महाद्वीप (Continents) - भूतल के केवल 29.09 प्रतिशत क्षेत्रफल में सारे महाद्वीप स्थित हैं।
विश्व में 7 महाद्वीप हैं जो निम्नलिखित हैं: -
(1) एशिया महाद्वीप - क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रथम, जनसंख्या की दृष्टि से द्वितीय स्थान पर।
(2) अफ्रीका - क्षेत्रफल की दृष्टि से द्वितीय स्थान पर। (The Dark Continent & A Continent of Two Hemispheres)
(3) उत्तरी अमरीका
(4) दक्षिण अमरीका
(5) अंटार्कटिका
(6) यूरोप
(7) ऑस्ट्रेलिया
अफ्रीका महाद्वीप -
💥प्रमुख नगर -
👉किंशासा जायरे की राजधानी और सबसे बड़ा नगर है।
👉नाइजीरिया की पुरानी राजधानी लागोस व नई राजधानी अबुजा है।
विश्व में 7 महाद्वीप हैं जो निम्नलिखित हैं: -
(1) एशिया महाद्वीप - क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रथम, जनसंख्या की दृष्टि से द्वितीय स्थान पर।
(2) अफ्रीका - क्षेत्रफल की दृष्टि से द्वितीय स्थान पर। (The Dark Continent & A Continent of Two Hemispheres)
(3) उत्तरी अमरीका
(4) दक्षिण अमरीका
(5) अंटार्कटिका
(6) यूरोप
(7) ऑस्ट्रेलिया
अफ्रीका महाद्वीप -
👉अफ्रीका विश्व का सबसे प्राचीनतम स्थल भूखण्ड है।
👉यह गोंडवाना लैंड का एक भाग है।
👉यह एशिया के बाद संसार का दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है, जिसका क्षेत्रफल पृथ्वी के क्षेत्रफल का लगभग 20% है।
👉विश्व की लगभग 12% जनसंख्या इस महाद्वीप में निवास करती है।
👉इसे अंध महाद्वीप (The Dark Continent) कहा जाता है।
👉यूरोपवासी डेविड लिविंग्सटन व हेनरी स्टेनल का इस महाद्वीप की खोज में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।
👉यहाँ मुख्यतः नीग्रो, बुशमैन व बान्दु जनजातियाँ निवास करती हैं।
👉यह महाद्वीप 37° उत्तरी अक्षांश से 35° दक्षिणी अक्षांश के मध्य तथा 18° पश्चिमी देशांतर से 53° पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है।
👉यह महाद्वीप 37° उत्तरी अक्षांश से 35° दक्षिणी अक्षांश के मध्य तथा 18° पश्चिमी देशांतर से 53° पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है।
👉यह यूरोप से जिब्राल्टर जलसंधि व भूमध्यसागर द्वारा तथा एशिया से स्वेज नहर, बाब-एव-मंदेव जलसंधि व अरब सागर के द्वारा अलग होता है।
👉इसके दक्षिण-पूर्व में हिन्द महासागर तथा पश्चिम में अटलांटिक महासागर स्थित हैं।
👉विषुवत रेखा या भूमध्य रेखा (Equator), अफ्रीका महाद्वीप के लगभग मध्य से गुजरती है।
👉विषुवत रेखा या भूमध्य रेखा (Equator), अफ्रीका महाद्वीप के लगभग मध्य से गुजरती है।
👉यह महाद्वीप को दो भागों उत्तरी गोलार्द्ध व दक्षिणी गोलार्द्ध में बाँटती है। इसलिए इसे "A continent of Two Hemispheres" कहते हैं।
👉अफ्रीका महाद्वीप ही एकमात्र ऐसा महाद्वीप है जिसमें से तीनों महत्त्वपूर्ण अक्षांश रेखाएं, विषुवत रेखा, कर्क रेखा और मकर रेखा गुजरती है।
👉इस कारण इस महाद्वीप का अधिकांश क्षेत्र उष्ण कटिबंध में स्थित है।
👉भूमध्यरेखा अफ्रीका के मध्य से गुजरने के कारण अफ्रीका में दोनों गोलाद्धों (उत्तरी व दक्षिणी गोलाद्धों) में मिलने वाली जलवायु पायी जाती है। 👉कर्क व मकर रेखा के मध्य स्थित अफ्रीका के 75 प्रतिशत भाग में उष्ण कटिबंधीय जलवायु पायी जाती है।
