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भारतीय रेलवे में मिडल बर्थ टिकट संबंधी क्या नियम हैं? What are the middle berth ticket rules in Indian Railway?


 यदि रेल में यात्रा के दौरान आपको मिडल बर्थ टिकट मिलती है, तो क्या नियम रहते हैं। 

आमतौर पर ट्रेन में सफर करने के लिए लोग अपनी मनपसंद सीट का चुनाव करते हुए टिकट लेते हैं। किसी को अपर बर्थ (ऊपर वाली सीट) पसंद आती है तो किसी को लोअर बर्थ अच्छा लगता है। वहीं, किसी-किसी को साइड अपर या साइड लोअर बर्थ ही अच्छी लगती है। 

ऐसा शायद ही कोई व्यक्ति होगा, जिसे मिडिल बर्थ अच्छी लगती हो। 

हालांकि न चाहते हुए भी लोगों को मिडिल बर्थ मिल ही जाती है तो क्या नियम होते हैं और आपको इस नियम के बारे में क्यों जानकारी होनी चाहिए?


भारतीय रेलवे ने मिडिल बर्थ के लिए जो नियम तय किए हैं, उसके मुताबिक अगर आपकी मिडिल बर्थ है तो आप 24 घंटे इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं, जैसा अपर बर्थ वाले करते हैं। अपर बर्थ वालों के लिए ये फायदेमंद होता है कि वो कभी भी ऊपर वाली सीट पर जाकर आराम कर सकते हैं, जबकि मिडिल बर्थ वालों के साथ ऐसा नहीं है।

नियमों के मुताबिक, आप सिर्फ रात में सोने के लिए ही मिडिल बर्थ का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा आपको अपनी बर्थ बंद ही रखनी होगी। मिडिल बर्थ के इस्तेमाल का समय रात 10 बजे से लेकर सुबह छह बजे तक होता है। रात के 10 बजे से पहले अगर कोई व्यक्ति सोने के लिए मिडिल बर्थ का इस्तेमाल करना चाहे, तो नियम के मुताबिक उसे ऐसा करने से रोका जा सकता है।

नियम के मुताबिक, अगर सुबह के छह बज गए तो मिडिल बर्थ वालों को अपनी सीट नीचे करनी होगी, ताकि अन्य यात्रियों को लोअर बर्थ पर बैठने में दिक्कत न हो, क्योंकि अगर मिडिल बर्थ ऊपर रहेगी, तो जाहिर है आप सही से बैठ नहीं पाएंगे।