Western Dedicated Freight Corridor, India (पश्चिमी समर्पित माल ढुलाई गलियारा)
Western Dedicated Freight Corridor (DFC) is a broad-gauge corridor under construction that will connect the national and business capitals of India - Delhi and Mumbai.
Western Dedicated Freight Corridor (DFC) is a broad-gauge corridor under construction that will connect Delhi and Mumbai, the national and business capitals of India. In October 2006, the Indian Government established a dedicated body, the Dedicated Freight Corridor Corporation of India (DFCCIL), to carry out the project.
The western DFC will separate freight and passenger traffic to increase the speed of freight movement. It will be used to transport fertilizers, food grains, salt, coal, iron & steel and cement.
The project will eventually be linked to the Eastern DFC to form four hubs known as India’s Golden Quadrilateral including Delhi, Mumbai, Chennai and Kolkata.
Western dedicated freight corridor route details
The Western dedicated freight corridor will cover a distance of 1,483km (928mi) of double-lane electric track from JNPT to Dadri passing through Vadodara, Ahmedabad, Palanpur, Phulera and Rewari. It will run parallel to the existing line through Narnaul and Ringas.
The important stations that will come across the corridor will be Phulera and Marwar Junction in Rajasthan, Palanpur, Amli Road, Makarpura, Gothangam / Kosad in Gujarat and Vasai Road in Maharashtra.
A trial run on the 192km-long Ateli (Haryana)-Phulera (Rajasthan) section was conducted in August 2018. It was followed by another trial run on the 306km-long route between Rewari and Madar in December 2018. The Rewari-Madar section, which was completed under the first phase of the DFC project, will support heavy haul train operation with a 25t axle load.
पश्चिमी समर्पित माल ढुलाई गलियारा या पश्चिमी डीएफसी (Western Dedicated Freight Corridor or Western DFC) भारतीय रेलवे द्वारा भारत में निर्माण के तहत एक विस्तृत गेज माल ढुलाई गलियारा है। यह भारत की राजधानी दिल्ली और आर्थिक केंद्र मुंबई को जोड़ेगा। इस गलियारे में 1483 किमी की दूरी शामिल होगी और इसे डबल लाइन ऑपरेशन के साथ विद्युतीकृत किया जाएगा। पिर्थला जंक्शन से तुगलकाबाद तक एक सिंगल लाइन शाखा का प्रस्ताव है। यह मौजूदा दिल्ली-मथुरा मुख्य लाइन के समानांतर होगा।
Infrastructure and construction
The Western DFC will have special head-hardened (HH) 250m-long rails welded using Flash Butt welding machines. The axle load of the track will be 32.5t compared to the existing 25t axle load used on Indian rail tracks.
Construction on a 320km stretch of the project began in January 2016. It will be completed in two phases, with the first phase constructing a 186km-long segment, and the second building a 134km-long stretch between Sachin and Vadodara. The construction is expected to be completed by December 2021.
The Western DFC (1504 Kms)
Western Dedicated Freight Corridor (DFC) is a broad-gauge corridor under construction that will connect the national and business capitals of India - Delhi and Mumbai.
Western Dedicated Freight Corridor (DFC) is a broad-gauge corridor under construction that will connect Delhi and Mumbai, the national and business capitals of India. In October 2006, the Indian Government established a dedicated body, the Dedicated Freight Corridor Corporation of India (DFCCIL), to carry out the project.
The western DFC will separate freight and passenger traffic to increase the speed of freight movement. It will be used to transport fertilizers, food grains, salt, coal, iron & steel and cement.
The project will eventually be linked to the Eastern DFC to form four hubs known as India’s Golden Quadrilateral including Delhi, Mumbai, Chennai and Kolkata.
Western dedicated freight corridor route details
The Western dedicated freight corridor will cover a distance of 1,483km (928mi) of double-lane electric track from JNPT to Dadri passing through Vadodara, Ahmedabad, Palanpur, Phulera and Rewari. It will run parallel to the existing line through Narnaul and Ringas.
The important stations that will come across the corridor will be Phulera and Marwar Junction in Rajasthan, Palanpur, Amli Road, Makarpura, Gothangam / Kosad in Gujarat and Vasai Road in Maharashtra.
A trial run on the 192km-long Ateli (Haryana)-Phulera (Rajasthan) section was conducted in August 2018. It was followed by another trial run on the 306km-long route between Rewari and Madar in December 2018. The Rewari-Madar section, which was completed under the first phase of the DFC project, will support heavy haul train operation with a 25t axle load.
