Skip to main content

तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप Important Notes 2024-25

तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप


Front%20Photo.tif

जब आप बीमार पड़ते हैं आप किसी डॉक्टर को बुलाते हैं अथवा आप पारिवारिक डॉक्टर के पास जाते हैं। कभी-कभी आपके माता-पिता उपचार के लिए आपको अस्पताल ले जाते हैं। विद्यालय में आपको अध्यापक पढ़ाते हैं। किसी भी विवाद की स्थिति में कानूनी राय वकील से ली जाती है। इसी प्रकार अनेक व्यवसायी होते हैं जो फीस का भुगतान होने पर अपनी सेवाएँ प्रदान करते हैं। अतः सभी प्रकार की सेवाएँ विशिष्ट कलाएँ होती हैं जो भुगतान के बदले प्राप्त होती हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, विधि, प्रशासन और मनोरंजन इत्यादि को व्यावसायिक कुशलता की आवश्यकता है। इन सेवाओं को अन्य सैद्धांतिक ज्ञान और क्रियात्मक प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है और अभ्यास इन्हें पूर्ण व्यावसायिक बनाता है। तृतीयक क्रियाकलाप सेवा से क्टर से संबंधित हैं। जनशक्ति सेवा सेक्टर का एक महत्त्वपूर्ण कारक है क्योंकि अधिकांश तृतीयक क्रियाकलापों का निष्पादन कुशल श्रमिक व्यावसायिक दृष्टि से प्रशिक्षित विशेषज्ञ और परामर्शदाताओं द्वारा होता है।

आर्थिक विकास की आरंभिक अवस्थाओं में लोगों का एक बड़ा अनुपात प्राथमिक सेक्टर में कार्य करता था। एक विकसित अर्थव्यवस्था में बहुसंख्यक श्रमिक तृतीयक क्रियाकलापों में रोज़गार पाते हैं और अपेक्षाकृत कम संख्या में द्वितीयक सेक्टर में कार्यरत होते हैं।

तृतीयक क्रियाकलापों में उत्पादन और विनिमय दोनों सम्मिलित होते हैं। उत्पादन में सेवाओं की उपलब्धता शामिल होती है जिनका उपभोग किया जाता है। उत्पादन को परोक्ष रूप से पारिश्रमिक और वेतन के रूप में मापा जाता है। विनिमय के अंतर्गत व्यापार, परिवहन और संचार सुविधाएँ सम्मिलित होती हैं जिनका उपयोग दूरी को निष्प्रभाव करने के लिए किया जाता है। इसलिए तृतीयक क्रियाकलापों में मूर्त वस्तुओं के उत्पादन के बजाय सेवाओं का व्यावसायिक उत्पादन सम्मिलित होता है। वे भौतिक कच्चे माल के प्रक्रमण में प्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित नहीं होती। एक नलसाज, बिजली मिस्त्री, तकनीशियन, धोबी, नाई, दुकानदार, चालक, कोषपाल, अध्यापक, डॉक्टर, वकील और प्रकाशक इत्यादि का काम इनका सामान्य उदाहरण हैं। द्वितीयक और तृतीयक क्रियाकलापों में मुख्य अंतर यह है कि सेवाओं द्वारा उपलब्ध विशेषज्ञता उत्पादन तकनीकों, मशीनरी और फैक्ट्री प्रक्रियाओं की अपेक्षा कर्मियों की विशिष्टीकृत कुशलताओं, अनुभव और ज्ञान पर अत्यधिक निर्भर करती है।


तृतीयक क्रियाकलापों के प्रकार

अब तक आप जान गए हैं कि आप व्यापारी की दुकान से पुस्तकें और स्टेशनरी खरीदते हैं, बस अथवा रेल द्वारा यात्रा करते हैं, पत्र भेजते हैं, दूरभाष पर बातें करते हैं व अध्ययन के लिए अध्यापकों की व रुग्ण होने पर डॉक्टर की सेवाएँ प्राप्त करते हैं।

553.png


इस प्रकार व्यापार, परिवहन, संचार और सेवाएँ कुछ तृतीयक क्रियाकलाप हैं जिनकी इस सेक्टर में चर्चा की गई है। चार्ट 7.1 तृतीयक क्रियाकलापों के वर्गीकरण का आधार प्रस्तुत करता है।


वयापार और वाणिज्य

व्यापार वस्तुतः अन्यत्र उत्पादित मदों का क्रय और विक्रय है। फुटकर और थोक व्यापार अथवा वाणिज्य की सभी सेवाओं का विशिष्ट उद्देश्य लाभ कमाना है। यह सारा काम कस्बों और नगरों में होता है जिन्हें व्यापारिक केंद्र कहा जाता है।

स्थानीय स्तर पर वस्तु विनिमय से लेकर अंतर्राष्ट्रीय सोपान पर मुद्रा विनिमय तक व्यापार के उत्थान ने अनेक केंद्रों और संस्थाओं को जन्म दिया है जैसे कि व्यापारिक केंद्र अथवा संग्रहण और वितरण बिंदु।

व्यापारिक केंद्रों को ग्रामीण और नगरीय विपणन केंद्रों में विभक्त किया जा सकता है।

