसंख्या का सर्वाधिक सकेंद्रण मैदानी भागों (उत्तरी मैदान व तटीय मैदानों) में है I

4.       जम्मू– कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड का आकार बड़ा होने के बावजूद जनसंख्या कम मिलती है I

5.       जनसंख्या का वितरण जल की उपलब्धता तथा  जलवायु द्वारा निर्धारित होता हैI

6.       राजस्थान के मरुस्थल, हिमालय के पर्वतीय क्षेत्रों और मध्य भारत में जनसंख्या विरल है I

OR

व्यावसायिक संरचना किसी देश के आर्थिक स्तर का सूचक होती है क्योंकि यदि जनसंख्या का अधिकांश भाग प्राथमिक क्रियाओं में ज्यादा संलगन है तो स्पष्ट होता है कि वह क्षेत्र आर्थिक रूप से पिछड़ा या विकासशील है I इसके विपरीत यदि जनसंख्या का अधिकांश भाग द्वितीयक क्रियाओं में संलगन है तो स्पष्ट होता है कि वह क्षेत्र आर्थिक रूप से उच्च या विकसित क्षेत्र है I

भारत का व्यावसायिक संगठन :-

1.    भारत में वर्ष 1991 में किसानों की संख्या 38.41% थी जो अब घट कर 31.71% रह गई है I

2.    आज भी भारत की व्यावसायिक संरचना में कृषि क्षेत्र का प्रभुत्व है I वर्ष 1991 के अनुसार 66.85% (किसान और कृषि श्रमिक) कामगार कृषि क्षेत्र में लगे हैं I

3.    देश में पिछले दशकों से सेवा क्षेत्र बढ़ रहा है I

4.    लिंगानुपात के आधार पर देखें तो 72% स्त्रियाँ कृषि कार्यों में लगी हैं जबकि पुरूष कामगारों का 52% भाग ही इस क्षेत्र में संलग्न हैंI

17.      भारत में चीनी उद्योग की अवस्थिति व वितरण का वर्णन कीजिए OR भारत की नई औद्योगिक नीति की तीन विशेषता बताते हुए, उदारीकरण का विस्तार से वर्णन कीजिए I 5

Ans. चीनी उत्पादन में भारत, विश्व में ब्राज़ील के बाद दूसरे स्थान पर है I जबकि गुड़ व खांडसारी के उत्पादन में भारत, विश्व में प्रथम स्थान पर है I चीनी उद्योग का कच्चा माल गन्ना है, जो भारी और भारह्रासमान है I चीनी उद्योग को कच्चे माल के उत्पादक क्षेत्रों के निकट लगाना अच्छा होता है, क्योंकि गन्ने की कटाई के बाद गन्ने से रस सूखने लगता है Iयह कृषि आधारित सूती वस्त्र उद्योग के बाद दूसरा बड़ा उद्योग है I चीनी उद्योग एक मौसमी उद्योग है, क्योंकि गन्ने की पिराई केवल सर्दियों के समय ही होती है I

 वर्तमान में देश में 460 से अधिक चीनी मिल्स हैं I चीनी मिल्स का 60 % उत्तर प्रदेश व बिहार राज्यों में है I उत्तर प्रदेश की प्रमुख चीनी मिल्स सहारनपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, बागपत, बरेली आदि में; बिहार में मुजफ्फरपुर, गया आदि में स्थित हैं I

दक्षिण भारत में अधिकांश चीनी मिल्स महाराष्ट्र राज्य में केन्द्रित हैं, क्योंकि वहाँ के गन्ने में सुक्रोस या रस की मात्रा व मिठास अधिक होती है I यहाँ प्रमुख चीनी मिल्स शोलापुर, सतारा, पुणे और अहमदनगर (चीनी मिल्स का सबसे बड़ा केंद्र) आदि स्थानों पर हैं I