पश्चिमी समर्पित माल ढुलाई गलियारा या पश्चिमी डीएफसी (Western Dedicated Freight Corridor or Western DFC) भारतीय रेलवे द्वारा भारत में निर्माण के तहत एक विस्तृत गेज माल ढुलाई गलियारा है। यह भारत की राजधानी दिल्ली और आर्थिक केंद्र मुंबई को जोड़ेगा। इस गलियारे में 1483 किमी की दूरी शामिल होगी और इसे डबल लाइन ऑपरेशन के साथ विद्युतीकृत किया जाएगा। पिर्थला जंक्शन से तुगलकाबाद तक एक सिंगल लाइन शाखा का प्रस्ताव है। यह मौजूदा दिल्ली-मथुरा मुख्य लाइन के समानांतर होगा।
Infrastructure and construction
The Western DFC will have special head-hardened (HH) 250m-long rails welded using Flash Butt welding machines. The axle load of the track will be 32.5t compared to the existing 25t axle load used on Indian rail tracks.
Construction on a 320km stretch of the project began in January 2016. It will be completed in two phases, with the first phase constructing a 186km-long segment, and the second building a 134km-long stretch between Sachin and Vadodara. The construction is expected to be completed by December 2021.
The Western DFC (1504 Kms)
Rewari-lqbalgarh CTP -1 & 2 (639 Km)
lqbalgarh-Vadodara CTP-3(R) (308 Km)
Vadodara-Sachin CTP-13 (133 Km)
Sachin-Vaitarana CTP-12 (186 Km)
Vaitarana-JNPT CTP-11 (102 Km)
Dadri-Rewari CTP-14 (127 Km)
Rewari-Madar
The Eastern DFC (1856 kms)Bhaupur-Khurja EDFC-1 (343 km)
Bhaupur-Mughalsarai EDFC-2 (402 km)
Pilkhani – Ludhiana (179 km)
Khurja-Dadri EDFC-1 (46 km)
Khurja-Pilkhani (222 km)
Mughalsarai-Sonnagar (126 km)
OCC Prayagraj
"भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने 29 दिसंबर 2020 को नई भाऊपुर - नई खुर्जा धारा का उद्घाटन किया"
"भारत के माननीय प्रधान मंत्री ने 07 जनवरी 2021 को 11:00 बजे रेवाड़ी - मदार खंड का उद्घाटन किया। वेबकास्ट लिंक https://webcast.gov.in/"
भारतीय रेल दिल्ली, मुंबई, चैन्नै और हाव़डा चार महानगरों को जो़डने वाली चतुर्भुज क़डी है जिसे आमतौर पर स्वर्ण चतुर्भुज और इसके दो विकर्णों (दिल्ली-चैन्नै और मुंबई-हावड़ा) के रूप में जाना जाता है ।
इस रूट की कुल लंबाई 10,122 कि.मी. है जिससे भारतीय रेल के मालभाड़ा यातायात की 55% से अधिक राजस्व आय आती है ।
पूर्वी कोरीडोर पर हावड़ा-दिल्ली की वर्तमान ब़डी लाइन और पश्चिमी कोरीडोर पर मुंबई-दिल्ली लाइन बहुत ही व्यस्त लाइन हैं जिनकी क्षमता का 115% से 150% तक उपयोग किया जा रहा है ।
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था की तीव्र वृद्धि ने रेल मालभाड़ा यातायात की अतिरिक्त क्षमता के लिए मांग उत्पन्न की है और भविष्य में इसके और अधिक ब़ढने की संभावना है ।
इस ब़ढती हुई मांग ने पूर्वी और पश्चिमी रूटों पर डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर्स की आवधारणा को जन्म दिया ।
माननीय रेल मंत्री ने संसद के सदन पटल पर वर्ष 2005-06 का रेल बजट प्रस्तुत करते हुए इस संबंध में ऐतिहासिक घोषणा की । अप्रैल 2005 में जापान-भारत की शिखर बैठक में परियोजना पर चर्चा की गई थी । जापानी सरकार द्वारा डेडीकेटेड रेल फ्रेट कोरीडोर्स की व्यवहार्यता अध्ययन और संभावित निधि के लिए भारत और जापान के प्रधानमंत्रियों के बीच हुए हुए हस्ताक्षरित समझौते की घोषणा में इसे शामिल किया गया था । व्यवहार्यता अध्ययन रिपोर्ट अक्तूबर 2007 में रेल मंत्रालय को सौंप दी गई थी ।
इस बीच रेल मंत्रालय ने डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर्स के निर्माण, परिचालन और रखरखाव के लिए एक विशेष प्रयोजन संस्था की स्थापना के लिए कार्रवाई शुरू की ।
डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर्स की योजना एवं विकास, वित्तीय संसाधनों को गतिशील करने और निर्माण, रखरखाव और परिचालन का उत्तरदायित्व लेने के लिए डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर कार्पोरेशन आफ इंडिया लि. की स्थापना की गई।
डीएफसीसी को कंपनी अधिनियम 1956 के अधीन अक्तूबर 2006 में एक कंपनी के रूप में शामिल किया गया ।
