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PM-Modi-to-launch-property-cards-under-svamitva-scheme (क्या है स्वामित्व योजना?)

 क्या है स्वामित्व योजना

केंद्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय की ओर से (11 अक्टूबर, 2020) शुरू की गई यह एक खास योजना है. इसके बारे में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस, 24 अप्रैल, 2020 को घोषणा की थी. 

इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को 'रिकॉर्ड ऑफ राइट्स' देने के लिए संपत्ति कार्ड का वितरण किया जाना है. 

इस योजना का क्रियान्वयन 4 वर्ष में चरणबद्ध ढंग से किया जाएगा. इसे 2020 से 2024 के बीच पूरा किया जाना है और देश के 6.62 लाख गांवों को कवर किया जाना है. 

इसमें से एक लाख गावों को आरंभिक चरण (पायलट फेज) में 2000-21 के दौरान कवर किया जाएगा. इस आरंभिक चरण में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और कर्नाटक के गांवों के साथ-साथ पंजाब तथा राजस्थान के सीमावर्ती कुछ गांव शामिल होंगे.

इस योजना से भू-संपत्ति मालिक अपने संपत्ति को वित्तीय संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे. इसका इस्तेमाल लोन आदि के आवेदन समेत अन्य आर्थिक लाभ के लिए किया जा सकेगा.

Highlights:

  • पंचायती राज मंत्रालय के तहत है 'स्‍वामित्‍व' योजना, बनेंगे आवासीय जमीन के प्रॉपर्टी कार्ड्स
  • ड्रोन से गांव का सर्वे करके बनेगा डिजिटल मैप, कितना बड़ा है घर प्रॉपर्टी कार्ड में होगा ब्‍योरा
  • अधिकांश गांवों में घरों के मालिकाना हक के कागज नहीं, यह योजना देगी मालिकाना हक
  • प्रॉपर्टी कार्ड का इस्‍तेमाल बैंक से कर्ज लेने में भी, राज्‍य सरकारें बनाकर डिलिवर करेंगी


केंद्र सरकार की यह योजना राष्‍ट्रीय पंचायती दिवस (24 अप्रैल), 2020 को लॉन्‍च की गई थी। पंचायती राज मंत्रालय ही इस योजना को लागू कराने वाला नोडल मंत्रालय है। राज्‍यों में योजना के लिए राजस्‍व/भूलेख विभाग नोडल विभाग हैं। ड्रोन्‍स के जरिए प्रॉपर्टी के सर्वे के लिए सर्वे ऑफ इंडिया नोडल एजेंसी है। 

योजना का मकसद है कि ग्रामीण इलाकों की जमीनों का सीमांकन ड्रोन सर्वे टेक्‍नोलॉजी के जरिए हो। इससे ग्रामीण इलाकों मे मौजूद घरों के मालिकों के मालिकाना हक का एक रिकॉर्ड बनेगा। वह इसका इस्‍तेमाल बैंकों से कर्ज लेने के अलावा अन्‍य कामों में भी कर सकते हैं।


क्‍यों पड़ी इस योजना की जरूरत?
देश की 60% आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है। लेकिन अधिकतर ग्रामीणों के पास अपने घरों के मालिकाना हक के कागजात नहीं हैं। अंग्रेजों के समय से ही गांवों की खेतिहर जमीन का रिकॉर्ड तो रखा गया, लेकिन घरों पर ध्‍यान नहीं दिया गया। कई राज्‍यों में गांवों के रिहाइशी इलाकों का सर्वे और मैपिंग संपत्ति के सत्‍यापन के लिहाज से नहीं हुआ। नतीजा ये हुआ कि कई घरों के संपत्ति के कागजात मौजूद नहीं हैं। इसी कमी को दूर करने के लिए 'स्‍वामित्‍व' योजना लाई गई।

कैसे काम करेगी 'स्‍वामित्‍व' योजना?
'स्‍वामित्‍व' योजना के तहत गांवों की आवासीय भूमि की पैमाइश ड्रोन के जरिए होगी। ड्रोन से गांवों की सीमा के भीतर आने वाली हर प्रॉपर्टी का एक डिजिटल नक्‍शा तैयार होगा। साथ ही हर रेवेन्‍यू ब्‍लॉक की सीमा भी तय होगी। यानी कौन सा घर कितने एरिया में है, यह ड्रोन टेक्‍नोलॉजी से सटीकता से मापा जा सकेगा। गांव के हर घर का प्रॉपर्टी कार्ड राज्‍य सरकारें बनाएंगी।

क्‍या फायदा होगा?
  • प्रॉपर्टी के मालिक को उसका मालिकाना हक आसानी से मिलेगा।
  • एक बार प्रॉपर्टी कितनी है तय होने पर उसके दाम भी आसानी से तय हो पाएंगे।
  • प्रॉपर्टी कार्ड का इस्‍तेमाल कर्ज लेने में किया जा सकेगा।
  • पंचायती स्‍तर पर टैक्‍स व्‍यवस्‍था में सुधार होगा।
केंद्र सरकार को योजना से क्‍या हासिल?
  • ग्रामीण भारत में वित्‍तीय स्थिरता लाने की कोशिश।
  • प्‍लानिंग के लिए सटीक लैंड रिकॉर्ड्स उपलब्‍ध होंगे।
  • प्रॉपर्टी टैक्‍स तय करने में मदद मिलेगी।
  • सर्वे इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍सर और GIS मैप्‍स तैयार होंगे जो कोई भी विभाग यूज कर पाएगा।
  • ग्राम पंचायत विकास योजना बनाने में मदद होगी।
  • प्रॉपर्टी से जुड़े विवाद और कानूनी मामले कम होंगे।

Source: https://navbharattimes.indiatimes.com/india/svamitva-scheme-explained-in-hindi-physical-distribution-of-property-cards-by-pm-narendra-modi/articleshow/78598980.cms