एक व्यक्ति को आयकर अधिनियम, 1961 की अलग-अलग धाराओं के तहत बकाया टैक्स डिमांड का नोटिस मिल सकता है। आमतौर पर एक वेतनभोगी व्यक्ति को छह प्रकार के टैक्स नोटिस मिलते हैं। ये नोटिस आयकर अधिनियम, 1961 की धारा - 143(1), 139(9), 142, 143(2), 148 और 245 के तहत मिल सकते हैं।
सेक्शन 143(1) के तहत टैक्स नोटिस तब भेजा जाता है जब सीपीसी, आयकर विभाग की ओर से आयकर रिटर्न प्रोसेस होने के बाद टैक्स मांग देय होती है। धारा 139(9) का टैक्स नोटिस तब भेजा जाता है जब कोई व्यक्ति दोषपूर्ण आयकर रिटर्न दाखिल करता है। इसमें गलत आईटीआर फॉर्म का इस्तेमाल करके आईटीआर दाखिल करना या टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय हुई कोई अन्य त्रुटि शामिल है। इसी तरह पिछले बकाया बकाए को चालू वर्ष के आयकर रिफंड के साथ समायोजित करने के लिए करदाता को धारा 245 के तहत नोटिस जारी किया जाता है।
सेक्शन 143(1) के तहत टैक्स नोटिस तब भेजा जाता है जब सीपीसी, आयकर विभाग की ओर से आयकर रिटर्न प्रोसेस होने के बाद टैक्स मांग देय होती है। धारा 139(9) का टैक्स नोटिस तब भेजा जाता है जब कोई व्यक्ति दोषपूर्ण आयकर रिटर्न दाखिल करता है। इसमें गलत आईटीआर फॉर्म का इस्तेमाल करके आईटीआर दाखिल करना या टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय हुई कोई अन्य त्रुटि शामिल है। इसी तरह पिछले बकाया बकाए को चालू वर्ष के आयकर रिफंड के साथ समायोजित करने के लिए करदाता को धारा 245 के तहत नोटिस जारी किया जाता है।