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12 फरवरी 2021 को सुबह राजस्थान में 4.3 तीव्रता का और देर रात ताजिकिस्तान में 6.3 Richter Scale से, 13 फरवरी को जापान में 7.1 तीव्रता से भूकंप के झटके महसूस

उत्तर भारत के दिल्ली-NCR, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार, 12 फरवरी 2021 को देर रात 10:31 PM पर भूकंप के झटके महसूस किये गए। नेशनल सेंटर फॉर सेस्मोलॉजी (National Centre for Seismology, NCS) राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र  के मुताबिक, भूकंप का केंद्र ताजिकिस्तान में धरातल से 80 किलोमीटर नीचे था, जहां रात 10:31 बजे 6.3 तीव्रता का भूकंप आया। इसी का असर भारत के कई राज्यों में महसूस किया गया। इस भूकंप के झटके पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी महसूस किए गए। राहत की बात यह रही कि जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।

इससे पहले 12 फरवरी 2021 को ही राजस्‍थान में सुबह 08:01 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जिसमें भूकंप की तीव्रता रिक्‍टर पैमाने पर 4.3 मापी गई थी। जिसमें भूकंप का केंद्र बीकानेर से 420 किलोमीटर उत्‍तर - पश्चिम दिशा में था।

12 फरवरी 2021 को सुबह राजस्थान में और देर रात को ताजिकिस्तान में आए भूकंप, भारतीय भूगर्भीक प्लेट (Indian Tectonic Plate) के पश्चिमी और उत्तर – पश्चिमी किनारे और इसके लगातार उत्तर दिशा में खिसकाव से संबंधित हैं। 
Indian Tectonic Plate लगभग 20 करोड़ वर्षों से लगातार उत्तर – दिशा में खिसक रही है तथा यूरेशियाई भूगर्भीक प्लेट के नीचे धंस रही है। 

आज से लगभग 6 करोड़ साल पहले इसी खिसकाव के कारण दक्कन पठार पर लावा प्रवाह से बेसाल्ट निर्मित काली मिट्टी के प्रदेश का निर्माण हुआ था तथा बाद में लगभग 4 करोड़ वर्ष पहले टेथिस सागर में जमे अवसाद में इन्हीं दोनों प्लेटों (महाद्वीपीय प्लेट से महाद्वीपीय प्लेट के अभिसरण / टकराव, Convergent Plate Boundary) से बृहत हिमालय जैसे नवीन बलित पर्वत का निर्माण हुआ।


भारतीय उपमहाद्वीप में कई जगह भूकंप का खतरा

भारत को भूकंप के खतरे के आधार पर जोन-2, 3, 4 और 5 में बांटा गया है। जोन-2 सबसे कम खतरे वाला और जोन-5 सबसे ज्यादा खतरे वाला जोन माना जाता है।

दक्षिण भारत के ज्यादातर हिस्से सीमित खतरे वाले जोन-2 में आते हैं। 

मध्य भारत भी कम खतरे वाले जोन-3 में आता है। 

वहीं, जोन-4 में जम्मू और कश्मीर का कुछ हिस्सा, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, उत्तर बंगाल, दिल्ली, महाराष्ट्र शामिल हैं। 

जोन-5 में जम्मू-कश्मीर, पश्चिमी और मध्य हिमालय, उत्तर और मध्य बिहार, उत्तर-पूर्व भारत, कच्छ का रण और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह आते हैं।


भूकंप के लिहाज से पाकिस्‍तान भी बेहद संवेदनशील है। पाकिस्तान भूगर्भीय रूप से यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटों को ओवरलैप करता है। पाकिस्‍तान में चमन फाल्ट को सबसे बड़ा खतरा माना जाता है। पाकिस्‍तान में साल 2005 में 7.6 तीव्रता के आए भूकंप में 73 हजार से ज्‍यादा लोगों की मौत हुई थी।


भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर 0 से 10 के बीच मापा जाता है।
5 से ऊपर की तीव्रता वाले के भूकंप अधिक खतरनाक माने जाते हैं। तीव्रता जितनी बढ़ती जाती है, भूकंप से जान – माल का नुकसान अधिक बढ़ता जाता है।
 
जापान में शनिवार 13 फरवरी 2021 को स्थानीय समयानुसार रात 11.08 बजे पूर्वी समुद्री तट पर फ़ुकुशिमा के नज़दीक 7.1 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र प्रशांत महासागर में 54 किलोमीटर की गहराई में था। इसका केंद्र नामी शहर से 70 किलोमीटर दूर था। फ़ुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट नामी शहर में ही है। भूकंप के झटके राजधानी टोक्यो से लेकर देश के दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों तक महसूस किए गए। यह वही इलाक़ा है, जहां मार्च 2011 में भूकंप और सुनामी की वजह से भयंकर तबाही हुई थी और इस घटना में 18,000 से अधिक लोग मारे गए थे