Skip to main content

मानव विकास Important Notes 2024-25

मानव विकास

 

2018_human_development_statistical_update-1%20-%20Copy.tif


‘वृद्धि’ और ‘विकास’ शब्द आपके लिए नए नहीं हैं। अपने चारों ओर देखिए, लगभग प्रत्येक वस्तु जिसे आप देख सकते हैं (और बहुत सी जिन्हें आप नहीं देख सकते) बढ़ती और विकसित होती हैं। ये वस्तुएँ पौधे, नगर, विचार, राष्ट्र, संबंध अथवा यहाँ तक कि आप स्वयं भी हो सकते हैं। इसका क्या अर्थ है?


क्या वृद्धि और विकास का एक ही अर्थ है? क्या दोनों एक दूसरे के साथ चलते हैं?


इस अध्याय में राष्ट्रों और समुदायों के संदर्भ में मानव विकास की अवधारणा की विवेचना की जाएगी।


वृद्धि और विकास

वृद्धि और विकास दोनों समय के संदर्भ में परिवर्तन को इंगित करते हैं। अंतर यह है कि वृद्धि मात्रात्मक और मूल्य निरपेक्ष है।इसका चिह्न धनात्मक अथवा ऋणात्मक हो सकता है। इसका अर्थ है कि परिवर्तन धनात्मक (वृद्धि दर्शाते हुए) अथवा ऋणात्मक (ह्रास इंगित करते हुए) हो सकता है।

विकास का अर्थ गुणात्मक परिवर्तन है जो मूल्य सापेक्ष होता है। इसका अर्थ है-विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक वर्तमान दशाओं में वृद्धि न हो। विकास उस समय होता है जब सकारात्मक वृद्धि होती है। तथापि सकारात्मक वृद्धि से सदैव विकास नहीं होता। विकास उस समय होता है जब गुणवत्ता में सकारात्मक परिवर्तन होता है।

उदाहरणतः किसी निश्चित समयावधि में यदि किसी नगर की जनसंख्या एक लाख से दो लाख हो जाती है तो हम कहते हैं नगर की वृद्धि हुई। फिर भी यदि आवास जैसी सुविधाएँ, मूलभूत सेवाओं की व्यवस्था तथा अन्य विशेषताएँ पहले जैसी ही रहती हैं तब इस वृद्धि के साथ विकास नहीं जुड़ा हुआ है।

क्या आप वृद्धि और विकास में अंतर करने वाले कुछ अन्य उदाहरण दे सकते हैं?


1053.png 

विकासहीन वृद्धि और विकासयुक्त वृद्धि पर एक लघु निबंध लिखिए अथवा इसे दर्शाने वाले चित्रों का एक समुच्चय बनाइए।


अनेक दशकों तक किसी देश के विकास के स्तर को केवल अर्थिक वृद्धि के संदर्भ में मापा जाता था। इसका अर्थ यह है कि जिस देश की अर्थव्यवस्था जितनी ज़्यादा बड़ी होती थी उसे उतना ही अधिक विकसित माना जाता था, लेकिन इस वृद्धि का अधिकांश लोगों के जीवन में परिवर्तन से कोई संबंध नहीं था।

23


किसी देश में लोग जीवन की गुणवत्ता का जो आनंद लेते हैं, उन्हें जो अवसर उपलब्ध हैं और जिन स्वतंत्रताओं का वे भोग करते हैं, विकास के महत्त्वपूर्ण पक्ष हैं, यह विचार नया नहीं है।

पहली बार इन विचारों को 80 के दशक के अंत और 90 के दशक के आरंभ में स्पष्ट किया गया था। इस संबंध में दो दक्षिण एशियाई अर्थशास्त्रियों महबूब-उल-हक और अमर्त्य सेन का कार्य महत्त्वपूर्ण है।

मानव विकास की अवधारणा का प्रतिपादन डॉ. महबूब-उल-हक के द्वारा किया गया था। डॉ. हक ने मानव विकास का वर्णन एक एेसे विकास के रूप में किया जो लोगों के विकल्पों में वृद्धि करता है और उनके जीवन में सुधार लाता है। इस अवधारणा में सभी प्रकार के विकास का केंद्र बिंदु मनुष्य है। ये विकल्प स्थिर नहीं हैं बल्कि परिवर्तनशील हैं। विकास का मूल उद्देश्य एेसी दशाओं को उत्पन्न करना है जिनमें लोग सार्थक जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