👉भूमध्यरेखा अफ्रीका के मध्य से गुजरने के कारण अफ्रीका में दोनों गोलाद्धों (उत्तरी व दक्षिणी गोलाद्धों) में मिलने वाली जलवायु पायी जाती है। 👉कर्क व मकर रेखा के मध्य स्थित अफ्रीका के 75 प्रतिशत भाग में उष्ण कटिबंधीय जलवायु पायी जाती है।
👉यहाँ सूर्य की किरणें सीधी पड़ने से मध्यवर्ती व तटीय भागों में वर्ष भर अत्यधिक गर्मी व वर्षा होती है।
👉दक्षिण अफ्रीका के पठारी भाग में ऊँचाई के कारण कम तापमान पाए जाने से यहाँ शीतोष्ण जलवायु पाई जाती है।
👉अफ्रीका में व्यापारिक पवनों का प्रवाह वर्ष भर रहता है।
👉इन पवनों से पूर्वी तटों पर वर्षा होती है।
👉भूमध्यरेखीय प्रदेशों में वर्षभर संवहनीय वर्षा सर्वाधिक होती है।
👉कांगो बेसिन व गिनी तट पर सर्वाधिक वर्षा होती है।
💥अफ्रीका के प्रमुख पर्वत: -
(1) किलीमंजारो (5895 मीटर ऊँचा) - यह अफ्रीका की सबसे ऊँची पर्वत चोटी है जो तंजानिया में है।
(2) केन्या पर्वत या किरियांग पर्वत - केन्या में स्थित यह अफ्रीका की दूसरी सबसे ऊँची पर्वत चोटी है।
(3) एटलस पर्वत - अफ्रीका के उत्तरी पश्चिमी भाग में से पर्वत मोरक्को, अल्जीरिया व ट्यूनिशिया में फैले हुए हैं।
(4) ड्रेकेंसबर्ग पर्वत – यह पर्वत दक्षिण अफ्रीका में विस्तृत है।
(5) कैमरून पर्वत - ये पर्वत पश्चिम अफ्रीका में कैमरून में स्थित है।
👉अफ्रीका की महान भू-भ्रंश घाटी (Great Rift Valley ) : भूमि में दरार या धंश पड़ने से बनी लम्बी व गहरी घाटियां, जिनके दोनों किनारे दीवार की तरह सीधे खड़े ढाल वाले होते हैं, भू-भ्रंश घाटी कहलाती है। 6900 किमी. लम्बी यह महान भू-भ्रंश घाटी अफ्रीका का एक विशेष भौतिक लक्षण है। यह घाटी मलाबी झील के दक्षिण से उत्तर में लाल सागर, स्वेज की खाड़ी और अकाया की खाड़ी से होती हुई मृतसागर तक चली गई है।
👉अफ्रीका का झीलें - अफ्रीका की प्रमुख झीलें महाद्वीप के पूर्वी भाग में पाई जाती है। इनकी उत्पत्ति का सीधा संबंध रिफ्ट एवं भ्रंशों से है।
💥अफ्रीका की प्रमुख झीलें निम्न हैं-
(1) विक्टोरिया झील - यह अफ्रीका की सबसे बड़ी झील है जो केन्या, युगान्डा और तंजानिया की सीमा पर स्थित है। इस झील से नील नदी निकलती है। विक्टोरिया की उत्तरी सीमा से भूमध्य रेखा गुजरती है।
(2) टांगानिका झील – तंजानिया, कांगो, बुरुंडी व जाम्बिया की सीमा पर स्थित यह झील अफ्रीका की सबसे गहरी व दूसरी सबसे बड़ी झील है।
(3) मलावी झील (न्यासा झील) - तंजानिया मलामी जाम्बिक की सीमा पर स्थित झील।
(4) रूडोल्फ झील - इथोपिया के दक्षिण में केन्या की उत्तरी सीमा पर स्थित झील जहाँ से महान भू-भ्रंश दो भागों में विभाजित हो जाती है।
(5) करीबा झील - जाम्बिया जिम्बाब्बे की सीमा पर स्थित झील।
(6) चाड झील – नाइजर, नाइजीरिया व चाड की सीमा पर स्थित झील।
(7) नासिर झील - मिस्र सूडान की सीमा पर स्थित झील जिसके पास आसवान बाँध बना हुआ है।
(8) टोना झोल - इथोपिया में स्थित झील जिससे ब्लू नील नदी निकलती है।
💥अफ्रीका की नदियाँ -