ग्रामीण विपणन केंद्र निकटवर्ती बस्तियों का पोषण करते हैं। ये अर्ध-नगरीय केंद्र होते हैं। ये अत्यंत अल्पवर्धित प्रकार के व्यापारिक केंद्रों के रूप में सेवा करते हैं। यहाँ व्यक्तिगत और व्यावसायिक सेवाएँ सुविकसित नहीं होतीं। ये स्थानीय संग्रहण और वितरण केंद्र होते हैं। इनमें से अधिकांश केंद्रों में मंडियाँ (थोक बाज़ार) और फुटकर व्यापार क्षेत्र भी होते हैं। ये स्वयं में नगरीय केंद्र नहीं हैं किंतु ग्रामीण लोगों की अधिक माँग वाली वस्तुओं और सेवाओं को उपलब्ध कराने वाले महत्त्वपूर्ण केंद्र हैं।

subzi%20mandi.tif 

चित्र 7.2 : सब्ज़ियों का थोक बाज़ार

ग्रामीण क्षेत्रों मे आवधिक बाज़ार : ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ नियमित बाज़ार नहीं होते विभिन्न कालिक अंतरालों पर स्थानीय आवधिक बाज़ार लगाए जाते हैं। ये साप्ताहिक, पाक्षिक बाज़ार होते हैं जहाँ परिग्रामी क्षेत्रों से लोग आकर समय-समय पर अपनी आवश्यक ज़रूरतों को पूरा करते हैं। ये बाज़ार निश्चित तिथि दिन पर लगते हैं और एक स्थान से दूसरे स्थान पर लगते रहते हैं। दुकानदार इस प्रकार सभी दिन व्यस्त रहते हैं और एक विस्तृत क्षेत्र को सेवा प्रदान करते हैं।

नगरीय बाज़ार केंद्रों में और अधिक विशिष्टीकृत नगरीय सेवाएँ मिलती हैं। इनमें न केवल साधारण वस्तुएँ और सेवाएँ बल्कि लोगों द्वारा वांछित अनेक विशिष्ट वस्तुएँ व सेवाएँ भी उपलब्ध होती हैं। नगरीय केंद्र, इसलिए विनिर्मित पदार्थाें के साथ-साथ विशिष्टीकृत बाज़ार भी प्रस्तुत करते हैं जैसे श्रम बाज़ार, आवासन, अर्ध-निर्मित एवं निर्मित उत्पादों का बाज़ार। इनमें शैक्षिक संस्थाओं और व्यावसायिकों की सेवाएँ जैसे- अध्यापक, वकील, परामर्शदाता, चिकित्सक, दाँतों का डॉक्टर और पशु चिकित्सक आदि उपलब्ध होते हैं।

food4.tif 

चित्र 7.3 : अमेरिका में डिब्बाबंद आहार बाज़ार

फुटकर व्यापार

ये वह व्यापारिक क्रियाकलाप हैं जो उपभोक्ताओं को वस्तुओं के प्रत्यक्ष विक्रय से संबंधित हैं। अधिकांश फुटकर व्यापार केवल विक्रय से नियत प्रतिष्ठानों और भंडारों में संपन्न होता है। फेरी, रेहड़ी, ट्रक, द्वार से द्वार, डाक आदेश, दूरभाष, स्वचालित बिक्री मशीनें तथा इंटरनेट फुटकर बिक्री के भंडार रहित उदाहरण हैं।


भंडारों पर और सामग्री

फुटकर व्यापार में वृहत स्तर पर सबसे पहले नवाचार लाने वाले उपभोक्ता सहकारी समुदाय थे।

विभागीय भंडार वस्तुओं की खरीद और भंडारों के विभिन्न अनुभागों में बिक्री के सर्वेक्षण के लिए विभागीय प्रमुखों को उत्तरदायित्व और प्राधिकार सौंप देते हैं।

शृंखला भंडार अत्यधिक मितव्ययता से व्यापारिक माल खरीद पाते हैं, यहाँ तक कि अपने विनिर्देश पर सीधे वस्तुओं का विनिर्माण करा लेते हैं। वे अनेक कार्यकारी कार्यों में अत्यधिक कुशल विशेषज्ञ नियुक्त कर लेते हैं। उनके पास एक भंडार के अनुभव के परिणामों को अनेक भंडारों में लागू करने की योग्यता होती है।


थोक व्यापार

थोक व्यापार का गठन अनेक बिचौलिए सौदागरों और पूर्तिघरों द्वारा होता है न कि फुटकर भंडारों द्वारा। शृंखला भंडारों सहित कुछ बड़े भंडार विनिर्माताओं से सीधी खरीद करते हैं। फिर भी बहुसंख्यक फुटकर भंडार बिचौलिए स्रोत से पूर्ति लेते हैं। थोक विक्रेता प्रायः फुटकर भंडारों को उधार देते हैं, यहाँ तक कि फुटकर विक्रेता अधिकतर थोक विक्रेता की पूँजी पर ही अपने कार्य का संचालन करते हैं।