चीनी उत्पादन के अन्य प्रमुख केंद्र पंजाब में गुरदासपुर, जालन्धर, पटियाला व अमृतसर; हरियाणा में अम्बाला, यमुनानगर, शहजादपुर, शाहाबाद मारकंडा, करनाल, पानीपत, सोनीपत, गोहाना, रोहतक, हिसार आदि; कर्नाटक में बेलगाम, बेल्लारी, शिमोगा आदि; आंध्रप्रदेश में पूर्वी गोदावरी, पश्चिम गोदावरी, विशाखापत्तनम आदि; तमिलनाडु में कोयम्बटूर, अर्काट, तिरुचिरापल्ली आदि हैंI गन्ने की खोई का प्रयोग कागज उद्योग तथा ताप विद्युत उद्योग जैसे उद्योगों में किया जाता है

OR

नई औद्योगिक नीति वर्ष 1991 से लागू की गई I इसके तहत उद्योगों के विकास में उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की नीति अपनाई गई I

इनके तहत उद्योगों की कमियों को दूर करना, रोजगार के अवसर बढ़ाना, उत्पादन में वृद्धि करना, उत्पादों को विश्व स्तर के बनाना आदि शामिल था I इनका उद्योगों पर सकारात्मक और नकारात्मक, दोनों प्रकार के प्रभाव पड़ा I

व्यापार प्रतिबदंधो में ढील देकर ,अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना, उदारीकरण कहलाता है I

उदारीकरण का उद्योगों पर प्रभाव :-

1.    औद्योगिक विकास तेजी से हुआ

2.    उत्पादन में वृद्धि हुई

3.    सुरक्षा और पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील उद्योगों को छोड़कर लाइसेंस को समाप्त कर दिया गया

4.    औद्योगिक विकेंद्रीकरण को बढ़ावा मिला

5.    दुर्गम और अविकसित क्षेत्रों में उद्योग लगने लगे I

18.      भारत की प्रथम व द्वितीयक पंचवर्षीय योजनाओं के मुख्य उद्देश्य क्या थे ? OR सामुदायिक विकास कार्यक्रम का वर्णन करें I 5

Ans. भारत में केन्द्रीय योजना का कार्य वर्तमान में ‘नीति आयोग’ करता है I पहले इसका नाम ‘योजना आयोग’ था I इस वैधानिक संस्था (CONSTITUTIONAL BODY) का अध्यक्ष प्रधानमन्त्री होता है I इसका एक उपसभापति और कुछ सदस्य होते हैं I

भारत में नियोजन सामान्यत: पंचवर्षीय योजनाओं के रूप में किया गया है I

1.       पहली पंचवर्षीय योजना 1951-56

2.       दूसरी पंचवर्षीय योजना 1956 -61

3.       तीसरी पंचवर्षीय योजना 1961-66

4.       योजना – अवकाश, 1966-67 और 1968-69 (लगातार दो सूखे पड़ने और पाकिस्तान से युद्ध होने के कारण, इस अवधि में वार्षिक योजनाएँ लागू की गई, जिन्हें ‘रोलिंग प्लान’ कहते हैं)

5.       चौथी पंचवर्षीय योजना 1969-74

6.       पाँचवी पंचवर्षीय योजना 1974-78 (राजनैतिक अस्थिरता के कारण एक साल पहले खत्म कर दी गई)

7.       छठी पंचवर्षीय योजना 1980-85

8.       सातवीं पंचवर्षीय योजना 1985-90

9.       आठवीं पंचवर्षीय योजना 1992-97

10.    नौवीं पंचवर्षीय योजना 1997-2002

11.    दसवीं पंचवर्षीय योजना 2002-07

12.    ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना 2007-12

13.    बारहवीं पंचवर्षीय योजना 2012-16

सन् 1951 में पहली पंचवर्षीय योजना की नींव डाली गई और योजना आयोग का गठन किया। जवाहरलाल नेहरू ने 8 दिसंबर, 1951 को संसद में पहली पंचवर्षीय योजना को पेश किया था और उन्होंने उस समय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लक्ष्य 2.1 फ़ीसदी निर्धारित किया था। इस परियोजना में कृषि क्षेत्र पर विशेष ज़ोर दिया गया क्योंकि उस दौरान खाद्यान्न की कमी गंभीर चिंता का विषय थी।

