Skip to main content

Earth rotating on its Axis faster than before making days shorter than 24-hours (साल 2020 में तेज घूमने लगी थी धरती, क्या जल्दी बीत जाएगा 2021?)

Earth rotating on its Axis faster than before making days shorter than 24-hours (साल 2020 में तेज घूमने लगी थी धरती, क्या जल्दी बीत जाएगा 2021?)

Earth Rotation: धरती अपने ऐक्सिस पर घूमने में 24 घंटे का वक्त लगाती आई है लेकिन पिछले साल इस वक्त में कमी आई है। ऐसे में सवाल है कि इस बदलाव को ठीक कैसे किया जाए।

 
लंबा होता जा रहा दिन
लंबा होता जा रहा दिन
वॉशिंगटन
कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से घर में बैठे हैं तो भले ही लग रहा हो कि समय थम गया है, लेकिन आंकड़ों के मुताबिक समय दरअसल तेजी से भाग रहा है। ऐसा सिर्फ कहने के लिए नहीं बल्कि वाकई धरती अपने ऐक्सिस पर सामान्य से ज्यादा तेजी से घूम रही है। इसकी वजह से दिन की लंबाई 24 घंटे से कुछ छोटी हो गई है। अब इस पर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या गणना कर इसे ठीक किया जाना चाहिए या नहीं।

इससे पहले कभी 'निगेटिव लीप सेकंड' को समय में जोड़ा नहीं गया है लेकिन 1970 से अब तक 27 बार एक सेकंड को बढ़ाया जरूर गया है जब धरती ने 24 घंटे से ज्यादा का वक्त एक चक्कर पूरा करने में लगाया हो। हालांकि, पिछले साल में उसे कम वक्त लग रहा है। 1960 के बाद से अटॉमिक घड़ियां दिन की लंबाई का सटीक रेकॉर्ड रखती आई हैं।

अब कम लगता है वक्त
इनके मुताबिक 50 साल में धरती ने अपने ऐक्सिस पर घूमने में 24 घंटे से कम 86,400 सेकंड का वक्त लगाया है। हालांकि, 2020 के बीच में यह पलट गया और अब एक दिन पूरा होने में 86,400 सेकंड से कम का वक्त लग रहा है। 
जुलाई 2020 में दिन 24 घंटे से 1.4602 मिलीसेकंड छोटा था जो अब तक का सबसे छोटा दिन था। अब औसतन हर दिन 0.5 सेकंड पहले खत्म हो जाता है।

क्या होगा असर?
समय में हो रहे इस बदलाव के बड़े स्तर पर कई असर हो सकते हैं। सैटलाइट और संपर्क उपकरण सोलर टाइम के हिसाब से काम करते हैं जो तारों, चांद और सूरज की स्थिति पर निर्भर होता है। इसे बरकरार रखने के लिए पेरिस की इंटरनैशनल अर्थ रोटेशन सर्विस पहले लीप सेकंड जोड़ती रहती थी।