परिवहन

परिवहन एक एेसी सेवा अथवा सुविधा है जिससे व्यक्तियों, विनिर्मित माल तथा संपत्ति को भौतिक रूप से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है। यह मनुष्य की गतिशीलता की मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने हेतु निर्मित एक संगठित उद्योग है। आधुनिक समाज वस्तुओं के उत्पादन, वितरण और उपभोग में सहायता देने के लिए तीव्र और सक्षम परिवहन व्यवस्था चाहते हैं। इस जटिल व्यवस्था की प्रत्येक अवस्था में परिवहन द्वारा पदार्थ का मूल्य अत्यधिक बढ़ जाता है।

परिवहन दूरी को किलोमीटर दूरी अथवा मार्ग लंबाई की वास्तविक दूरी, समय दूरी अथवा एक मार्ग पर यात्रा करने में लगने वाले समय, और लागत दूरी अथवा मार्ग पर यात्रा के खर्च के रूप में मापा जा सकता है। परिवहन के साधन के चयन में समय अथवा लागत के संदर्भ में एक निर्णायक कारक है। मानचित्र पर समान समय में पहुँचने वाले स्थानों को मिलाने वाली समकाल रेखाएँ खींची जाती हैं।



जाल-तंत्र और पहुँच

जैसे ही परिवहन व्यवस्थाएँ विकसित होती हैं विभिन्न स्थान आपस में जुड़कर जाल-तंत्र की रचना करते हैं। जाल-तंत्र तथा योजक से मिलकर बनते हैं। दो अथवा अधिक मार्गाें का संधि-स्थल, एक उद्गम बिंदु, एक गंतव्य बिंदु अथवा मार्ग के सहारे कोई बड़ा कस्बा नोड होता है। प्रत्येक सड़क जो दो नोडों को जोड़ती है योजक कहलाती है। एक विकसित जाल-तंत्र में अनेक योजक होते हैं, जिसका अर्थ है कि स्थान सुसंबद्ध है।


परिवहन को प्रभावित करने वाले कारक

परिवहन की माँग जनसंख्या के आकार से प्रभावित होती है। जनसंख्या का आकार जितना बड़ा होगा परिवहन की माँग उतनी ही अधिक होगी।

नगरों, कस्बों, गाँवों, औद्योगिक केंद्रों और कच्चे माल, उनके मध्य व्यापार के प्रारूप, उनके मध्य भू-दृश्य की प्रकृति, जलवायु के प्रकार और मार्ग की लंबाई पर आने वाले व्यवधानों को दूर करने के लिए उपलब्ध निधियों (मुद्रा) पर मार्ग निर्भर करते हैं।

संचार

संचार सेवाओं में शब्दों और संदेशों, तथ्यों और विचारों का प्रेषण सम्मिलित है। लेखन के आविष्कार ने संदेशों को संरक्षित किया और संचार को परिवहन के साधनों पर निर्भर करने में सहायता की। ये वास्तव में हाथ, पशुओं, नाव, सड़क, रेल तथा वायु द्वारा परिवहित होते थे। यही कारण है कि परिवहन के सभी रूपों को संचार पथ कहा जाता है। जहाँ परिवहन जाल-तंत्र सक्षम होता है वहाँ संचार का फैलाव सरल होता है। मोबाइल दूरभाष और उपग्रहों जैसे कुछ विकासों ने संचार को परिवहन से मुक्त कर दिया है। पुराने तंत्रों के सस्ता होने के कारण संचार के सभी रूपों का साहचर्य पूर्ण रूप से समाप्त नहीं हुआ है। अतः पूरे विश्व में अभी भी विशाल मात्रा में डाक का निपटारन डाकघरों द्वारा हो रहा है। कुछ संचार सेवाओं की चर्चा नीचे की गई है :

दूरसंचार

दूरसंचार का प्रयोग विद्युतीय प्रौद्योगिकी के विकास से जुड़ा है। संदेशों के भेजे जाने की गति के कारण इसने संचार में क्रांति ला दी है। समय सप्ताहों से मिनटों में घट गया है और मोबाइल दूरभाष जैसी नूतन उन्नति ने किसी भी समय कहीं से भी संचार को प्रत्यक्ष और तत्काल बना दिया है। तार प्रेषण, मोर्स कूट और टैलेक्स अब लगभग भूतकाल की वस्तुएँ बन गई हैं।

रेडियो और दूरदर्शन भी समाचारों, चित्रों व दूरभाष कालों का पूरे विश्व में विस्तृत श्रोताओं को प्रसारण करते हैं और इसलिए इन्हें जनसंचार माध्यम कहा जाता है। वे विज्ञापन एवं मनोरंजन के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। समाचार पत्र विश्व के सभी कोनों से घटनाओं का प्रसारण करने में सक्षम होते हैं। उपग्रह संचार पृथ्वी और अंतरिक्ष से सूचना का प्रसारण करता है। इंटरनेट ने वैश्विक संचार तंत्र में वास्तव में क्रांति ला दी है।

