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गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) के अवसर पर आपको गुरु पर्व (Guru Parv), प्रकाश-दिवस (Guru Nanak Jayanti) की हार्दिक बधाई

गुरु-पूर्णिमा (Guru Purnima) के अवसर पर आपको गुरु-पर्व (Guru Parv), प्रकाश-दिवस (Guru Nanak Jayanti) की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

👉गुरुनानक जी केवल सिक्खों के गुरु नहीं थे बल्कि सम्पूर्ण मानवता के गुरु थे।

💢गुरु-पूर्णिमा (Guru Purnima) और कार्तिक पूर्णिमा (Kartika Purnimaका महत्व 

👉गुरु पूर्णिमा का दिन उत्तर प्रदेश के वाराणसी नगर में देव दीपावली पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व, दिवाली के पंद्रह दिन पश्चात कार्तिक पूर्णिमा (Kartika Purnimaके दिन मनाया जाता है।


👉गंगा नदी के किनारे रविदास घाट से लेकर राजघाट के अंत तक असंख्य दीप प्रज्वलित करके गंगा नदी की पूजा अर्चना की जाती हैं।

असंख्य दीपकों और झालरों के प्रकाश से तट एवं घाटों पर स्थित देवालय, भवन, मठ-आश्रम आदि जगमगा उठते हैं, मानों काशी में पूरी आकाशगंगा ही उतर आयी हों। दीप-दान करने के पश्चात, महाआरती दिन का मुख्य आकर्षण है जो दशाशव्मेध घाट पर आयोजित होता है। वाराणसी की महान हस्तियों द्वारा नृत्य प्रदर्शन भी किया जाता है।

👉इसी दिन भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिवस को कार्तिक पूर्णिमा (Kartika Purnimaकहते हैं।


भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अंत किया था और वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे। त्रिपुरासुर के अंत से प्रसन्न देवताओं ने स्वर्ग लोक में दीप प्रज्वलित कर दीपोत्सव मनाया था और तभी से कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली मनायी जाने लगी।


👉इस दिन भगवान विष्णु ने प्रलय काल में वेदों की रक्षा के लिए तथा सृष्टि को बचाने के लिए मत्स्य अवतार धारण किया था। 


👉कार्तिक पूर्णिमा को श्री हरि के बैकुण्ठ धाम में देवी तुलसी का मंगलमय पराकाट्य हुआ था।
👉कार्तिक पूर्णिमा को ही देवी तुलसी पृथ्वीलोक में अवतरित हुई थी।


👉भगवान कृष्ण के धाम गोलोक में इस दिन राधा उत्सव मनाया जाता है तथा रासमण्डल का आयोजन होता है। 


👉सिख पंथ में कार्तिक पूर्णिमा का दिन प्रकाशोत्सव के रूप में मनाया जाता है। 


👉इस दिन सिख पंथ के संस्थापक गुरू नानक देव का जन्म हुआ था। गुरु नानक के माता-पिता सनातन धर्मी थे, पिता का नाम कालूचंद मेहता और माता तृप्ता देवी थी। 

👉जैन पंथ में कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत महत्वपूर्ण हैं। पहले तीर्थंकर आदिनाथ 

ने अपना पहला उपदेश कार्तिक पूर्णिमा को शत्रुंजय पर्वत (Shatrunjay Parvat) (यह पर्वत गुजरात के भावनगर शहर से लगभग 50 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।) पर दिया था, जैन ग्रंथो के अनुसार इस पर्वत पर सैकड़ों साधु साध्वियों ने मोक्ष प्राप्त किया है।

 
कार्तिक पूर्णिमा को असंख्य जैन तीर्थयात्री शत्रुंजय पर्वत की तीर्थ यात्रा करते हैं और पर्वत पर स्थित भगवान आदिनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं।  

Happy Kartik Purnima
Happy Guru Parv
Happy Guru Purnima
Happy Guru Nanak Jayanti
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