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Har Ki Dun Valley (हर की दून घाटी) Garhwal Himalayas, Uttarakhand, India

Har Ki Dun Valley (हर की दून घाटी)

हर की दून (जिसका अर्थ ईश्वर की घाटी है) उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले में यमुना की सहायक "रुपिन व सूपिन" नदियों के आस-पास फतेह पर्वत की गोद में बसा क्षेत्र है। यह उच्च हिमालय के निकट स्थित एक अत्यन्त दुर्गम क्षेत्र है। 



उत्तर में हिमाचल के किन्नोर व पूर्व में तिब्बत से सटा "हर की दून" का इलाका अपने भीतर "गोविन्द पशु विहार वन्य जीव अभयारण्य" को समेटे है। इस घाटी का सौन्दर्य अलौकिक है। यहां से लगभग 10 कि•मी• आगे स्वर्गारोहिणी पर्वत के चरणों में स्थित जौन्धार ग्लेशियर ही सूपिन नदी का उद्गम है।   

घाटी की पृष्ठभूमि में 12००० फ़ीट की ऊंचाई वाली स्वर्गारोहिणी चोटी भी दिखाई देती है, जिसके बारे में पौराणिक मान्यता है कि महाभारत काल में युधिष्ठिर अन्य पाण्डवों सहित इसी शिखर से स्वर्ग को गये थे।


यह क्षेत्र गढ़वाल हिमालय में एक झुकाव के आकार की घाटी है और हिमाच्छादित चोटियों और अल्पाइन वनस्पतियों से घिरा हुआ है। यह बोसासू दर्रे द्वारा बसपा घाटी से जुड़ा हुआ है। यह घाटी औसत समुद्र के स्तर से लगभग 35०० मीटर की ऊंचाई पर है और अक्टूबर से मार्च तक बर्फ से ढंकी रहती है। 

घाटी तालुका से लगभग 25 किमी दूर है। 


यहाँ यात्री ट्रैकिंग के लिये आते हैं और इसका ट्रैक, तालुका गांव से आरम्भ होकर गंगाद, ओसाला और सीमा से गुजरता है। यह आमतौर पर दो चरणों में किया जाने वाला दो दिन का अभियान होता है। पहला चरण तालुका से सीमा / ओस्ला तक है, और दूसरा चरण सीमा / ओस्ला से हर की दून तक है। वापसी मार्ग एक ही है। इस पूरे पैदल यात्रा मार्ग में गढ़वाल मन्डल विकास निगम द्वारा उचित मूल्य पर पर्यटकों के लिए रहने-खाने की पर्याप्त व्यवस्था है।


हर की दून कैसे पहुँचे -

यमुनोत्री मार्ग पर नौगांव से बांए मुड़कर यात्री बस द्वारा पुरोला, मोरी होते हुए नेटवाड़ पहुँच कर आगे जीप आदि हल्के वाहनों से सांकरी ग्राम तक जा सकते हैं। इससे आगे का सारा मार्ग अत्यन्त मनोरम है, किन्तु उतना ही कठिन भी है और पैदल ही तय करना पड़ता है। सूपिन नदी के किनारे-किनारे तालुका, गन्गाड़, ओस्ला आदि ग्रामीण बस्तियों तथा राजमा, आलू व चौलाई के खेतों के पास से निकलते हुए, कलकत्ती धार नामक थका देने वाली चढा़ई को पार करके अन्त में हर की दून में पहुँचते हैं।

गढ़वाल की वादियों में लीजिये हर की दून ट्रेकिंग का मजा

यह एक 8 दिन का लॉग ट्रेक है, जो देहरादून से शुरू होता है और लौटकर देहरादून में समाप्त होता है, ट्रेकिंग के दौरान ट्रेकर्स गढ़वाल की पांच खूबसूरत जगहों को देख सकते हैं जिनमें संकर्री, तालुका, ओस्ला, हरकिदून (Har Ki Dun) और जंदहार (जौन्धार ग्लेशियर) शामिल है।