सेवाएँ

सेवाएँ विभिन्न स्तरों पर पाई जाती हैं। कुछ सेवाएँ उद्योगों को चलाती हैं, कुछ लोगों को और कुछ उद्योगों और लोगाें दोनों को, उदाहरणतः परिवहन तंत्र। निम्नस्तरीय सेवाएँ जैस- पंसारी की दुकानें, धोबीघाट; उच्चस्तरीय सेवाओं अथवा लेखाकार, परामर्शदाता और काय चिकित्सक जैसी अधिक विशिष्टीकृत सेवाओं की अपेक्षा अधिक सामान्य और विस्तृत हैं। सेवाएँ भुगतान कर सकने वाले व्यक्तिगत उपभोक्ताओं को उपलब्ध होती हैं। माली, धोबी और नाई मुख्य रूप से शारीरिक श्रम करते हैं। अध्यापक, वकील, चिकित्सक, संगीतकार और अन्य मानसिक श्रम करते हैं।

अनेक सेवाएँ अब नियमित हो गई हैं। महामार्गाें एवं सेतुओं का निर्माण और अनुरक्षण, अग्निशमन विभागों का अनुरक्षण और शिक्षा की पूर्ति अथवा पर्यवेक्षण और ग्राहक-सेवा महत्त्वपूर्ण सेवाओं में से हैं, जिनका पर्यवेक्षण अथवा निष्पादन प्रायः सरकारों अथवा कंपनियों द्वारा किया जाता है। राज्य और संघ विधान ने परिवहन, दूरसंचार, ऊर्जा और जलापूर्ति जैसी सेवाओं के विपणन के पर्यवेक्षण और नियंत्रण के लिए निगमों की स्थापना की है। स्वास्थ्य की देखभाल, अभियांत्रिकी, विधि और प्रबंधन व्यावसायिक सेवाएँ हैं। मनोरंजनात्मक और प्रमोद सेवाओं की स्थिति बाज़ार पर निर्भर करती है। मल्टीप्लेक्स और रेस्तराओं की स्थिति केंद्रीय व्यापार क्षेत्र (सी.बी.डी.) के अंदर अथवा निकट हो सकती है जबकि गोल्फ कोर्स एेसे स्थान पर बनाया जाएगा जहाँ भूमि की लागत सी.बी.डी. की अपेक्षा कम होगी।

दैनिक जीवन में काम को सुविधाजनक बनाने के लिए लोगों को व्यक्तिगत सेवाएँ उपलब्ध कराई जाती हैं। कामगार रोज़गार की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों से प्रवास करते हैं और अकुशल होते हैं। वे मोची, गृहपाल, खानसामा और माली जैसी घरेलू सेवाओं के लिए नियुक्त किए जाते हैं और इन्हें कम भुगतान किया जाता है। कर्मियों का यह वर्ग असंगठित है। एेसा एक उदाहरण मुंबई की डब्बावाला सेवा है जो पूरे नगर में लगभग 1,75,000 उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराई जाती है।

Diba%20Wala.tif 

चित्र 7.4 : मुंबई में डब्बावाला सेवा


तृतीयक क्रियाकलापों में संलग्न लोग

आज अधिकांश लोग सेवाकर्मी हैं। सेवाएँ सभी समाजों में उपलब्ध होती हैं। अधिक विकसित देशों में कर्मियों का अधिकतर प्रतिशत इन सेवाओं में लगा है, जबकि अल्पविकसित देशों में 10 प्रतिशत से भी कम लोग इस सेवा क्षेत्र में लगे हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में 75 प्रतिशत से अधिक कर्मी सेवाओं में संलग्न हैं। इस सेक्टर में रोज़गार की प्रवृत्ति बढ़ रही है जबकि प्राथमिक और द्वितीयक क्रियाकलापों में यह अपरिवर्तित है अथवा घट रही है।


कुछ चयनित उदाहरण

पर्यटन

पर्यटन एक यात्रा है जो व्यापार की बजाय प्रमोद के उद्देश्यों के लिए की जाती है। कुल पंजीकृत रोज़गारों तथा कुल राजस्व (सकल घरेलू उत्पाद का 40 प्रतिशत) की दृष्टि से यह विश्व का अकेला सबसे बड़ा (25 करोड़) तृतीयक क्रियाकलाप बन गया है। इनके अतिरिक्त पर्यटकों के आवास, भोजन, परिवहन, मनोरंजन तथा विशेष दुकानों जैसी सेवा उपलब्ध कराने के लिए अनेक स्थानीय व्यक्तियों को नियुक्त किया जाता है। पर्यटन अवसंरचना उद्योगों, फुटकर व्यापार तथा शिल्प उद्योगों (स्मारिका) को पोषित करता है। कुछ प्रदेशों में पर्यटन ऋतुनिष्ठ होता है क्योंकि अवकाश की अवधि अनुकूल मौसमी दशाओं पर निर्भर करती है, किंतु कई प्रदेश वर्षपर्यंत पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

Tourists%20Skiing.tif 

चित्र 7.5 : स्विटजरलैंड में बर्फ़ से ढकी पर्वत चोटी पर स्कींग करते पर्यटक

पर्यटक प्रदेश

भूमध्यसागरीय तट के चारों ओर कोष्ण स्थान तथा भारत का पश्चिमी तट विश्व के लोकप्रिय पर्यटक गंतव्य स्थानों में से हैं। अन्य में शीतकालीन खेल प्रदेश, जो मुख्यतः पर्वतीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं, मनोहारी दृश्यभूमियाँ तथा यत्र-तत्र फैले राष्ट्रीय उद्यान सम्मिलित हैं। स्मारकों, विरासत स्थलों र सांस्कृतिक गतिविधियों के कारण एेतिहासिक नगर भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