(i) नील नदी - यह विश्व की सबसे लम्बी (6650 किमी. लम्बी ) नदी है जो विक्टोरिया झील से निकलकर युगांडा, सूडान व मिस्र में बहकर भूमध्य सागर में गिरती है। इसकी सहायक ब्लू नील नदी इथोपिया की टोना झील से निकलकर खार्तूम में नील नदी से मिलती है। मिस्र की राजधानी काहिरा व सूडान की राजधानी खार्तूम इसी नदी पर स्थित हैं। मिस्र में नील नदी पर आसवान बाँध तथा सूडान में सन्तार बाँध व रोसोरस बाँध बने हुए हैं। जोंगली नहर, ब्लू नील नदी में पानी के बहाव को बनाए रखने के लिए सफेद नील नदी से निकाली गई नहर है।
(ii) कांगो या जायरे नदी - यह अफ्रीका की दूसरी सबसे बड़ी नदी है। इसका अपवाह क्षेत्र नील नदी से भी बड़ा है। भूमध्य रेखा को दो बार पार करने वाली यह नदी मध्य अफ्रीका में है जो दक्षिण अटलांटिक महासागर में गिरती है। इस नदी पर स्टेनले जल प्रपात स्थित है। यह पानी की सर्वाधिक मात्रा वाला जलप्रपात है। इस नदी को इसके अंतिम भाग में कांगो नाम से भी जाना जाता है। अफ्रीका की नदियों में सबसे अधिक जल यही नदी बहाकर ले जाती है। जायरे की राजधानी किंशासा व कांगों की राजधानी ब्राजीविले इस पर स्थित है। इस नदी को 'मध्य अफ्रीका का हाइवे' कहा जाता है। कांगो नदी के बेसिन में सवाना घास के मैदान व मैंग्रोव वनस्पति पाई जाती है। इस नदी पर लिविंगस्टोन जल प्रपात भी स्थित है। जायरे नदी पर दूंगा बाँध बना हुआ है।
(iii) नाइजर नदी - यह पश्चिम अफ्रीका में गिनी के लोमा पर्वत से निकलकर माली, नाइजर व नाइजीरिया में बहकर गिनी की खाड़ी में गिरती है। नाइजीरिया में नाइजर नदी पर कँजी बाँध बना हुआ है।
(iv) जेबेंजी नदी : यह नदी अंगोला के पठार से निकल कर अंगोला, जाम्बिया, जिम्बाब्वे व मोजाम्बिक में बहकर हिन्द महासागर में मोजाम्बिक चैनल में गिरती है। जाम्बिया व जिम्बाब्वे की सीमा पर इस नदी पर विक्टोरिया जल प्रपात स्थित है जो अफ्रीका का सबसे ऊँचा जलप्रपात तथा विश्व का सबसे बड़ा जलप्रपात (Largest water fall) है। करीबा बाँध इसी नदी पर करीबा झील के निकट बना हुआ है।
(v) ऑरेंज नदी - अफ्रीका के दक्षिण पूर्व में ड्रेकेन्सबर्ग पर्वत से निकलकर यह नदी द. अफ्रीका में बहकर दक्षिण अफ्रीका व नामीबिया की सीमा बनाती हुई दक्षिण अटलांटिक महासागर में गिरती है।
(vi) लिम्पूपू नदी - यह दक्षिण अफ्रीका व जिम्बावे की सीमा बनाती हुई मोजाम्बिक में बहकर हिन्द महासागर में गिरती है।
👉अफ्रीका के मरुस्थल - अफ्रीका का लगभग 1/3 भाग महस्थल है। इसके मुख्य मरुस्थल निम्न हैं-
(i) सहारा - यह संसार का सबसे बड़ा, लगभग 84 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ मरुस्थल है, जो अफ्रीका के उत्तरी भाग में स्थित है।
(ii) कालाहारी – बोत्स्वाना, नामीबिया व दक्षिण अफ्रीका में विस्तृत कालाहारी, अफ्रीका महाद्वीप का दूसरा प्रमुख मरुस्थल है।
(iii) नामिब मरुस्थल - यह नामीबिया के पश्चिम में अटलांटिक महासागर के तटीय प्रदेश में फैला हुआ है।
(iv) न्यूबियन मरुस्थल - सूडान में स्थित है।
(v) लीबिया का मरुस्थल - लीबिया में स्थित है।
👉प्रमुख खनिज -
सोना - विश्व में सोना सर्वाधिक दक्षिण अफ्रीका से (21%) निकाला जाता है। सोने की खाने जोहान्सबर्ग में है। यहाँ सोने की मुख्य खान विट्वाटर्सरेड (Witwatersrand ) है ।