दूसरी पंचवर्षीय योजना में केवल कुछ भागों में बड़े – बड़े कारखाने स्थापित किये गए I स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् द्वितीय पंचवर्षीय योजना काल (1956-61) में सार्वजनिक क्षेत्र (SAIL) (STEEL AUTHORITY OF INDIA) के तीन प्रमुख लौह इस्पात कारखाने स्थापित किये गये-

1. हिन्दुस्तान स्टील लि., भिलाई (दुर्ग ज़िला, छत्तीसगढ़) (रूस की सहायता से स्थापित) (M/2019 C)

2. हिन्दुस्तान स्टील लि., राउरकेला (सुन्दरगढ़ ज़िला, उड़ीसा) (जर्मनी की सहायता से स्थापित)

3. हिन्दुस्तान स्टील लि. दुर्गापुर (वर्धमान ज़िला, पश्चिम बंगाल) (ब्रिटेन की सहायता से स्थापित)

तृतीय पंचवर्षीय योजना काल (1961-66) में झारखण्ड के बोकारो (रूस की सहायता से स्थापित) नामक स्थान पर एक नये कारखाने की आधारशिला रखी गयी, जिसमें चतुर्थ पंचवर्षीय योजना काल में ही उत्पादन प्रारम्भ हो गया I

सूखा सम्भावी क्षेत्र विकास कार्यक्रम की शुरुआत चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-74) से की गई I पर्वतीय क्षेत्र विकास नियोजन कार्यक्रम की शुरुआत पाँचवी पंचवर्षीय योजना (1974-78) से की गई I

OR

सामुदायिक विकास कार्यक्रम / जनजातीय विकास कार्यक्रम की शुरुआत उन जिलों के लिए की गई जहाँ आधी या आधी से अधिक जनसंख्या जनजातीय है I यह कार्यक्रम मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्रप्रदेश, झारखण्ड और राजस्थान के कुछ चूने हुए क्षेत्रों में लागू किए गए I

जनजातीय विकास कार्यक्रम के उद्देश्य :-

1.    समाज के कमजोर वर्गों का विकास करना

2.    विकास का लाभ आम आदमी तक शीघ्रता से पहुंचाना 

3.    लोगों की जीवन शैली को सुधारना

4.    बंधुआ मजदूरी की समस्या का हल करना 

5.    पिछड़े क्षेत्रों के श्रमिकों को लाभ पहुंचाना

6.    स्थानान्तरी कृषि को स्थाई कृषि में बदलकर पारिस्थितिकी संतुलन बनाए रखना

7.    सांस्कृतिक संरक्षण प्रदान 

8.    सड़कों का विकास करना

9.    मछली पालन, मुर्गी पालन, मधुमक्खी पालन, पशुपालन आदि के लिए ऋण उपलब्ध करवाना

10. वृक्षारोपण करना और उद्यान कृषि या बागवानी को बढ़ावा देना

19.      भारत के विभिन्न प्रकार के सड़क मार्गों का वर्णन कीजिए OR भारत में गैस व तेल पाइपलाइन परिवहन का वर्णन कीजिए I 5

Ans. परिवहन के वे साधन जो वस्तुओं व व्यक्तियों को एक स्थान से दूसरे पर लाने ले जाने के लिए सड़को को परिवहन मार्ग के रूप में प्रयोग करते हैं, सड़क परिवहन कहलाते हैं I जैसे – पक्की सड़कें, कच्ची सड़कें, महामार्ग, एक्सप्रेस वे आदि I