सार्थक जीवन केवल दीर्घ नहीं होता। जीवन का कोई उद्देश्य होना भी आवश्यक है। इसका अर्थ है कि लोग स्वस्थ हों, अपने विवेक और बुद्धि का विकास कर सकते हों, वे समाज में प्रतिभागिता करें और अपने उद्देश्यों को पूरा करने में स्वतंत्र हों।



851.png


डॉ महबूब-उल-हक और प्रो. अमर्त्य सेन घनिष्ट मित्र थे और डॉ. हक के नेतृत्व में दोनों ने आरंभिक ‘मानव विकास प्रतिवेदन’ निकालने के लिए कार्य किया था। इन दोनों दक्षिण एशियाई अर्थशास्त्रियों ने विकास के वैकल्पिक विचार का प्रतिपादन किया।

अंतर्दृष्टि और करुणा से ओत-प्रोत पाकिस्तानी अर्थशास्त्री डॅा. महबूब-उल-हक ने 1990 ई. में मानव विकास सूचकांक निर्मित किया। उनके अनुसार विकास का संबंध लोगों के विकल्पों में बढ़ोतरी से है ताकि वे आत्मसम्मान के साथ दीर्घ और स्वस्थ जीवन जी सकें। 1990 ई. से संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने वार्षिक मानव विकास प्रतिवेदन प्रकाशित करने के लिए जिनकी मानव विकास की संकल्पना का प्रयोग किया है।

डॉ. हक के मस्तिष्क की लोच और एक दायरे से बाहर सोचने की उनकी योग्यता उनके भाषणों में से एक भाषण से चित्रित की जा सकती है जिसमें शॉ का उद्धरण देते हुए उन्होनें कहा ‘आज जो वस्तुएँ हैं उन्हें देखते हो और पूछते हो क्यों? मैं उन वस्तुओं का स्वप्न लेता हूँ जो कभी नहीं थी और पूछता हूँ ये क्यों नहीं हैं’?

नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने विकास का मुख्य ध्येय स्वतंत्रता में वृद्धि (अथवा परतंत्रता में कमीं) के रूप में देखा। रुचिकर बात यह है कि स्वतंत्रताओं में वृद्धि भी विकास लाने वाला सर्वाधिक प्रभावशाली माध्यम है। उनका कार्य स्वतंत्रता की वृद्धि में सामाजिक और राजनीतिक संस्थाओं तथा प्रक्रियाओं की भूमिका का अन्वेषण करता है।

इन अर्थशास्त्रियों का कार्य मील का पत्थर है जो लोगों को विकास पर होने वाली किसी भी चर्चा के केंद्र में लाने में सफल हुए हैं।


24


दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन जीना, ज्ञान प्राप्त कर पाना तथा एक शिष्ट जीवन जीने के पर्याप्त साधनों का होना मानव विकास के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पक्ष हैं।

अतः संसाधनों तक पहुँच, स्वास्थ्य एवं शिक्षा मानव विकास के केंद्र बिंदु हैं। इन पक्षों में से प्रत्येक के मापन के लिए उपयुक्त सूचकों का विकास किया गया है। क्या आप एेसे कुछ सूचकों के बारे में सोच सकते हैं?

प्रायः लोगों में अपने आधारभूत विकल्पों को तय करने की क्षमता और स्वतंत्रता नहीं होती। यह ज्ञान प्राप्त करने की अक्षमता उनकी भौतिक निर्धनता, सामाजिक भेदभाव, संस्थाओं की अक्षमता और अन्य कारणों की वजह से हो सकता है। इससे दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन जीने, शिक्षा प्राप्ति के योग्य होने और एक शिष्ट जीवन जीने के साधनों को प्राप्त करने में बाधा आती है।

लोगों के विकल्पों में वृद्धि करने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और संसाधनों तक पहुँच में उनकी क्षमताओं का निर्माण करना महत्त्वपूर्ण है। यदि इन क्षेत्रों में लोगों की क्षमता नहीं है तो विकल्प भी सीमित हो जाते हैं।