हीरा - दक्षिण अफ्रीका में विश्व में हीरा भी सर्वाधिक निकाला जाता है। किंबरले हीरे की खानों का केन्द्र है। किंबरले में विश्व की सबसे बड़ी हीरे को खान है। यह हीरे की प्रसिद्ध मंडी है। विश्व में हीरों के कुल उत्पादन का अधिकांश भाग अफ्रीका से मिलता है। जायरे औद्योगिक हीरो के उत्पादन में अग्रणी है।
बॉक्साइट - गिनी में बॉक्साइट के विश्व में सर्वाधिक भंडार (1/3) हैं। इसके उत्पादन की दृष्टि से विश्व में आस्ट्रेलिया के बाद गिनी का दूसरा स्थान है।
मैंगनीज - मध्य अफ्रीका देश गेबोन के शहर मोअंडा में संसार के सबसे बड़े मँगनीज के भंडार है। द. अफ्रीका, मैंगनीज का विश्व में तीसरा बड़ा उत्पादक देश है।
टेन्टेलाइट - विश्व का लगभग 2/3 टेन्टेलाईट मोजाम्बिक में निकाला जाता है।
कोलम्बाइट - नाइजीरिया विश्व में कोलम्बाइट खनिज का महत्त्वपूर्ण उत्पादक है। कोलम्बाइट टिन के साथ मिलता है। अकेला पश्चिमी अफ्रीका विश्व के सम्पूर्ण कोलम्बाइट का लगभग 84% उत्पन्न करता है।
यूरेनियम - दक्षिण अफ्रीका का 'ऑरेन्ज फ्री स्टेट' यूरेनियम के लिए विख्यात है।
👉मध्य अफ्रीका का विस्तृत भू-भाग घने वनों से ढंका है। यहाँ सदाबहार विषुवतीय वन पाए जाते हैं। इनें महोगनी, आबनूस और शाल्मली (कैपॉक) जैसे अनेक मूल्यवान वृक्ष पाए जाते हैं। अफ्रीका में मुख्यतः निम्न वृक्ष मिलते हैं।
👉नारियल - नारियल के वृक्ष विषुवत वृत्त के निकटस्थ द्वीपों जैसे जंजीबार और पेंवा में तथा तंजानिया के समुद्र तटीय भागों में मिलते हैं।
👉ताड़ - पश्चिमी अफ्रीका में नाइजीरिया में ताड़ के वृक्ष बहुत पाए जाते हैं। ताड़ के तेल और गिरी तथा मूंगफली के निर्यात में नाइजीरिया का विश्व में प्रथम स्थान है।
👉खजूर - खजूर मरुद्यानों और शुष्क भागों में पाया जाता है। मिल में भारी मात्रा में खजूर का निर्यात किया जाता है। कोको के वृक्षों से कोको प्राप्त होता है। कहवे के समान कोको भी एक लोकप्रिय पेय है। इससे चाकलेट भी बनती है। कोको अफ्रीका की एक महत्त्वपूर्ण नकदी फसल है। पश्चिमी अफ्रीका देश कोटे डी आइवरी (आइवरी कोस्ट) का कोको उत्पादन व निर्यात में विश्व में प्रथम स्थान है।
👉लौंग - जंजीबार और पेंवा द्वीप संसार के सर्वाधिक लॉंग (लगभग 90% ) का उत्पादन करते हैं। यहाँ से इनका निर्यात भी सर्वाधिक होता है।
👉सिसल - अफ्रीका सिसल का सबसे बड़ा निर्यातक है। केन्या में सिसल सर्वाधिक उत्पन्न होता है।
👉अफ्रीका की प्रमुख फसलें -
कपास - लम्बे रेशे वाली कपास मिस्र की मुख्य नकदी फसल है। मिस्र की कपास अपनी उत्तमता के लिए सारे संसार मे प्रसिद्ध है। नील नदी का डेल्टा व तटवर्ती क्षेत्र मिस्र में कपास उत्पादन के मुख्य क्षेत्र है।
मूँगफली - पश्चिमी अफ्रीका के नाइजीरिया व सेनेगल देशों में मूँगफली का उत्पादन अधिक होता है। बड़े आकार का और तेज दौड़ने वाला पक्षी शुतुरमुर्ग कालाहारी मरुस्थल में पाया जाता है।
👉अफ्रीका के प्रमुख द्वीप -
(1) मेडागास्कर - मेडागास्कर की खोज 1500 ई. में एक पुर्तगाली नागरिक डियागो डायर द्वारा कीमका के समीप हिन्द महासागार में स्थित एक द्वीप है, जो अफ्रीका तट से मोजाम्बिका होता है। यह अफ्रीका का सबसे बड़ा द्वीप व विश्व का चौथा सबसे बड़ा द्वीप है।
(2) जंजीबार और पेंना द्वीप - तंजानिया के पूर्वी भाग में हिन्द महासागर में स्थित ये द्वीप संसार में सर्वाधिक उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। ये तंजानिया के भाग है।