द्वितीय विश्व युद्ध (1939-45) से पहले भारत में सड़कों का विकास बहुत सीमित था I सड़कों के विकास के लिए पहला गम्भीर प्रयास 1943 में नागपुर योजना थी I लेकिन रजवाड़ों और ब्रिटिश सरकार के बीच समन्वय की कमी के कारण यह योजना अधिक सफल नहीं हो पायी I 1947 में भारत में सड़कों की लम्बाई मात्र 2.73 लाख km थी I स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 1961 में एक 20 वर्षीय सड़क योजना बनाई गई तथा सडको का विकास किया गया I आज देश में वर्ष 2009 के अनुसार 33.1 लाख km लम्बी सड़कें हैं I जिनके द्वारा देश के 85% यात्री और 70% माल धोया जाता है I

निर्माण और रखरखाव के अनुसार भारत सड़कों का वर्गीकरण:-

1.     राष्ट्रीय राजमार्ग या महामार्ग (NATIONAL HIGHWAYS/ NH)

2.     राज्य महामार्ग (STATE HIGHWAYS/ SH)

3.     जिला सड़कें

4.     ग्रामीण सड़कें

5.     सीमांत या सीमावर्ती सड़कें

भारत में सड़कों का जाल (वर्ष 2010 के अनुसार)

सड़क वर्ग या सड़कों की प्रकार

लम्बाई (किलोमीटर में)

कुल सड़कों की लम्बाई का प्रतिशत

राष्ट्रीय राजमार्ग या एक्सप्रेस वे (NH)

66,590

2%

राज्य महामार्ग (SH)

1,28,000

4%

जिला सड़कें

4,70,000

14%

ग्रामीण सड़कें

26,50,000

80%

सड़कों की कुल लम्बाई

33,14,590

100%

OR

परिवहन के वे साधन जो तरल पदार्थों को एक स्थान से दूसरे पर लाने ले जाने के लिए पाइप को परिवहन मार्ग के रूप में प्रयोग करते हैंI

1.       पाइपलाइन से तरल पदार्थों, जैसे – पानी, गैस, पेट्रोल,कच्चा तेल आदि पदार्थों का परिवहन होता हैं I

2.       ठोस पदार्थों को तरल (SLURRY) अवस्था में बदलकर पाइपलाइन से परिवहन किया जाता हैI

3.       महानगरीय तरल कचरे का निपटान सीवरेज पाइपलाइन द्वारा किया जाता है

4.       महानगरों में LPG गैस

भारत में पाइपलाइन परिवहन का वितरण :-

1.   भारत में 9000 km से ज्यादा लम्बी पाइपलाइन हैं

2.   नहरकाटिया (असम) से बरौनी (बिहार) 724 km

3.   सलाया (कच्छ खाड़ी) से मथुरा (UP) तक 1256 km

4.   मथुरा से दिल्ली, करनाल, अम्बाला, जालन्धर तक

5.   HBJ – हजीरा (गुजरात), बिजयपुर (MP) व जगदीशपुर (UP) तक 1750 km लम्बी गैस पाइपलाइन, दुनिया की सबसे लम्बी पाइपलाइन है।

20.      जल प्रदूषण का वर्णन कीजिए OR औद्योगिक व नगरीय अपशिष्ट के निपटान में क्या समस्याएं हैं ? 5

Ans. जल में अवांछित पदार्थ जो जल और जीव जन्तुओं के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं, जल प्रदूषण कहलाते हैं I

जल प्रदूषण के कारण : -

1.   नदियों में शहरों और मानवीय बस्तियों तथा फैक्ट्रियों का गंदा पानी और सीवरेज को डालना I

2.   जनसंख्या वृद्धि

3.   औद्योगिक कचरा जैसे - चमडा उद्योग – कानपुर, गंगा नदी को दूषित करता है I

4.   पहाड़ों पर तीव्र वर्षा से होने वाला मृदा अपरदन

5.   पेड़ पौधों और जीव जन्तुओं के अवशिष्ट

6.   पेट्रोरसायन उद्योग, वस्त्र उद्योग, जूट उद्योग, चीनी उद्योग आदि का नदियों किनारे अवस्थित होना

