Chapter 4
मानव विकास
(Human
Development)
Que1.
नीचे दिए गए चार विकल्पों
में से सही उत्तर चुनिए:-
(i) निम्नलिखित में से कौन विकास का सर्वोतम वर्णन करता है ?
(क) आकार में वृद्धि
(ख) गुण में धनात्मक या सकारात्मक (पॉजिटिव) वृद्धि
(ग) आकार में स्थिरता (घ)
गुण में साधारण परिवर्तन
Ans. (ख) गुणों में धनात्मक
अथवा सकारात्मक परिवर्तन।
(ii)
मानव विकास की अवधारणा निम्नलिखित
में से किस विद्वान् की देन है ?
(क) प्रो.
अमर्त्य सेन (ख) डॉ. महबूब उल हक (ग) एलन सी. सेम्पुल (घ)
रैटजल
Ans. (ख) डॉ. महबूब उल हक।
Que2.
निम्नलिखित प्रश्नों के
उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए :-
(i) मानव विकास के तीन मूलभूत क्षेत्र कौन – से
हैं ?
Ans. मानव विकास सूचकांक, मानव विकास के स्तर को तीन
आधारों, जैसे – स्वास्थ्य, शिक्षा और संसाधनों तक पहुंच की औसत उपलब्धियों पर मापता है। इन आधारों पर
एक सूची तैयार की जाती है तथा देशों का एक पदानुक्रम (Hierarchy) तैयार किया जाता है। सूचकांक (INDEX) तैयार करने के
लिए प्रत्येक सूचक के न्यूनतम और अधिकतम मान निश्चित किये जाते हैं। जैसे –
1.स्वास्थ्य का मूल्यांकन करने के लिए चुना गया सूचक है
–
जन्म के समय जीवन प्रत्याशा, जिसका न्यूनतम
मान है 25 वर्ष और अधिकतम 85 वर्ष।
2.ज्ञान
तक पहुंच को दर्शाने के लिए प्रौढ़ साक्षरता दर और सकल नामांकन अनुपात (GROSS
ENROLLMENT RATIO) जैसे सूचक लिए जाते हैं, जिनका
मान 0 से 100% के बीच मापा जाता है।
3.संसाधनों
तक पहुंच को अमेरिकी डालर में क्रय शक्ति के सन्दर्भ में मापा जाता है, न्यूनतम मान है 100 डालर और अधिकतम 40000 डालर है।
(ii) मानव विकास के चार प्रमुख घटकों के नाम लिखिए।
Ans. मानव विकास के चार स्तम्भ या घटक या
मापदंड :-
1.समता अर्थात संसाधनों तक प्रत्येक व्यक्ति की।
2.सतत पोषणीयता, यानि संसाधनों का मितव्यतापूर्वक प्रयोग करना।
3.उत्पादकता, यानी मानव समाज में काम करने का हुनर।
4.सशक्तिकरण अर्थात लोगों को कार्य करने एवं विकल्प चुनने
के लिए सबल और शक्तिशाली बनाना।
(iii) मानव विकास सूचकांक के आधार पर देशों का
वर्गीकरण किस प्रकार किया जाता है ?
Ans. मानव विकास सूचकांक (HUMAN
DEVELOPMENT INDEX) को 0 से 1 के मध्य मापा जाता है। जिस देश का स्कोर 1 के जितना निकट
होता है, वहाँ मानव विकास का स्तर उच्च होता है। वर्ष 2020 के मानव विकास सूचकांक
के अनुसार विश्व के 189 देशों का क्रम बनाया गया। मानव विकास सूचकांक 2020 के आधार
पर विश्व के देशों की स्थिति निम्न प्रकार से है :-
(क) अति उच्च मानव विकास वाले देश जिनका HDI 0.8 से
ऊपर है। इनकी संख्या 66 है।
(ख) उच्च मानव विकास वाले देश जिनका HDI 0.700 से 0.799
के बीच है। इनकी संख्या 53 है।
(ग) मध्यम मानव विकास वाले देश जिनका HDI 0.550 से 0.699
के बीच है। इनकी संख्या 37 है।
(घ) निम्न मानव विकास वाले देश जिनका HDI 0.549 से नीचे
है। इनकी संख्या 33 है।
Que3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए :-
(i) मानव विकास शब्द से आपका क्या अभिप्राय है ?