पर्यटन को प्रभावित करने वाले कारक

माँग : विगत शताब्दी से अवकाश के लिए माँग तीव्रता से बढ़ी है। जीवन स्तर में सुधार तथा बढ़े हुए फुरसत के समय के कारण अधिक लोग विश्राम के लिए अवकाश पर जाते हैं।

परिवहन : परिवहन सुविधाओं में सुधार के साथ पर्यटन क्षेत्रों का आरंभ हुआ है। बेहतर सड़क प्रणालियों में कार द्वारा यात्रा सुगम होती है। हाल के वर्षाें में वायु परिवहन का विस्तार अधिक महत्त्वपूर्ण रहा। उदाहरणतः वायु-यात्रा द्वारा कुछ ही घंटों में अपने घरों से विश्व में कहीं भी जाया जा सकता है। पैकेज अवकाश के प्रारंभ ने लागत घटा दी है।

पर्यटन आकर्षण

जलवायु : ठंडे प्रदेशों के अधिकांश लोग पुलिन विश्राम के लिए ऊष्ण व धूपदार मौसम की अपेक्षा करते हैं। दक्षिणी यूरोप और भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में पर्यटन के महत्त्व का यह एक मुख्य कारण है। अवकाश के शीर्ष मौसम में यूरोप के अन्य भागों की अपेक्षा भूमध्यसागरीय जलवायु में लगभग सतत ऊँचा तापमान, धूप की लंबी अवधि और निम्न वर्षा की दशाएँ होती हैं। शीतकालीन अवकाश का आनंद लेने वाले लोगों की विशिष्ट जलवायवी ज़रूरतें होती हैं, जैसे या तो अपनी गृह-क्षेत्रों की तुलना में ऊँचे तापमान अथवा स्कींग के लिए अनुकूल हिमावरण।

भू-दृश्य : कई लोग आकर्षित करने वाले पर्यावरण में अवकाश बिताना पसंद करते हैं, जिसका प्रायः अर्थ होता है पर्वत, झीलें, दर्शनीय समुद्री तट और मनुष्य द्वारा पूर्ण रूप से अपरिवर्तित भू-दृश्य।

इतिहास एवं कला : किसी क्षेत्र के इतिहास और कला में संभावित आकर्षण होता है। लोग प्राचीन और सुंदर नगरों, पुरातत्व के स्थानों पर जाते हैं और किलों, महलों और गिरिजाघरों को देखकर आनंद उठाते हैं।

संस्कृति और अर्थव्यवस्था : मानवजातीय और स्थानीय रीतियों को पसंद करने वालों को पर्यटन लुभाता है। यदि कोई प्रदेश पर्यटकों की ज़रूरतों को सस्ते दाम में पूरा करता है तो वह अत्यंत लोकप्रिय हो जाता है। ‘घरों में रुकना’ एक लाभदायक व्यापार बन कर उभरा है जैसे कि गोवा में हेरीटेज़ होम्स तथा कर्नाटक में मैडीकेरे और कूर्ग।


भारत में समुद्रपार रोगियों के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ

2005 ई. में संयुक्त राज्य अमेरिका से उपचार के लिए 55,000 रोगी भारत आए। संयुक्त राज्य स्वास्थ्य सेवा तंत्र के अंतर्गत प्रतिवर्ष होने वाले लाखों शल्यकर्माें की तुलना में यह संख्या बहुत कम है। भारत विश्व में चिकित्सा पर्यटन में अग्रणी देश बन कर उभरा है। महानगरों में अवस्थित विश्वस्तरीय अस्पताल संपूर्ण विश्व के रोगियों का उपचार करते हैं। भारत, थाईलैंड, सिंगापुर और मलेशिया जैसे विकासशील देशों को चिकित्सा पर्यटन से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। चिकित्सा पर्यटन के अतिरिक्त चिकित्सा परीक्षणों और आँकड़े के निर्वचन के बाह्यस्रोतन के प्रति भी झुकाव पाया जाता है। भारत, स्विटज़रलैंड और आस्ट्रेलिया के अस्पताल विकिरण बिंबों के अध्ययन से लेकर चुंबकीय अनुनाद बिंबों के निर्वचन और पराश्राव्य परीक्षणों तक की विशिष्ट चिकित्सा सुविधाओं को उपलब्ध करा रहे हैं। बाह्यस्रोतन में, यदि यह गुणवत्ता में सुधार करने अथवा विशिष्ट सेवाएँ उपलब्ध कराने पर केंद्रित है, तो बाह्यस्रोतन रोगियों के लिए अत्यधिक लाभ होता है।


चिकित्सा पर्यटन

जब चिकित्सा उपचार को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन गतिविधि से संबद्ध कर दिया जाता है तो इसे सामान्यतः चिकित्सा पर्यटन कहा जाता है।