7.   नगरीय अपशिष्ट और कूड़े कर्कट का ढेर

8.   वर्षा के दौरान दूषित जल का भौम जल में मिल जाना

9.   समुद्रों में तेल टैंकरों से तेल का रिसाव

10. कृषि क्षेत्र यानि खेतों में रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग

11. तीर्थ यात्राओं, धार्मिक मेलों, पर्यटन आदि के कारण

12. नदियों में अस्थियों को बहाना 

13. दिल्ली का अपशिष्ट जल  यमुना नदी के प्रदूषण का मुख्य कारण है I

जल प्रदूषण के प्रभाव :-

1.   जल जनित बीमारियाँ जैसे दस्त (डायरिया), आँतों में कीड़े होना, हेपेटाइटिस का होना

2.   भौम जल का दूषित होना

3.   नदियों के जल की गुणवत्ता का कम होना

4.   नदीय या जलीय जीवों की मृत्यु होना

5.   जलीय जीवों के अस्तित्व को खतरा

जल प्रदूषण की रोकथाम के उपाय :-

1.    पानी का पुन: चक्रण करना

2.    सख्त नियम और कानून बनाना तथा अवमानना पर सख्त सजा देना

3.    जनसंख्या को नियंत्रित रखना

4.    अपशिष्ट का निपटान जैविक खाद के रूप में करना

5.    जन जागरूकता को बढ़ाना

OR

नगरीय क्षेत्र अत्यधिक जनसंख्या वाले होते हैं I बढ़ती जनसंख्या के कारण यहाँ आमतौर पर साफ – सफाई की व्यवस्था लचर होती है I जगह – जगह गंदगी के ढेर और प्रदूषित वायु के कारण नगरीय अपशिष्ट का निपटान हर बड़े शहर और नगर के लिए समस्या बन चूका है I

ठोस कचरे के ढेर का नगरों में अम्बार लगता जा रहा है I जैसे – दिल्ली के करनाल बाईंपास पर कूड़े का पहाड़ बन चूका है I दिल्ली का घरेलू व औद्योगिक अपशिष्ट यमुना नदी में डाला जाता है।

ठोस कचरे में प्लास्टिक का सामान, पोलिथीन की थैलियाँ, रद्दी कागज, पुराना फर्नीचर, CD, DVD आदि शामिल रहता है, जबकि गीले कचरे में दैनिक जीवन में उपयोग के बाद निकलने वाला साग – सब्जियों का कचरा आदि शामिल रहता है I

 नगरीय अपशिष्ट के प्रभाव :-

1.   ठोस अपशिष्ट से दूर – दूर तक बदबू फैलती रहती है।

2.   गंदगी का ढेर मक्खियों, मच्छरों, चूहों, सूअरों व कुत्तों की शरण – स्थली बन जाता है। 

3.   यहाँ से उत्पन्न गंदी बदबू और जीव जीवन के लिए जोखिम बन जाते हैं। 

4.   टाइफाइड (मियादी बुखार), गलघोटू (डिप्थीरिया), दस्त (डायरिया), हैजा जैसी बीमारियाँ फैलती हैं। 

5.   भौम जल भी दूषित होता है।

नगरीय अपशिष्ट का निपटान :-

1.   जनता को कचरे को फैंकने से पहले छांट लेना चाहिए

2.   पुन: चक्रण को बढ़ावा देना चाहिए

3.   कचरे से ताप विद्युत आदि बनाने के लिए शोध कार्य करने चाहिए

4.   जैविक खाद आदि बनाना

5.   जन जागरूकता फैलाकर I

21.      MAP कार्य

i) मिजोरम की राजधानी

ii) 2000 -2001 में अधिकतम गेंहू उत्पादक राज्य

iii) कलपक्कम नाभिकीय शक्ति केंद्र

iv) मंगलौर समुद्री पत्तन

v) कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय विमान पत्तन 5

Ans.



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आंकड़ों का प्रक्रमण Chapter 2 Class 12 Geography Practical File (Hindi Medium)

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