(3) उत्तरी अटलांटिक महासागर में कैनेरी केप वर्डे तथा मंदीरा द्वीप समूह तथा दक्षिणी अटलांटिक महासागर सेंट हेलेना (UK) तथा गिनी की खाड़ी में सायटोमे तथा प्रिसेंप द्वीप स्थित है।
(4) मॉरीशस, रियूनियन, सेशल्स तथा कॉमरोस द. पूर्वी भाग में स्थित अफ्रीका के अन्य मुख्यद्वीप हैं।
👉मानवीय संसाधन -
महाद्वीप के अल्प विकसित देशों में तीव्र गति से जनसंख्या में वृद्धि हो रही है। विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या दर अफ्रीका में देखी गई है। इस महाद्वीप को जनसंख्या घनत्व के आधार पर तीन भागों में बाँटा गया है -
1. उच्च जनसंख्या घनत्व क्षेत्र - भूमध्यसागरीय तटीय प्रदेश, नील नदी घाटी क्षेत्र, एटलस पर्वत के तटवर्ती भाग पठारी प्रदेश। नाइजीरिया (ताड़तेल का देश) अफ्रीका का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है।
2. अल्प जनसंख्या घनत्व क्षेत्र - नील नदी घाटी का निचला भाग, जॅम्बेजी नदी का भाग, मिठ
3. जनशून्य क्षेत्र - सहारा के दक्षिण में स्थित अफ्रीका का अधिकांश भाग ।
💦महत्त्वपूर्ण तथ्य -
(1) किलीमंजारो (5895 मीटर ऊँचा) - यह अफ्रीका की सबसे ऊँची पर्वत चोटी है जो तंजानिया में है।
(2) केन्या पर्वत या किरियांग पर्वत - केन्या में स्थित यह अफ्रीका की दूसरी सबसे ऊँची पर्वत चोटी है।
(3) एटलस पर्वत - अफ्रीका के उत्तरी पश्चिमी भाग में से पर्वत मोरक्को, अल्जीरिया व ट्यूनिशिया में फैले हुए हैं।
(4) ड्रेकेंसबर्ग पर्वत – यह पर्वत दक्षिण अफ्रीका में विस्तृत है।
(5) कैमरून पर्वत - ये पर्वत पश्चिम अफ्रीका में कैमरून में स्थित है।
👉अफ्रीका की महान भू-भ्रंश घाटी (Great Rift Valley ) : भूमि में दरार या धंश पड़ने से बनी लम्बी व गहरी घाटियां, जिनके दोनों किनारे दीवार की तरह सीधे खड़े ढाल वाले होते हैं, भू-भ्रंश घाटी कहलाती है। 6900 किमी. लम्बी यह महान भू-भ्रंश घाटी अफ्रीका का एक विशेष भौतिक लक्षण है। यह घाटी मलाबी झील के दक्षिण से उत्तर में लाल सागर, स्वेज की खाड़ी और अकाया की खाड़ी से होती हुई मृतसागर तक चली गई है।
👉अफ्रीका का झीलें - अफ्रीका की प्रमुख झीलें महाद्वीप के पूर्वी भाग में पाई जाती है। इनकी उत्पत्ति का सीधा संबंध रिफ्ट एवं भ्रंशों से है।
💥अफ्रीका की प्रमुख झीलें निम्न हैं-
(1) विक्टोरिया झील - यह अफ्रीका की सबसे बड़ी झील है जो केन्या, युगान्डा और तंजानिया की सीमा पर स्थित है। इस झील से नील नदी निकलती है। विक्टोरिया की उत्तरी सीमा से भूमध्य रेखा गुजरती है।
(2) टांगानिका झील – तंजानिया, कांगो, बुरुंडी व जाम्बिया की सीमा पर स्थित यह झील अफ्रीका की सबसे गहरी व दूसरी सबसे बड़ी झील है।
(3) मलावी झील (न्यासा झील) - तंजानिया मलामी जाम्बिक की सीमा पर स्थित झील।
(4) रूडोल्फ झील - इथोपिया के दक्षिण में केन्या की उत्तरी सीमा पर स्थित झील जहाँ से महान भू-भ्रंश दो भागों में विभाजित हो जाती है।
(5) करीबा झील - जाम्बिया जिम्बाब्बे की सीमा पर स्थित झील।
(6) चाड झील – नाइजर, नाइजीरिया व चाड की सीमा पर स्थित झील।
(7) नासिर झील - मिस्र सूडान की सीमा पर स्थित झील जिसके पास आसवान बाँध बना हुआ है।