News.tif


तुर्थ क्रियाकलाप

कोपनहैगन और न्यूयार्क में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा चिकित्सकीय प्रतिलेखक (मेडिकल ट्रांसक्रिप्शनिस्ट) के बीच क्या समानता है? ये सभी लोग सेवा सेक्टर के उस प्रभाग में कार्य करते हैं जो ज्ञानोन्मुखी है। इस सेक्टर को चतुर्थ और पंचम क्रियाकलापों में विभक्त किया जा सकता है।

चतुर्थ क्रियाकलापों में से कुछ निम्नलिखित हैं ः सूचना का संग्रहण, उत्पादन और प्रकीर्णन अथवा सूचना का उत्पादन भी। चतुर्थ क्रियाकलाप अनुसंधान और विकास पर केंद्रित होते हैं और विशिष्टीकृत ज्ञान प्रौद्योगिक कुशलता और प्रशासकीय सामर्थ्य से संबद्ध सेवाओं के उन्नत नमूने के रूप में देखे जाते हैं।


चतुर्थ सेक्टर

आर्थिक वृद्धि के आधार के रूप में तृतीयक सेक्टर के साथ चतुर्थ सेक्टर ने सभी प्राथमिक व द्वितीयक से रोज़गारों को प्रतिस्थापित कर दिया है। विकसित अर्थव्यवस्थाओं में आधे से अधिक कर्मी ज्ञान के इस क्षेत्र में कार्यरत हैं तथा पारस्परिक कोष (म्यूचुअल फंड) प्रबंधकों से लेकर कर परामर्शदाताओं, सॉफ्टवेयर सेवाओं की माँग में अति उच्च वृद्धि हुई है। कार्यालय भवनों, प्रारंभिक विद्यालयों, विश्वविद्यालयी कक्षाओं, अस्पतालों व डॉक्टरों के कार्यालयों, रंगमचों, लेखाकार्य और दलाली की फर्माें में काम करने वाले कर्मचारी इस वर्ग की सेवाओं से संबंध रखते हैं।

211

कुछ तृतीयक क्रियाओं की भाँति चतुर्थ क्रियाकलापों को भी बाह्यस्रोतन के माध्यम से किया जा सकता है। ये सेवाएँ संसाधनों से बँधी हुई पर्यावरण से प्रभावित तथा अनिवार्य रूप से बाज़ार द्वारा स्थानीकृत नहीं हैं।



पंचम क्रियाकलाप

उच्चतम स्तर के निर्णय लेने तथा नीतियों का निर्माण करने वाले पंचम क्रियाकलापों को निभाते हैं। इनमें और ज्ञान आधारित उद्योगों, जो सामान्यतः चतुर्थ सेक्टर से जुड़ी होती हैं, में सूक्ष्म अंतर होता है।

पंचम क्रियाकलाप वे सेवाएँ हैं जो नवीन एवं वर्तमान विचारों की रचना, उनके पुनर्गठन और व्याख्या; आँकड़ों की व्याख्या और प्रयोग तथा नई प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन पर केंद्रित होती हैं। प्रायः ‘स्वर्ण कॉलर’ कहे जाने वाले ये व्यवसाय तृतीयक सेक्टर का एक और उप-विभाग हैं जो वरिष्ठ व्यावसायिक कार्यकारियों, सरकारी अधिकारियों, अनुसंधान वैज्ञानिकों, वित्त एवं विधि परामर्शदाताओं इत्यादि की विशेष और उच्च वेतन वाली कुशलताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्नत अर्थव्यवस्थाओं की संरचना में उनका महत्त्व उनकी संख्या से कहीं अधिक होता है।

बाह्यस्रोतन के परिणामस्वरूप भारत चीन, पूर्वी यूरोप, इस्रायल, फिलीपींस और कोस्टारिका में बड़ी संख्या में काल सेंटर खुले हैं। इससे इन देशों में नए काम उत्पन्न हुए हैं। बाह्यस्रोतन उन देशों में आ रहा है जहाँ सस्ता और कुशल श्रम उपलब्ध है। ये उत्प्रवास वाले देश भी हैं। बाह्यस्रोतन के द्वारा काम उपलब्ध होने पर इन देशों से प्रवास कम हो सकता है। बाह्यस्रोतन वाले देश अपने यहाँ काम तलाश कर रहे युवकों का प्रतिरोध झेल रहे हैं। बाह्यस्रोतन के बने रहने का मुख्य कारण तुलनात्मक लाभ है। पंचक सेवाओं की नवीन प्रवृत्तियों में ज्ञान प्रक्रमण बाह्यस्रोतन (के.पी.ओ.) और ‘होम शोरिंग’ है, जो बाह्यस्रोतन का विकल्प है। ज्ञान प्रकरण बाह्यस्रोतन उद्योग व्यवसाय प्रक्रमण बाह्यस्रोतन (बी.पी.ओ.) से भिन्न है क्योंकि इसमें उच्च कुशलकर्मी सम्मिलित होते हैं। यह सूचना प्रेरित ज्ञान की बाह्यस्रोतन है। ज्ञान प्रकरण बाह्यस्रोतन कंपनियों को अतिरिक्त व्यावसायिक अवसरों को उत्पन्न करने में सक्षम बनाता है। ज्ञान प्रकरण बाह्यस्रोतन के उदाहरणों में अनुसंधान और विकास क्रियाएँ, ई. लर्निंग, व्यवसाय अनुसंधान, बौद्धिक संपदा, अनुसंधान, कानूनी व्यवसाय और बैंकिंग सेक्टर आते हैं।


