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Poem of Success - जीत पक्की है

✨ *जीत पक्की है* ✨

कुछ करना है, तो डटकर चल।
           *थोड़ा दुनियां से हटकर चल*।
लीक पर तो सभी चल लेते हैं, 
      *कभी इतिहास को पलटकर चल*।।

बिना काम के मुकाम कैसा? 
          *बिना मेहनत के, दाम कैसा*?
जब तक ना हाँसिल हो मंज़िल 
        *तो राह में, राही आराम कैसा*? 

अर्जुन सा, निशाना रख, मन में, 
          *ना कोई बहाना रख*।
जो लक्ष्य सामने है,  
बस उसी पे अपना ठिकाना रख।।

          *सोच मत, साकार कर*, 
अपने कर्मों से प्यार कर।
          *मिलेगा तेरी मेहनत का फल*, 
किसी और का ना इंतज़ार कर।।

    *जो चले थे अकेले*
       *उनके पीछे आज मेले हैं*।
    जो करते रहे इंतज़ार, उनकी 
  जिंदगी में आज भी झमेले हैं....

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"Abhimanyu Dahiya"  

Save Water, Save Environment, 
Save Earth, Save Life.
जल है तो कल है। जल ही जीवन है।