उदाहरणतः एक अशिक्षित बच्चा डॉक्टर बनने का विकल्प नहीं चुन सकता क्योंकि उसका विकल्प शिक्षा के अभाव में सीमित हो गया है। इसी प्रकार प्रायः निर्धन लोग बीमारी के लिए चिकित्सा उपचार नहीं चुन सकते क्योंकि संसाधनों के अभाव में उनका विकल्प सीमित हो जाता है।


1062.png 

अपने सहपाठियों के साथ पाँच मिनट के नाटक को अभिनीत कीजिए, जिसमें यह दर्शाया गया हो कि किस प्रकार आय, शिक्षा अथवा स्वास्थ्य के क्षेत्रों में क्षमता के अभाव के कारण विकल्प सीमित हो जाते हैं।


मानव विकास के चार स्तंभ

जिस प्रकार किसी इमारत को स्तंभों का सहारा होता है उसी प्रकार मानव विकास का विचार भी समता, सतत पोषणीयता, उत्पादकता और सशक्तीकरण की संकल्पनाओं पर आश्रित है।

समता का आशय प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध अवसरों के लिए समान पहुँच की व्यवस्था करना है। लोगों को उपलब्ध अवसर लिंग, प्रजाति, आय और भारत के संदर्भ में जाति के भेदभाव के विचार के बिना समान होने चाहिए। यद्यपि एेसा ज़्यादातर तो नहीं होता फिर भी यह लगभग प्रत्येक समाज में घटित होता है।

उदाहरण के तौर पर, किसी भी देश में यह जानना रुचिकर होता है कि विद्यालय से विरत अधिकांश छात्र किस वर्ग से हैं। तब एेसी घटनाओं के पीछे कारणों का पता लगना चाहिए। भारत में स्त्रियाँ और सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से पिछड़े हुए वर्गों के व्यक्ति बड़ी संख्या में विद्यालय से विरत होते हैं। इससे पता चलता है कि शिक्षा तक पहुँच न होना किस प्रकार इन वर्गों के विकल्पों को सीमित करता है।

निर्वहन का अर्थ है अवसरों की उपलब्धता में निरंतरता। सतत पोषणीय मानव विकास के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक पीढ़ी को समान अवसर मिले। समस्त पर्यावरणीय वित्तीय एवं मानव संसाधनों का उपयोग भविष्य को ध्यान में रख कर करना चाहिए। इन संसाधनों में से किसी भी एक का दुरुपयोग भावी पीढ़ियों के लिए अवसरों को कम करेगा।

बालिकाओं का विद्यालय भेजा जाना एक अच्छा उदाहरण है। यदि एक समुदाय अपनी बालिकाओं को विद्यालय में भेजने के महत्त्व पर जोर नहीं देता तो युवा होने पर इन स्त्रियों के लिए अनेक अवसर समाप्त हो जाएँगे। उनकी वृत्तिका के विकल्पों में तीव्रता से छँटनी हो जाएगी और यह उनके जीवन के अन्य पक्षों को भी प्रभावित करेगा। अतः प्रत्येक पीढ़ी को अपनी भावी पीढ़ियों के लिए अवसरों और विकल्पों की उपलब्धता को सुनिश्चित करना चाहिए।

यहाँ उत्पादकता का अर्थ मानव श्रम उत्पादकता अथवा मानव कार्य के संदर्भ में उत्पादकता है। लोगों में क्षमताओं का निर्माण करके एेसी उत्पादकता में निरंतर वृद्धि की जानी चाहिए। अंततः जन-समुदाय ही राष्ट्रों के वास्तविक धन होते हैं। इस प्रकार उनके ज्ञान को बढ़ाने के प्रयास अथवा उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराने से उनकी कार्यक्षमता बेहतर होगी।

सशक्तीकरण का अर्थ है-अपने विकल्प चुनने के लिए शक्ति प्राप्त करना। एेसी शक्ति बढ़ती हुई स्वतंत्रता और क्षमता से आती है। लोगों को सशक्त करने के लिए सुशासन एवं लोकोन्मुखी नीतियों की आवश्यकता होती है। सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से पिछड़े हुए समूहों के सशक्तीकरण का विशेष महत्त्व है।