बाह्यस्रोतन

बाह्यस्रोतन अथवा ठेका देना दक्षता को सुधारने और लागतों को घटाने के लिए किसी बाहरी अभिकरण को काम सौंपना है। जब बाह्यस्रोतन में कार्य समुद्रपार के स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाता है तो इसको अपतरन (आफशोरिंग) कहा जाता है, यद्यपि दोनों अपतरन और बाह्यस्रोतन का प्रयोग इकट्ठा किया जाता है। जिन व्यापारिक क्रियाकलापों को बाह्यस्रोतन किया जाता है उनमें सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन, ग्राहक सहायता और काल सेंटर सेवाएँ और कई बार विनिर्माण तथा अभियांत्रिकी भी सम्मिलित की जाती हैं।

आँकड़ा प्रक्रमण सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित एक सेवा है जिसे आसानी से एशियाई, पूर्वी यूरोपीय और अफ्रीकी देशों में क्रियान्वित किया जा सकता है। इन देशों में विकसित देशों की अपेक्षा कम पारिश्रमिक पर अंग्रेज़ी भाषा में अच्छी निपुणता वाले सूचना प्रौद्योगिकी में कुशल कर्मचारी उपलब्ध हो जाता है। अतः हैदराबाद अथवा मनीला में स्थापित एक कंपनी भौगोलिक सूचना तंत्र की तकनीक पर आधारित परियोजना पर संयुक्त राज्य अमेरिका अथवा जापान जैसे देशों के लिए काम करती है। श्रम संबंधी कार्याें को समुद्रपार क्रियान्वित करने से, चाहे वह भारत, चीन और यहाँ तक कि अफ्रीका का कम सघन जनसंख्या वाला देश बोत्सवाना हो, ऊपरी लागत बहुत कम होती है, जिससे यह सेवा लाभदायक हो जाती है।


819.png 

प्रत्येक रंग-नाम के समक्ष कार्य की प्रवृत्ति का वर्णन कीजिए


212


अंकीय विभाजक

सूचना और संचार प्रौद्योगिकी पर आधारित विकास से मिलने वाले अवसरों का वितरण पूरे ग्लोब पर असमान रूप से वितरित है। देशों में विस्तृत आर्थिक राजनीतिक और सामाजिक भिन्नताएँ पाई जाती हैं। निर्णायक कारक यह है कि कोई देश कितनी शीघ्रता से अपने नागरिकों को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी तक पहुँच और उसके लाभ उपलब्ध करा सकता है। विकसित देश, सामान्य रूप से, इस दिशा में आगे बढ़ गए हैं जबकि विकासशील देश पिछड़ गए हैं और इसी को अंकीय विभाजक कहा जाता है। इसी प्रकार देशों के भीतर अंकीय विभाजक विद्यमान है। उदाहरणतः भारत अथवा रूस जैसे विशाल देश में यह अवश्यंभावी है कि महानगरीय केंद्रों जैसे निश्चित क्षेत्रों में परिधिस्थ ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अंकीय विश्व के साथ बेहतर संबंध तथा पहुँच पाई जाती है।

 

अभ्यास

1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :

(i) निम्नलिखित में से कौन-सा एक तृतीयक क्रियाकलाप है?

(क) खेती (ख) बुनाई

(ग) व्यापार (घ) आखेट

(ii) निम्नलिखित क्रियाकलापों में से कौन-सा एक द्वितीयक सेक्टर का क्रियाकलाप नहीं है?

(क) इस्पात प्रगलन (ख) वस्त्र निर्माण

(ग) मछली पकड़ना (घ) टोकरी बुनना

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक सेक्टर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में सर्वाधिक रोज़गार प्रदान करता है? (क) प्राथमिक (ख) द्वितीयक (ग) पर्यटन (घ) सेवा

(iv) वे काम जिनमें उच्च परिमाण और स्तर वाले अन्वेषण सम्मिलित होते हैं, कहलाते हैं ः

(क) द्वितीयक क्रियाकलाप (ख) पंचम क्रियाकलाप

(ग) चतुर्थ क्रियाकलाप (घ) प्राथमिक क्रियाकलाप

(v) निम्नलिखित में से कौन-सा क्रियाकलाप चतुर्थ सेक्टर से संबंधित है?

(क) संगणक विनिर्माण (ख) विश्वविद्यालयी अध्यापन

(ग) कागज़ और कच्ची लुगदी निर्माण (घ) पुस्तकों का मुद्रण

(vi) निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक सत्य नहीं है?

