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History of January 26, Republic day Special 2021 इतिहास के पन्नों में दर्ज है कई महत्वपूर्ण घटनाएं

Republic Day Special 2021 

History of January 26, 


देश दुनिया के इतिहास में 26 जनवरी की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:-

26 जनवरी1556 : मुगल बादशाह हुमायूं की सीढ़ियों से गिरने से मौत।

26 जनवरी 1930 : ब्रिटिश शासन के अंतर्गत भारत में पहली बार स्वराज दिवस मनाया गया।

26 जनवरी 1931 : 'सविनय अवज्ञा आंदोलन' के दौरान ब्रिटिश सरकार से बातचीत के लिए महात्मा गांधी को रिहा किया गया।    

26 जनवरी 1950 : स्वतंत्र भारत का संविधान लागू हुआ और भारत को एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया। इसके बाद से इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। 

26 जनवरी 1950 : इस दिन ही भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। सुबह 10.18 बजे भारत एक गणतंत्र बना। इस के छह मिनट बाद 10.24 बजे राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। सी. गोपालाचारी ने भारत के अंतिम गवर्नर जनरल का पद छोड़ा और डा. राजेन्द्र प्रसाद ने देश के प्रथम राष्ट्रपति का पद संभाला।इस दिन पहली बार बतौर राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से निकले थे। इस दिन पहली बार उन्होंने भारतीय सैन्य बल की सलामी ली थी। पहली बार उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था।

26 जनवरी 1950 : अशोक स्तंभ को राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न के रूप में अपनाया गया। इस प्रतीक के नीचे 'सत्यमेव जयते' लिखा है और इसे मुंडकोपनिषद से लिया गया है।

26 जनवरी 1950 : फेडरल कोर्ट ऑफ इंडिया, जिसकी स्थापना 1937 में हुई थी, को भारत का उच्चतम न्यायालय बनाया गया।

26 जनवरी 1957 : जम्मू कश्मीर के भारत की तरफ के हिस्से को औपचारिक रूप से भारत का हिस्सा बनाया गया।     

26 जनवरी 1963 : माथे पर मुकुट जैसी कलगी और खूबसूरत पंखों वाले मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया।

26 जनवरी 1965 : हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया।

26 जनवरी 1972 : दिल्ली के इंडिया गेट पर राष्ट्रीय स्मारक अमर जवान ज्योति का अनावरण।

26 जनवरी 1981 : भारत के पूर्वोत्तर भाग में हवाई यात्रा को सुलभ बनाने के लिए वायुदूत विमान सेवा की शुरूआत।

26 जनवरी 1982 : पर्यटकों को रेल के सफर के दौरान शाही और विलासितापूर्ण अनुभव का आनंद दिलाने के लिए भारतीय रेल ने राजस्थान में पैलेस ऑन व्हील्स सेवा शुरू की।

26 जनवरी 2001 : गुजरात के भुज में 7.7 तीव्रता का भीषण भूकंप, हजारों लोग मारे गए।

26 जनवरी 2008 : गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने परेड की सलामी ली।

26 जनवरी 2020 :  पीएम मोदी ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति के बजाय पहली बार यहां नवनिर्मित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी।

26 जनवरी 2021 - देश 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारतीय गणतंत्र दिवस के इतिहास में चौथी बार ऐसा हुआ कि कोई विदेशी चीफ गेस्‍ट गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं हुआ। कोरोना महामारी (COVID - 19) की वजह से ही ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 26 जनवरी 2021 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर चीफ गेस्‍ट का न्‍योता स्‍वीकार करने के बाद कुछ दिन पहले ही इसमें शामिल होने में असमर्थता जताई। गणतंत्र दिवस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब इसमें कोई विदेशी मुख्‍य अतिथि शामिल नहीं हो पाया है। हालांकि इससे पहले भी तीन बार ऐसा हुआ है जब गणतंत्र दिवस के मौके पर कोई मुख्‍य अतिथि गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं हुआ था। ऐसा इतिहास में 1952, 1953 और 1966 में हुआ था। हालांकि इन वर्षों में भारत सरकार की तरफ से किसी को भी मुख्‍य अतिथि के तौर पर गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने का न्‍योता नहीं दिया गया था। यह (2021 में) पहली बार है जब भारत ने किसी को न्‍योता दिया और स्‍वीकार करने के बाद भी वो इसमें शामिल नहीं हो पाए। 
(Note - कोरोना की वजह से इस बार दिल्‍ली के राजपथ पर निकलने वाली परेड भी काफी अलग रही है। इस महामारी की वजह से इस बार इस परेड को देखने वाले लोगों की संख्‍या को केवल 25 हजार कर दिया गया। इसमें भी दर्शकों को कोरोना से बचाव के सभी उपाय करने पड़े। इस बार परेड के रूट को भी छोटा किया गया। इस बार परेड की लंबाई को 8.2 किलोमीटर से घटाकर महज 3.3 किलोमीटर तक कर दिया गया। पहले ये परेड लाल किले तक आती थी लेकिन अब ये केवल राजपथ से नेशनल स्‍टेडियम तक ही रही। इस बार इसमें शामिल होने वाले दस्ते भी पहले के मुकाबले छोटे रहे। इस बार हर दस्‍ते में 96 जवान ही शामिल हुए। कोरोना महामारी (COVID - 19) की वजह से इस बार परेड में राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार पाने वाले बहादुर बच्‍चों को भी शामिल नहीं किया गया।