1068.png 

अपने पड़ोस में सब्जी बेचने वाली से बात कीजिए और पता लगाइए कि क्या वह विद्यालय गई थी। क्या वह विद्यालय से विरत हुई थी? क्योें? इससे आपको उसके विकल्पों और स्वतंत्रता के बारे में क्या पता चलता है? टिप्पणी कीजिए कि किस प्रकार उसकी लिंग, जाति और आय ने उसके अवसरों को सीमित किया है।

मानव विकास के उपागम

मानव विकास की समस्या को देखने के अनेक ढंग हैं। कुछ महत्त्वपूर्ण उपागम हैंः (क) आय उपागम (ख)कल्याण उपागम (ग) न्यूनतम आवश्यकता उपागम (घ) क्षमता उपागम


मानव विकास का मापन

मानव विकास सूचकांक (HDI) स्वास्थ्य, शिक्षा और संसाधनों तक पहुँच जैसे प्रमुख क्षेत्रों में निष्पादन के आधार पर देशों का क्रम तैयार करता है। यह क्रम 0 से 1 के बीच के स्कोर पर आधारित होता है जो एक देश, मानव विकास के महत्त्वपूर्ण सूचकों में अपने रिकार्ड से प्राप्त करता है।

स्वास्थ्य का मूल्यांकन करने के लिए चुना गया सूचक जन्म के समय जीवन-प्रत्याशा है। उच्चतर जीवन-प्रत्याशा का अर्थ है कि लोगों के पास अधिक दीर्घ और अधिक स्वस्थ जीवन जीने के ज्यादा अवसर हैं।

प्रौढ़ साक्षरता दर और सकल नामांकन अनुपात ज्ञान तक पहुँच को प्रदर्शित करते हैं। पढ़ और लिख सकने वाले वयस्कों की संख्या और विद्यालयों में नामांकित बच्चों की संख्या दर्शाती है कि किसी देश विशेष में ज्ञान तक पहुँच कितनी आसान अथवा कठिन है।

संसाधनों तक पहुँच को क्रय शक्ति (अमेरिकी डॅालरों में) के संदर्भ में मापा जाता है।

इनमें से प्रत्येक आयाम को 1/3 भारिता दी जाती है। मानव विकास सूचकांक इन सभी आयामों को दिए गए भारों का कुल योग होता है।

स्कोर, 1 के जितना निकट होता है मानव विकास का स्तर उतना ही अधिक होता है। इस प्रकार 0.983 का स्कोर अति उच्च स्तर का जबकि 0.268 मानव विकास का अत्यंत निम्न स्तर का माना जाएगा।

मानव विकास सूचकांक मानव विकास में प्राप्तियों का मापन करता है। यह प्रदर्शित करता है कि मानव विकास के प्रमुख क्षेत्रों मे क्या उपलब्धि हुई है। फिर भी यह सर्वाधिक विश्वसनीय माप नहीं है। इसका कारण है कि यह सूचकांक वितरण के संबंध में मौन है।

मानव गरीबी सूचकांक मानव विकास सूचकांक से संबंधित है यह सूचकांक मानव विकास में कमी मापता है। यह एक बिना आय वाला माप है। किसी प्रदेश के मानव विकास में कमी दर्शाने के लिए 40 वर्ष की आयु तक जीवित न रह पाने की संभाव्यता, प्रौढ़ निरक्षरता दर, स्वच्छ जल तक पहुँच न रखने वाले लोगों की संख्या और अल्पभार वाले छोटे बच्चों की संख्या, सभी इसमें गिने जाते हैं। प्रायः मानव गरीबी सूचकांक, मानव विकास सूचकांक की अपेक्षा अधिक कमी उद्घाटित करता है।

25

26


मानव विकास के इन दोनों मापों का संयुक्त अवलोकन किसी देश में मानव विकास की स्थिति का यथार्थ चित्र प्रस्तुत करता है।

मानव विकास को मापने की विधियाँ निरंतर परिष्कृत हो रही हैं और मानव विकास के विभिन्न तत्त्वों को ग्रहण करने की नूतन विधियों का अनुसंधान हो रहा है। शोधकर्ताओं ने किसी क्षेत्र विशेष में भ्रष्टाचार के स्तर और राजनीतिक स्वतंत्रता के बीच संबंध ज्ञात किए हैं। राजनीतिक स्वतंत्रता सूचकांक और सर्वाधिक भ्रष्ट देशों के सूचीकरण पर चर्चा हो रही है। क्या आप मानव विकास स्तर के अन्य संबंधों के बारे में सोच सकते हैं?