(क) बाह्यस्रोतन दक्षता को बढ़ाता है और लागतों को घटाता है।

(ख) कभी-कभार अभियांत्रिकी और विनिर्माण कार्याें की भी बाह्यस्रोतन की जा सकती है।

(ग) बी.पी.ओज़ के पास के.पी.ओज़ की तुलना में बेहतर व्यावसायिक अवसर हेाते हैं।

(घ) कामों के बाह्यस्रोतन करने वाले देशो में काम की तलाश करने वालों में असंतोष पाया जाता है।


2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए :

(i) फुटकर व्यापार सेवा को स्पष्ट कीजिए।

(ii) चतुर्थ सेवाओं का वर्णन कीजिए।

(iii) विश्व में चिकित्सा पर्यटन के क्षेत्र में तेज़ी से उभरते हुए देशों के नाम लिखिए।

(iv) अंकीय विभाजक क्या है?


3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक में न दें :

(i) आधुनिक आर्थिक विकास में सेवा सेक्टर की सार्थकता और वृद्धि की चर्चा कीजिए।

(ii) परिवहन और संचार सेवाओं की सार्थकता को विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।

परियोजना/क्रियाकलाप

(i) यदि गम्य है तो निकटतम बी.पी.ओज़ में जाएँ और उसकी गतिविधियों का वर्णन करें।

(ii) यात्रा अभिकर्ता से अपने विदेश जाने हेतु अनिवार्य दस्तावेज़ों का पता लगाएँ।

ch%20wth%20glb%202.tif


NEXT CHAPTER

Search Me Online Using Keywords: - #Abhimanyusir #AbhimanyuDahiya #UltimateGeography Abhimanyu Sir Abhimanyu Dahiya Ultimate Geography

Popular Posts

आंकड़े – स्रोत और संकलन Chapter 1 Class 12 Geography Practical File (Hindi Medium)

Click Below for Chapter 1 Data – Its Source and Compilation (English Medium) NEXT Chapter Chapter 2 आंकड़ों का प्रक्रमण Open Chapter as Pdf Related Video  कक्षा 12 भूगोल की प्रैक्टिकल फाइल कैसे तैयार करें?   How to prepare practical file for class 12 geography? You Can Also Visit...   Class 9 Social Science Chapter wise Solution   Class 10 Social Science Chapter wise Solution   Class 11 GEOGRAPHY Chapter wise Solution   Class 12 GEOGRAPHY Chapter wise Solution   Motivational Stories

Class 12 Geography Maps Solution

Ø Fill up the following Chapter wise Topics on Blank World Political Map CLICK HERE FOR VIDEO MAPS SOLUTION Ch. 4 Primary Activities Areas of subsistence gathering Major areas of nomadic herding of the world Major areas of commercial livestock rearing Major areas of extensive commercial grain faming Major areas of mixed farming of the World CLICK HERE FOR VIDEO MAPS SOLUTION Ch. 7 Transport, Communication and Trade Terminal Stations of  transcontinental railways Terminal Stations of  Trans-Siberian  transcontinental railways  Terminal Stations of  Trans Canadian  railways Terminal Stations of Trans-Australian Railways Major Sea Ports : Europe: North Cape, London, Hamburg North America: Vancouver, San Francisco, New Orleans South America: Rio De Janeiro, Colon, Valparaiso Africa: Suez and Cape Town Asia: Yokohama, Shanghai, Hong Kong, Aden, Karachi, Kolkata Australia: Perth, Sydney, Melbourne Major Airports: Asia: Tokyo, Beijing, Mumbai, Jeddah, Aden Africa: Johannesburg & Nairobi E

कक्षा 12 भूगोल की प्रैक्टिकल फाइल कैसे तैयार करें? How to prepare practical file for class 12 geography?

कक्षा 12 भूगोल की प्रैक्टिकल फाइल कैसे तैयार करें? How to prepare practical file for class 12 geography? कक्षा 12 भूगोल की प्रैक्टिकल फाइल कैसे तैयार करें? Chapter 1 आंकड़े – स्रोत और संकलन (Hindi Medium) Chapter 2 आंकड़ों का प्रक्रमण (Hindi Medium) Chapter 3 आंकड़ों का आलेखी निरूपण (Hindi Medium) Chapter 4 स्थानिक सूचना प्रौद्योगिकी (Hindi Medium) How to prepare practical file for class 12 geography? Chapter 1 Data – Its Source and Compilation (English Medium) Chapter 2 Data Processing (English Medium) Chapter 3 Graphical Representation of Data (English Medium) Chapter 4 Spatial Information Technology (English Medium) Click Below for Class 12th Geography Practical Paper - Important Question Class 12 Geography Practical Sample Paper Related Video कक्षा 12 भूगोल की प्रैक्टिकल फाइल कैसे तैयार करें? How to prepare practical file for class 12 geography? Click Below for How to prepare class 11th Geography Practical file (English Medium) You Can Also Visit  Class 9 Social Science Chapter Wise S

5000+ Geography Questions

Class 9 Geography Maps, Class 11Geography Maps

Visit and Subscribe My YouTube Channel  " Ultimate Geography " Follow me on Facebook  " Abhimanyu Dahiya "   Join My Telegram Group " Ultimate Geography "    Save  💦 Water  , Save Environment,  Save  Earth, Save Life. 💦 जल  है तो कल है।  💦 जल  ही जीवन है। You Can Also Visit  Do You Know Search Me Online Using Keywords  #Abhimanyusir #AbhimanyuDahiya #UltimateGeography Abhimanyu Sir Abhimanyu Dahiya Ultimate Geography