Best Time To Visit (उचित समय)- मई से सितम्बर
Days Required - 7 दिन

पहला दिन- दिल्ली से देहरादून..देहरादून से संकरी

पहला दिन- दिल्ली से देहरादून..देहरादून से संकरी

देहरादून से संकरी करीबन 6 घंटे की दूरी पर स्थित है। संकरी पहुँचने के बाद पर्यटक होटल में चेक-इन कर सकते हैं।

दूसरा दिन संकरी - तालुका से ट्रेक (12 किमी)

दूसरा दिन संकरी - तालुका से ट्रेक (12 किमी)

दूसरे दिन ट्रेकर्स संकरी में नाश्ता करने के बाद हर की दून की ट्रेकिंग की शुरुआत करेंगे। पहले दिन की ट्रेकिंग 12 किमी है आप सुबह 6 बजे अगर ट्रेकिंग की शुरुआत करते हैं तो तालुका दोपहर तक पहुंच जायेंगे, जिसके बाद आप अपने टेंट में आराम कर सकते हैं।

तीसरा दिन -तालुका से ओस्ला (14 किलोमीटर ट्रेकिंग)

तीसरा दिन -तालुका से ओस्ला (14 किलोमीटर ट्रेकिंग)

तीसरे दिन की ट्रेकिंग की शुरुआत होगी तालुका से ओस्ला की ओर होगी। यह ट्रेकिंग करीबन 14 किमी. की है। यह ट्रेकिंग हिमालय जंगल से होकर जाती है। इसलिए सावधानी बरतनी जरूरी है।

चौथा दिन- ओस्लाट्रेक - हर की दून (11 किमी)

चौथा दिन- ओस्लाट्रेक - हर की दून (11 किमी)

अगले दिन की ट्रेकिंग हर की दून की चोटी तक की होगी जोकि ओस्ला से 11 किमी दूर है। इस ट्रेकिंग के दौरान ट्रेकर्स घाटियों, मैदानों और विशाल पहाड़ों के सुखद दृश्यों का अनुभव करेंगे।हर की दून की क्रमिक उन्नति जंगली आर्किड क्षेत्रों के साथ सुशोभित है और 6,200 मीटर की ऊँचाई से स्वर्गोहिनी और जुआंडार ग्लेशियरों नजर आते हैं।

पांचवा दिन-हर की दून से जंदार ग्लेशियर (15 किमी )

पांचवा दिन-हर की दून से जंदार ग्लेशियर (15 किमी )

अगली सुबह उठकर नाश्ता करने के बाद ट्रेकर्स जंदार ग्लेशियर की ओर अपनी ट्रेकिंग की शुरुआत करते हैं।जो कि 55 मी.मी. सफेद हिमपात और हरी घास के पैच है।इसके बॉस ट्रेकर्स ग्लेशियर से वापस हर की दूंन कैम्प वापस जाकर आराम कर सकते हैं।

छठा दिन-हर की दून ओस्ला (11 किमी )

छठा दिन-हर की दून ओस्ला (11 किमी )

छठे दिन ट्रेकर्स हर की दून से नीचे ओस्ला की ओर उतर सकते हैं...यह ट्रेकिंग 11 किमी की है।

सातवें दिन की ट्रेकिंग

सातवें दिन की ट्रेकिंग

7 वां दिन ट्रेकिंग का आखिरी दिन है जो 26 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है ट्रेकर्स ओस्ला से संकरी तक लगभग 6 से 7 घंटे बाद पहुंच जायेंगे। इसके बाद ट्रेकर्स संकरी से देहरादून और दिल्ली जा सकते हैं।

ट्रेकिंग के दौरान जरूरी चीजे

ट्रेकिंग के दौरान जरूरी चीजे

कॉटन मोज़े
ऊनी मोज़े
दो जोड़ी जूते
बैग पैक
ट्रैक पेंट
टोर्च लाइट
जैकेट
सनग्लास
कैप
सन्सक्रीम
ऊनी दस्ताने
वाल्किंग स्टिक

Other Link and Sources:-

सन्दर्भ

Location 31.1402426°N 78.3874935°E