भूटान विश्व में अकेला देश है जिसने सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता (GNH) को देश की प्रगति का आधिकारिक माप घोषित किया है। भूटानियों ने अपने पर्यावरण अथवा सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक जीवन के अन्य पहलुओं को भौतिक प्रगति और प्रौद्योगिकी विकास से होने वाली संभावित नुकसान को सतर्कतापूर्वक अथवा ध्यान में रखकर अपनाया है। इसका साधारण सा अर्थ है कि प्रसन्नता की कीमत पर भौतिक प्रगति नहीं की जा सकती। सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता हमें विकास के आध्यात्मिक, भौतिकता और गुणात्मक पक्षों को सोचने के लिए प्रोत्साहित करती है।


अंतर्राष्ट्रीय तुलनाएँ

मानव विकास की अंतर्राष्ट्रीय तुलनाएँ रुचिकर हैं। प्रदेश के आकार और प्रति व्यक्ति आय का मानव विकास से प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। प्रायः मानव विकास में बड़े देशों की अपेक्षा छोटे देशों का कार्य बेहतर रहा है। इसी प्रकार मानव विकास में अपेक्षाकृत निर्धन राष्ट्रों का कोटि-क्रम धनी पड़ोसियों से ऊँचा रहा है।

उदाहरण के तौर पर अपेक्षाकृत छोटी अर्थव्यवस्थाएँ होते हुए भी श्रीलंका, ट्रिनिडाड और टोऊँचा है। इसी प्रकार कम प्रति व्यक्ति आय के बावजूद मानव विकास में केरल का प्रदर्शन पंजाब और गुजरात से कहीं बेहतर है।

अर्जित मानव विकास स्कोर के आधार पर देशों को चार समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है (तालिका 4.2)।

27

उच्च मानव विकास सूचकांक वाले देश वे हैं जिनका स्कोर 0.8 से ऊपर है। मानव विकास प्रतिवेदन 2018 के अनुसार इस वर्ग में 59 देश सम्मिलित हैं। तालिका 4.3 इस वर्ग के प्रथम दस देशों को दर्शाती है।

28

उच्च मानव विकास समूह में 53 देश सम्मिलित हैं। आप पाएँगे कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराना सरकार की महत्त्वपूर्ण प्राथमिकता है। यह जानना महत्त्वपूर्ण है कि उच्चतर मानव विकास वाले देश वे हैं जहाँ सामाजिक खंड में बहुत निवेश हुआ है। लोगों और सुशासन में उच्चतर निवेश ने इस वर्ग के देशों को अन्य देशों से सर्वथा अलग कर दिया है।

यह ज्ञात करने का प्रयत्न कीजिए कि देशों की आय का कितना प्रतिशत इन सेक्टरों पर खर्च हुआ है। क्या आप कुछ अन्य लक्षणों के बारे में सोच सकते हैं जो इन देशों में समान हों।

आप देखेंगे कि इनमें से अनेक देश पूर्व साम्राज्य शक्तियाँ रही हैं। इन देशों में सामाजिक विविधता की डिग्री उच्च नहीं है। उच्च मानव विकास स्कोर वाले देश यूरोप में अवस्थित हैं और वे औद्योगिकृत पश्चिमी विश्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। फिर भी गैर-यूरोपीय देशों की संख्या आश्चर्यचकित करने वाली है, जिन्होंने इस सूची में अपना स्थान बनाया है।


मानचित्र पर इनकी स्थिति को ज्ञात कीजिए। क्या आप देख सकते हैं कि इन देशों में क्या समानता है? और अधिक जानकारी केलिए इन देशों की सरकारी कार्यालयी वेबसाइट का निरीक्षण कीजिए।