मिशन
डी एफ सी सी आई एल का मिशन निम्नानुसार है:-
डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर्स का निर्माण कर उसको एक लाभदायक व्यवसायिक इकाई के रूप में चलाना ।
एक आधुनिक, तीव्र और सुरक्षित माल यातायात प्रणाली प्रदान करना ।
रेल माल यातायात सेवाओं की गुणवत्ता और मूल्यों को बढ़ाते हुए रेल के माल यातायात व्यापार के हिस्से को बढ़ाना ।
सड़क से रेल की ओर माडल को बढ़ावा देकर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाना ।
एक ऐसा संगठनात्मक पर्यावरण स्थापित करना जिसमें निष्ठा, गति और सफलता हो ।
lqbalgarh-Vadodara CTP-3(R) (308 Km)
Vadodara-Sachin CTP-13 (133 Km)
Sachin-Vaitarana CTP-12 (186 Km)
Vaitarana-JNPT CTP-11 (102 Km)
Dadri-Rewari CTP-14 (127 Km)
Rewari-Madar
The Eastern DFC (1856 kms)Bhaupur-Khurja EDFC-1 (343 km)
Bhaupur-Mughalsarai EDFC-2 (402 km)
Pilkhani – Ludhiana (179 km)
Khurja-Dadri EDFC-1 (46 km)
Khurja-Pilkhani (222 km)
Mughalsarai-Sonnagar (126 km)
OCC Prayagraj
"भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने 29 दिसंबर 2020 को नई भाऊपुर - नई खुर्जा धारा का उद्घाटन किया"
"भारत के माननीय प्रधान मंत्री ने 07 जनवरी 2021 को 11:00 बजे रेवाड़ी - मदार खंड का उद्घाटन किया। वेबकास्ट लिंक https://webcast.gov.in/"
भारतीय रेल दिल्ली, मुंबई, चैन्नै और हाव़डा चार महानगरों को जो़डने वाली चतुर्भुज क़डी है जिसे आमतौर पर स्वर्ण चतुर्भुज और इसके दो विकर्णों (दिल्ली-चैन्नै और मुंबई-हावड़ा) के रूप में जाना जाता है ।
इस रूट की कुल लंबाई 10,122 कि.मी. है जिससे भारतीय रेल के मालभाड़ा यातायात की 55% से अधिक राजस्व आय आती है ।
पूर्वी कोरीडोर पर हावड़ा-दिल्ली की वर्तमान ब़डी लाइन और पश्चिमी कोरीडोर पर मुंबई-दिल्ली लाइन बहुत ही व्यस्त लाइन हैं जिनकी क्षमता का 115% से 150% तक उपयोग किया जा रहा है ।
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था की तीव्र वृद्धि ने रेल मालभाड़ा यातायात की अतिरिक्त क्षमता के लिए मांग उत्पन्न की है और भविष्य में इसके और अधिक ब़ढने की संभावना है ।
इस ब़ढती हुई मांग ने पूर्वी और पश्चिमी रूटों पर डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर्स की आवधारणा को जन्म दिया ।
माननीय रेल मंत्री ने संसद के सदन पटल पर वर्ष 2005-06 का रेल बजट प्रस्तुत करते हुए इस संबंध में ऐतिहासिक घोषणा की । अप्रैल 2005 में जापान-भारत की शिखर बैठक में परियोजना पर चर्चा की गई थी । जापानी सरकार द्वारा डेडीकेटेड रेल फ्रेट कोरीडोर्स की व्यवहार्यता अध्ययन और संभावित निधि के लिए भारत और जापान के प्रधानमंत्रियों के बीच हुए हुए हस्ताक्षरित समझौते की घोषणा में इसे शामिल किया गया था । व्यवहार्यता अध्ययन रिपोर्ट अक्तूबर 2007 में रेल मंत्रालय को सौंप दी गई थी ।
इस बीच रेल मंत्रालय ने डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर्स के निर्माण, परिचालन और रखरखाव के लिए एक विशेष प्रयोजन संस्था की स्थापना के लिए कार्रवाई शुरू की ।
डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर्स की योजना एवं विकास, वित्तीय संसाधनों को गतिशील करने और निर्माण, रखरखाव और परिचालन का उत्तरदायित्व लेने के लिए डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर कार्पोरेशन आफ इंडिया लि. की स्थापना की गई।
डीएफसीसी को कंपनी अधिनियम 1956 के अधीन अक्तूबर 2006 में एक कंपनी के रूप में शामिल किया गया ।
मिशन
डी एफ सी सी आई एल का मिशन निम्नानुसार है:-
डेडीकेटेड फ्रेट कोरीडोर्स का निर्माण कर उसको एक लाभदायक व्यवसायिक इकाई के रूप में चलाना ।
एक आधुनिक, तीव्र और सुरक्षित माल यातायात प्रणाली प्रदान करना ।
रेल माल यातायात सेवाओं की गुणवत्ता और मूल्यों को बढ़ाते हुए रेल के माल यातायात व्यापार के हिस्से को बढ़ाना ।
सड़क से रेल की ओर माडल को बढ़ावा देकर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाना ।
एक ऐसा संगठनात्मक पर्यावरण स्थापित करना जिसमें निष्ठा, गति और सफलता हो ।