एक मिलीमीटर का कीड़ा जिसने एक देश की अर्थव्यवस्था बचा ली
- विलियम पार्क
- बीबीसी फ़्यूचर
रासायनिक कीटनाशकों की खोज से पहले फसलों में लगने वाले कीड़ों को ख़त्म करने के लिए किसान छोटे शिकारी जीवों पर निर्भर रहे हैं. वही प्रथा अब नए रूप में सामने आई है.
दक्षिण पूर्व एशिया में जैव विविधता से समृद्ध जंगलों में लाखों किसान कसावा की खेती पर निर्भर हैं. इस नक़दी फसल की खेती एक-दो हेक्टेयर ज़मीन वाले छोटे किसान भी करते हैं और हज़ारों हेक्टेयर वाले बड़े किसान भी.
कसावा के स्टार्च का इस्तेमाल प्लास्टिक और गोंद बनाने में होता है. कसावा को जब पहली बार दक्षिण अमरीका से लाया गया तब यहां के किसान बिना किसी कीटनाशक की मदद के इसकी खेती करते थे.
2008 से इसमें मिलीबग कीड़े लगने लगे और फसल बर्बाद होने लगी. घाटे की भरपाई के लिए किसानों ने जंगल की ज़मीन में घुसपैठ करनी शुरू की ताकि थोड़ी ज़्यादा फसल ले सकें.