मानव विकास के मध्यम स्तरों वाले देशों का वर्ग विशालतम है। मध्यम मानव विकास वर्ग में कुल 39 देश हैं। इनमें से अधिकांश देशों का विकास द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की अवधि में हुआ है। इस वर्ग के कुछ देश पूर्वकालीन उपनिवेश थे जबकि अन्य अनेक देशों का विकास 1990 ई. में तत्कालीन सोवियत संघ के विघटन के पश्चात् हुआ है। इनमें से अनेक देश अधिक लोकोन्मुखी नीतियों को अपनाकर तथा सामाजिक भेदभाव को दूर करके तेजी से अपने मानव विकास स्कोर में सुधार कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश देशों में उच्चतर मानव विकास के स्कोर वाले देशों की तुलना में सामाजिक विविधता अधिक पाई जाती है। इस वर्ग के अनेक देशों ने अपने अभिनव इतिहास में राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक विद्रोह का सामना किया है।

मानव विकास के निम्न स्तरों वाले देशों की संख्या 38 है। इनमें से अधिकांश छोटे देश हैं, जो राजनीतिक उपद्रव, गृहयुद्ध के रूप में सामाजिक अस्थिरता, अकाल अथवा बीमारियों की अधिक घटनाओं के दौर से गुजर रहे हैं। सुविचारित नीतियों के माध्यम से इस वर्ग के देशों की मानव विकास की आवश्यकताओं के समाधान की तत्काल आवश्यकता है।

928.png

मानव विकास की अंतर्राष्ट्रीय तुलनाएँ कुछ अत्यंत रुचिकर परिणाम दर्शाती हैं। प्रायः लोग मानव विकास के निम्न स्तरों के लिए लोगों की संस्कृति को दोष देते हैं। उदाहरणार्थ ‘क’ देश में मानव विकास इसलिए कम हुआ है क्योंकि उसके लोग ‘ख’ धर्म का अनुसरण करते हैं अथवा ‘ग’ समुदाय के हैं। एेसे वक्तव्य भ्रांतिपूर्ण हैं।

एक प्रदेश में मानव विकास के निम्न अथवा उच्च स्तर क्यों दर्शाए जाते हैं यह समझने के लिए सामाजिक सेक्टर पर सरकारी व्यय के प्रतिरूप को देखना या जानना महत्त्वपूर्ण है। देश का राजनीतिक परिवेश तथा लोगों को उपलब्ध स्वतंत्रता भी महत्त्वपूर्ण है। मानव विकास के उच्च स्तरों वाले देश सामाजिक सेक्टरों में अधिक निवेश करते हैं और राजनैतिक उपद्रव और अस्थिरता से प्रायः स्वतंत्र होते हैं। इन देशों में संसाधनों का वितरण भी अपेक्षाकृत समान है।

दूसरी ओर मानव विकास के निम्न स्तरों वाले देश सामाजिक सेक्टरों की बजाय प्रतिरक्षा पर अधिक व्यय करते हैं। यह दर्शाता है कि ये देश राजनीतिक अस्थिरता वाले क्षेत्रों में पड़ते हैं और त्वरित आर्थिक विकास प्रारंभ नहीं कर पाए हैं।


अभ्यास

1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :

(i) निम्नलिखित में से कौन-सा विकास का सर्वोत्तम वर्णन करता है।

(क) आकार में वृद्धि (ख) गुण में धनात्मक परिवर्तन

(ग) आकार में स्थिरता (घ) गुण में साधारण परिवर्तन

(ii) मानव विकास की अवधारणा निम्नलिखित में से किस विद्वान की देन है।

(क) प्रो. अमर्त्य सेन (ख) डॅा. महबूब-उल-हक

(ग) एलन सी. सेम्पुल (घ) रैटजेल


2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए :

(i) मानव विकास के तीन मूलभूत क्षेत्र कौन-से हैं?

(ii) मानव विकास के चार प्रमुख घटकों के नाम लिखिए।

(iii) मानव विकास सूचकांक के आधार पर देशों का वर्गीकरण किस प्रकार किया जाता है?


3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक में न दीजिएः

(i) मानव विकास शब्द से आपका क्या अभिप्राय है?

(ii) मानव विकास अवधारणा के अंतर्गत समता और सतत पोषणीयता से आप क्या समझते हैं?