(8) टोना झोल - इथोपिया में स्थित झील जिससे ब्लू नील नदी निकलती है।
💥अफ्रीका की नदियाँ -
(i) नील नदी - यह विश्व की सबसे लम्बी (6650 किमी. लम्बी ) नदी है जो विक्टोरिया झील से निकलकर युगांडा, सूडान व मिस्र में बहकर भूमध्य सागर में गिरती है। इसकी सहायक ब्लू नील नदी इथोपिया की टोना झील से निकलकर खार्तूम में नील नदी से मिलती है। मिस्र की राजधानी काहिरा व सूडान की राजधानी खार्तूम इसी नदी पर स्थित हैं। मिस्र में नील नदी पर आसवान बाँध तथा सूडान में सन्तार बाँध व रोसोरस बाँध बने हुए हैं। जोंगली नहर, ब्लू नील नदी में पानी के बहाव को बनाए रखने के लिए सफेद नील नदी से निकाली गई नहर है।
(ii) कांगो या जायरे नदी - यह अफ्रीका की दूसरी सबसे बड़ी नदी है। इसका अपवाह क्षेत्र नील नदी से भी बड़ा है। भूमध्य रेखा को दो बार पार करने वाली यह नदी मध्य अफ्रीका में है जो दक्षिण अटलांटिक महासागर में गिरती है। इस नदी पर स्टेनले जल प्रपात स्थित है। यह पानी की सर्वाधिक मात्रा वाला जलप्रपात है। इस नदी को इसके अंतिम भाग में कांगो नाम से भी जाना जाता है। अफ्रीका की नदियों में सबसे अधिक जल यही नदी बहाकर ले जाती है। जायरे की राजधानी किंशासा व कांगों की राजधानी ब्राजीविले इस पर स्थित है। इस नदी को 'मध्य अफ्रीका का हाइवे' कहा जाता है। कांगो नदी के बेसिन में सवाना घास के मैदान व मैंग्रोव वनस्पति पाई जाती है। इस नदी पर लिविंगस्टोन जल प्रपात भी स्थित है। जायरे नदी पर दूंगा बाँध बना हुआ है।
(iii) नाइजर नदी - यह पश्चिम अफ्रीका में गिनी के लोमा पर्वत से निकलकर माली, नाइजर व नाइजीरिया में बहकर गिनी की खाड़ी में गिरती है। नाइजीरिया में नाइजर नदी पर कँजी बाँध बना हुआ है।
(iv) जेबेंजी नदी : यह नदी अंगोला के पठार से निकल कर अंगोला, जाम्बिया, जिम्बाब्वे व मोजाम्बिक में बहकर हिन्द महासागर में मोजाम्बिक चैनल में गिरती है। जाम्बिया व जिम्बाब्वे की सीमा पर इस नदी पर विक्टोरिया जल प्रपात स्थित है जो अफ्रीका का सबसे ऊँचा जलप्रपात तथा विश्व का सबसे बड़ा जलप्रपात (Largest water fall) है। करीबा बाँध इसी नदी पर करीबा झील के निकट बना हुआ है।
(v) ऑरेंज नदी - अफ्रीका के दक्षिण पूर्व में ड्रेकेन्सबर्ग पर्वत से निकलकर यह नदी द. अफ्रीका में बहकर दक्षिण अफ्रीका व नामीबिया की सीमा बनाती हुई दक्षिण अटलांटिक महासागर में गिरती है।
(vi) लिम्पूपू नदी - यह दक्षिण अफ्रीका व जिम्बावे की सीमा बनाती हुई मोजाम्बिक में बहकर हिन्द महासागर में गिरती है।
👉अफ्रीका के मरुस्थल - अफ्रीका का लगभग 1/3 भाग महस्थल है। इसके मुख्य मरुस्थल निम्न हैं-
(i) सहारा - यह संसार का सबसे बड़ा, लगभग 84 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ मरुस्थल है, जो अफ्रीका के उत्तरी भाग में स्थित है।
(ii) कालाहारी – बोत्स्वाना, नामीबिया व दक्षिण अफ्रीका में विस्तृत कालाहारी, अफ्रीका महाद्वीप का दूसरा प्रमुख मरुस्थल है।
(iii) नामिब मरुस्थल - यह नामीबिया के पश्चिम में अटलांटिक महासागर के तटीय प्रदेश में फैला हुआ है।
(iv) न्यूबियन मरुस्थल - सूडान में स्थित है।
(v) लीबिया का मरुस्थल - लीबिया में स्थित है।
