पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को आकर्षक रिटायरमेंट बचत योजना बनाने के लिए इसके नियमों में कई बदलाव किये हैं। एनपीएस से आंशिक निकासी की अनुमति पहले नहीं थी, लेकिन अब यह नियमों में हालिया बदलाव के चलते की जा सकती है। साथ ही अब एनपीएस से आंशिक निकासी की प्रक्रिया भी सरल हो गई है। हालांकि, एनपीएस से आंशिक निकासी करने के लिए कुछ शर्त हैं।
एनपीएस से आंशिक निकासी की शर्तें
एनपीएस खाते से आंशिक निकासी तीन साल पूरे होने के बाद की जा सकती है। साथ ही इसमें निकासी की राशि के लिए भी एक सीमा तय है। एक सब्सक्राइबर उसके स्वयं के योगदान के 25 फीसद तक की राशि की निकासी कर सकता है। मान लीजिए कि आपने अपने खाते में पांच साल में 2 लाख रुपये निवेश किये हैं, लेकिन कुल निधि बढ़कर 3.5 लाख रुपये हो गई है। ऐसे में नियम के अनुसार, एक सब्सक्राइबर केवल उसके स्वयं के योगदान का 25 फीसद अर्थात 50,000 रुपये तक की ही निकासी कर सकता है।
आशिंक निकासी जानलेवा बीमारियों के इलाज, विवाह, बच्चों की उच्च शिक्षा, संपत्ति की खरीद/निर्माण या एक नया उद्यम शुरू करने के लिए की जा सकती है। एक सब्सक्राइबर कुल अवधि के दौरान अधिकतम तीन आंशिक निकासी कर सकता है। वहीं, दो आंशिक निकासी के बीच में 5 साल का अंतराल अवश्य होना चाहिए। हालांकि, 5 साल के अंतराल की शर्त निर्दिष्ट बीमारी के उपचार के लिए की जाने वाली निकासी के मामले में लागू नहीं है।
इस तरह करें निकासी
पहले एनपीएस से आंशिक निकासी के लिए सब्सक्राइबर को नोडल ऑफिस जाना होता था और दस्तावेज जमा करने होते थे। अब सब्सक्राइबर ऑनलाइन माध्यम से eNPS वेबसाइट पर लॉग-इन कर और स्व-घोषणा करके ही ऐसा कर सकते हैं। यहां आपका आवेदन प्रॉसेस होगा और राशि सब्सक्राइबर के बैंक खाते में पांच दिन के अंदर जमा हो जाएगी।
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