परियोजना/क्रियाकलाप

10 सर्वाधिक भ्रष्ट तथा 10 सबसे कम भ्रष्ट देशों की सूची बनाइए। मानव विकास सूचकांक में उनके स्कोरों की तुलना कीजिए। आप क्या निष्कर्ष निकाल सकते हैं? इसके लिए नवीनतम मानव विकास प्रतिवेदन से परामर्श लीजिए।

ch%20wth%20glb%202.tif



Search Me Online Using Keywords: - #Abhimanyusir #AbhimanyuDahiya #UltimateGeography Abhimanyu Sir Abhimanyu Dahiya Ultimate Geography

Popular Posts

आंकड़े – स्रोत और संकलन Chapter 1 Class 12 Geography Practical File (Hindi Medium)

Click Below for Chapter 1 Data – Its Source and Compilation (English Medium) NEXT Chapter Chapter 2 आंकड़ों का प्रक्रमण Open Chapter as Pdf Related Video  कक्षा 12 भूगोल की प्रैक्टिकल फाइल कैसे तैयार करें?   How to prepare practical file for class 12 geography? You Can Also Visit...   Class 9 Social Science Chapter wise Solution   Class 10 Social Science Chapter wise Solution   Class 11 GEOGRAPHY Chapter wise Solution   Class 12 GEOGRAPHY Chapter wise Solution   Motivational Stories

Class 12 Geography Maps Solution

Ø Fill up the following Chapter wise Topics on Blank World Political Map CLICK HERE FOR VIDEO MAPS SOLUTION Ch. 4 Primary Activities Areas of subsistence gathering Major areas of nomadic herding of the world Major areas of commercial livestock rearing Major areas of extensive commercial grain faming Major areas of mixed farming of the World CLICK HERE FOR VIDEO MAPS SOLUTION Ch. 7 Transport, Communication and Trade Terminal Stations of  transcontinental railways Terminal Stations of  Trans-Siberian  transcontinental railways  Terminal Stations of  Trans Canadian  railways Terminal Stations of Trans-Australian Railways Major Sea Ports : Europe: North Cape, London, Hamburg North America: Vancouver, San Francisco, New Orleans South America: Rio De Janeiro, Colon, Valparaiso Africa: Suez and Cape Town Asia: Yokohama, Shanghai, Hong Kong, Aden, Karachi, Kolkata Australia: Perth, Sydney, Melbourne Major Airports: Asia: Tokyo, Beijing, Mumbai, Jeddah, Aden Africa:...

कक्षा 12 भूगोल की प्रैक्टिकल फाइल कैसे तैयार करें? How to prepare practical file for class 12 geography?

कक्षा 12 भूगोल की प्रैक्टिकल फाइल कैसे तैयार करें? How to prepare practical file for class 12 geography? कक्षा 12 भूगोल की प्रैक्टिकल फाइल कैसे तैयार करें? Chapter 1 आंकड़े – स्रोत और संकलन (Hindi Medium) Chapter 2 आंकड़ों का प्रक्रमण (Hindi Medium) Chapter 3 आंकड़ों का आलेखी निरूपण (Hindi Medium) Chapter 4 स्थानिक सूचना प्रौद्योगिकी (Hindi Medium) How to prepare practical file for class 12 geography? Chapter 1 Data – Its Source and Compilation (English Medium) Chapter 2 Data Processing (English Medium) Chapter 3 Graphical Representation of Data (English Medium) Chapter 4 Spatial Information Technology (English Medium) Click Below for Class 12th Geography Practical Paper - Important Question Class 12 Geography Practical Sample Paper Related Video कक्षा 12 भूगोल की प्रैक्टिकल फाइल कैसे तैयार करें? How to prepare practical file for class 12 geography? Click Below for How to prepare class 11th Geography Practical file (English Medium) You Can Also Visit  Class 9 Social Science Chapter Wi...

5000+ Geography Questions

Class 9 Geography Maps, Class 11Geography Maps

Visit and Subscribe My YouTube Channel  " Ultimate Geography " Follow me on Facebook  " Abhimanyu Dahiya "   Join My Telegram Group " Ultimate Geography "    Save  💦 Water  , Save Environment,  Save  Earth, Save Life. 💦 जल  है तो कल है।  💦 जल  ही जीवन है। You Can Also Visit  Do You Know Search Me Online Using Keywords  #Abhimanyusir #AbhimanyuDahiya #UltimateGeography Abhimanyu Sir Abhimanyu Dahiya Ultimate Geography