👉प्रमुख खनिज -
सोना - विश्व में सोना सर्वाधिक दक्षिण अफ्रीका से (21%) निकाला जाता है। सोने की खाने जोहान्सबर्ग में है। यहाँ सोने की मुख्य खान विट्वाटर्सरेड (Witwatersrand ) है ।
हीरा - दक्षिण अफ्रीका में विश्व में हीरा भी सर्वाधिक निकाला जाता है। किंबरले हीरे की खानों का केन्द्र है। किंबरले में विश्व की सबसे बड़ी हीरे को खान है। यह हीरे की प्रसिद्ध मंडी है। विश्व में हीरों के कुल उत्पादन का अधिकांश भाग अफ्रीका से मिलता है। जायरे औद्योगिक हीरो के उत्पादन में अग्रणी है।
बॉक्साइट - गिनी में बॉक्साइट के विश्व में सर्वाधिक भंडार (1/3) हैं। इसके उत्पादन की दृष्टि से विश्व में आस्ट्रेलिया के बाद गिनी का दूसरा स्थान है।
मैंगनीज - मध्य अफ्रीका देश गेबोन के शहर मोअंडा में संसार के सबसे बड़े मँगनीज के भंडार है। द. अफ्रीका, मैंगनीज का विश्व में तीसरा बड़ा उत्पादक देश है।
टेन्टेलाइट - विश्व का लगभग 2/3 टेन्टेलाईट मोजाम्बिक में निकाला जाता है।
कोलम्बाइट - नाइजीरिया विश्व में कोलम्बाइट खनिज का महत्त्वपूर्ण उत्पादक है। कोलम्बाइट टिन के साथ मिलता है। अकेला पश्चिमी अफ्रीका विश्व के सम्पूर्ण कोलम्बाइट का लगभग 84% उत्पन्न करता है।
यूरेनियम - दक्षिण अफ्रीका का 'ऑरेन्ज फ्री स्टेट' यूरेनियम के लिए विख्यात है।
👉मध्य अफ्रीका का विस्तृत भू-भाग घने वनों से ढंका है। यहाँ सदाबहार विषुवतीय वन पाए जाते हैं। इनें महोगनी, आबनूस और शाल्मली (कैपॉक) जैसे अनेक मूल्यवान वृक्ष पाए जाते हैं। अफ्रीका में मुख्यतः निम्न वृक्ष मिलते हैं।
👉नारियल - नारियल के वृक्ष विषुवत वृत्त के निकटस्थ द्वीपों जैसे जंजीबार और पेंवा में तथा तंजानिया के समुद्र तटीय भागों में मिलते हैं।
👉ताड़ - पश्चिमी अफ्रीका में नाइजीरिया में ताड़ के वृक्ष बहुत पाए जाते हैं। ताड़ के तेल और गिरी तथा मूंगफली के निर्यात में नाइजीरिया का विश्व में प्रथम स्थान है।
👉खजूर - खजूर मरुद्यानों और शुष्क भागों में पाया जाता है। मिल में भारी मात्रा में खजूर का निर्यात किया जाता है। कोको के वृक्षों से कोको प्राप्त होता है। कहवे के समान कोको भी एक लोकप्रिय पेय है। इससे चाकलेट भी बनती है। कोको अफ्रीका की एक महत्त्वपूर्ण नकदी फसल है। पश्चिमी अफ्रीका देश कोटे डी आइवरी (आइवरी कोस्ट) का कोको उत्पादन व निर्यात में विश्व में प्रथम स्थान है।
👉लौंग - जंजीबार और पेंवा द्वीप संसार के सर्वाधिक लॉंग (लगभग 90% ) का उत्पादन करते हैं। यहाँ से इनका निर्यात भी सर्वाधिक होता है।
👉सिसल - अफ्रीका सिसल का सबसे बड़ा निर्यातक है। केन्या में सिसल सर्वाधिक उत्पन्न होता है।
👉अफ्रीका की प्रमुख फसलें -
कपास - लम्बे रेशे वाली कपास मिस्र की मुख्य नकदी फसल है। मिस्र की कपास अपनी उत्तमता के लिए सारे संसार मे प्रसिद्ध है। नील नदी का डेल्टा व तटवर्ती क्षेत्र मिस्र में कपास उत्पादन के मुख्य क्षेत्र है।
मूँगफली - पश्चिमी अफ्रीका के नाइजीरिया व सेनेगल देशों में मूँगफली का उत्पादन अधिक होता है। बड़े आकार का और तेज दौड़ने वाला पक्षी शुतुरमुर्ग कालाहारी मरुस्थल में पाया जाता है।
👉अफ्रीका के प्रमुख द्वीप -