Ans. मानव विकास की अवधारणा का प्रतिपादन
पाकिस्तानी अर्थशास्त्री डॉ. महबूब – उल – हक ने किया था।
उन्होंने
1990 में मानव विकास सूचकांक (HDI–
Human Development Index) बनाया।
इसी सूचकांक का प्रयोग संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP-
United
Nations Development Programme)
ने वार्षिक रिपोर्ट को प्रस्तुत करने के लिए प्रयोग किया था।
डॉ.
महबूब – उल – हक ने ऐसे मानव विकास
की कल्पना की जिसमें लोगों के लिए विकल्पों की बढ़ोतरी हो, ताकि मानव आत्म –
विश्वास से जीवन जी सके।
मानव
विकास की अवधारणा का मूल उद्देश्य है – ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न करना जिनमें लोग
सार्थक जीवन (स्वस्थ एवं विवेकपूर्ण जीवन) व्यतीत कर सकें।
1990
की मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार – “मानव विकास मनुष्य की आकांक्षाओं एवं उन्हें
उपलब्ध जीवन यापन की सुविधाओं के स्तर को विकसित करने की प्रक्रिया है”।
मानव विकास को 0 से 1 के मध्य मापा जाता है। जिस देश का स्कोर
1 के जितना निकट होता है, वहाँ मानव विकास का स्तर उच्च होता है।
वर्ष
2020 के मानव विकास सूचकांक के अनुसार विश्व के 189 देशों का क्रम बनाया गया। मानव
विकास सूचकांक के आधार पर विश्व के 66 देशों में अति उच्च मानव विकास का स्तर
मिलता है, जिनका HDI 0.8 से ऊपर है। 53 देशों में उच्च मानव विकास मिलता है,
जिनका HDI 0.700 से 0.799 के बीच है। मध्यम मानव विकास सूचकांक वाले
देशों, जिनका HDI 0.550 से 0.699 के बीच है, में 37 देश शामिल हैं। जबकि
33 देशों का HDI स्तर निम्न मिलता है। जिनका HDI 0.549 से नीचे है।
(ii) मानव विकास अवधारणा के अंतर्गत समता और सतत
पोषणीयता से आप क्या समझते हैं ?
Ans. मानव विकास के चार प्रमुख आधार निम्नलिखित हैं :-
1.समता
:- समता का अर्थ है – संसाधनों तक
प्रत्येक व्यक्ति की पहुंच अर्थात् लोगों को धर्म, जाति,
लिंग, जन्म स्थान व आय के भेदभाव के बिना अवसर
उपलब्ध हों।
2.सतत
पोषणीयता :- इसका अर्थ है - संसाधनों का इस ढंग से प्रयोग करना कि वे वर्तमान
की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए, भविष्य
के लिए भी उपलब्ध हों। अर्थात भावी पीढ़ियों के लिए संसाधनों को बचना, यानि संसाधनों का मितव्यतापूर्वक प्रयोग करना।
3.उत्पादकता
:- इसका अर्थ है – मानव समाज में काम
करने का तरीका और उसे बेहतर बनाने का हुनर। अर्थात किसी भी समाज की उत्पादकता,
उस समाज की कार्यशील स्वस्थ जनसंख्या एवं उसकी क्षमता पर निर्भर
करती है।
4.सशक्तिकरण
:- इसका अर्थ है – लोगों को कार्य
करने एवं विकल्प चुनने के लिए सबल और शक्तिशाली बनाना। जैसे – महिलाओं और पिछड़े वर्गों को शिक्षित करके उन्हें EMPOWER करना।