On the occasion of the Independence Day of Sri Lanka - February 4, Let's Know the Political History of Power Sharing in this Unitary Government country and they solve the Religious and Social issues.
श्रीलंका भारत का दक्षिण दिशा में निकटतम पड़ोसी द्वीपीय देश है। यह 4 फरवरी 1948 को ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ। इस राजनीतिक स्वतंत्रता की याद में श्रीलंका में 4 फरवरी का दिन स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा इस दिन प्रति वर्ष राष्ट्रीय अवकाश रहता है। इस दिन मुख्य कार्यक्रम श्रीलंका की राजधानी कोलंबो (Colombo) में मनाए जाते है। देश के राष्ट्रपति ध्वजारोहण (ध्वज चढ़ाना) करते हैं तथा राष्ट्र को सम्बोधित करते हैं, जिसका प्रसारण सम्पूर्ण देश में किया जाता है।
श्रीलंका 22 मई 1972 को गणतन्त्र बना। श्रीलंका का आकार / क्षेत्र 65610 वर्ग कि.मी. है,जो HARYANA के क्षेत्रफल 44212 वर्ग कि.मी. से थोड़ा – सा ज्यादा है अर्थात् श्रीलंका, हरियाणा से थोड़ा – सा बड़ा है। श्रीलंका की जनसंख्या लगभग 2,02,77,597 (HARYANA की जनसंख्या 2.5 करोड़ से थोड़ी –सी कम) है।
श्रीलंका की जातीय व भाषीय बनावट:-
- श्रीलंका की 74 %जनसंख्या सिंहली भाषा बोलती है तथा बहुसंख्यक हैं, अधिकतर सिंहली भाषायी लोग बौद्ध हैं।
- जबकि 18 % जनसंख्या तमिल भाषा बोलती है तथा अल्पसंख्यक हैं। तमिल भाषायी लोगों में कुछ हिन्दू हैं और कुछ मुसलमान हैं।
- शेष 08 % लोग (ईसाई) बहु भाषीय या द्विभाषीय (सिंहली व तमिल भाषा) हैं।
- सिंहली भाषा को
बढ़ावा देना,
- नौकरियों में
सिंहली भाषा बोलने वालों को बढ़ावा देना,
- भारतीय तमिलों की उपेक्षा करना। जैसे - नौकरियों और फायदे के कामों में उनके साथ भेदभाव करना।
- नए संविधान में यह प्रावधान करना कि सरकार बौद्ध धर्म (सिंहली भाषायी लोगों के धर्म) को संरक्षण और बढ़ावा देगी I
2)
इसमें केंद्र सरकार
उच्चतम तथा शक्तिशाली होती है।
3)
राज्य सरकारें, केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में काम करती हैं।
4)
इसमें केंद्र सरकार, राज्य और स्थानीय सरकारों को किसी भी विषय पर आदेश दे
सकती है।
5) राज्य सरकारें, केंद्र सरकार के प्रति जवाबदेह होती है।
6) ब्रिटेन, इटली, जापान, चीन, फ्रांस, श्रीलंका, आदि देशों में एकात्मक सरकारें हैं।
ताकि
- समुदायों में
झगड़ा न हो,
- देश में शांति
रहे,
- देश प्रगति करे,
- कोई समुदाय अपने
आप को अलग ना समझे,
- सबको समान अवसर मिले,
- सामाजिक तनाव न पनपे I