(1) मेडागास्कर - मेडागास्कर की खोज 1500 ई. में एक पुर्तगाली नागरिक डियागो डायर द्वारा कीमका के समीप हिन्द महासागार में स्थित एक द्वीप है, जो अफ्रीका तट से मोजाम्बिका होता है। यह अफ्रीका का सबसे बड़ा द्वीप व विश्व का चौथा सबसे बड़ा द्वीप है।
(2) जंजीबार और पेंना द्वीप - तंजानिया के पूर्वी भाग में हिन्द महासागर में स्थित ये द्वीप संसार में सर्वाधिक उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। ये तंजानिया के भाग है।
(3) उत्तरी अटलांटिक महासागर में कैनेरी केप वर्डे तथा मंदीरा द्वीप समूह तथा दक्षिणी अटलांटिक महासागर सेंट हेलेना (UK) तथा गिनी की खाड़ी में सायटोमे तथा प्रिसेंप द्वीप स्थित है।
(4) मॉरीशस, रियूनियन, सेशल्स तथा कॉमरोस द. पूर्वी भाग में स्थित अफ्रीका के अन्य मुख्यद्वीप हैं।
👉मानवीय संसाधन -
महाद्वीप के अल्प विकसित देशों में तीव्र गति से जनसंख्या में वृद्धि हो रही है। विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या दर अफ्रीका में देखी गई है। इस महाद्वीप को जनसंख्या घनत्व के आधार पर तीन भागों में बाँटा गया है -
1. उच्च जनसंख्या घनत्व क्षेत्र - भूमध्यसागरीय तटीय प्रदेश, नील नदी घाटी क्षेत्र, एटलस पर्वत के तटवर्ती भाग पठारी प्रदेश। नाइजीरिया (ताड़तेल का देश) अफ्रीका का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है।
2. अल्प जनसंख्या घनत्व क्षेत्र - नील नदी घाटी का निचला भाग, जॅम्बेजी नदी का भाग, मिठ
3. जनशून्य क्षेत्र - सहारा के दक्षिण में स्थित अफ्रीका का अधिकांश भाग ।
💦महत्त्वपूर्ण तथ्य -
👉नृविज्ञानियों के अनुसार होमो सैपियन्स मानव का जन्म सबसे पहले अफ्रीका महाद्वीप में विक्टोरिया झील के पूर्व में स्थित केन्या व इथोपिया में हुआ।
👉संसार में सबसे ऊँचा तापमान 58° से. लीबिया के अल अजीजिया नामक स्थान पर दर्ज किया गया है।
👉संसार में सबसे ऊँचा तापमान 58° से. लीबिया के अल अजीजिया नामक स्थान पर दर्ज किया गया है।
👉अफ्रीका में सवाना घास के मैदान पाए जाते हैं। सवाना का विस्तार नाइजर नदी से अबीसीनिया के पठार तक तथा पूर्वी अफ्रीका से तंजानिया, जिम्बाव्वे, जाम्बिया व अंगोला तक है।
👉अफ्रीका का अधिकांश भाग उष्ण कटिबंध में फैला है।
👉सब महाद्वीपों में उष्ण कटिबंधीय परिस्थितियों का सबसे ज्यादा विस्तार अफ्रीका महाद्वीप में ही है। अतः यहाँ लगभग सारे साल ही ऊँचा तापमान रहता है।
👉अफ्रीका के उत्तरी और दक्षिणी तटीय प्रदेशों में भूमध्य सागरीय जलवायु पाई जाती है। यहाँ वर्षा शीत ऋतु में ही है और ग्रीष्म ऋतु शुष्क होती है। इसके उत्तर में जोस का पठार है।
👉नाइजर यहाँ की मुख्य नदी है।
👉मिस्र दो महाद्वीपों, एशिया और अफ्रीका के संगम पर स्थित है। मिस्र का थोड़ा सा भाग एशिया महाद्वीप में है।
👉मिस्र को 'नील नदी का उपहार' भी कहते हैं।
👉अफ्रीका में स्वाहिली भाषा अधिक बोली जाती है।
👉जायरे में नीनो लोगों द्वारा मुख्यतः बन्तु भाषा बोली जाती है।
👉मध्यवर्ती अफ्रीका में टिसटिस नामक घातक मधुमक्खी पायी जाती है। 👉ग्रीष्म ऋतु में दक्षिण की और से चलने वाली गर्म, शुष्क व भूल भरी हवाओं को मिस्र में 'खमसिन' कहते हैं।
👉लाइबेरिया में दिसम्बर माह में चलने वाली धूलभरी हवाओं को 'डॉक्टर' कहते हैं।
👉यहाँ ग्रीष्म ऋतु में गर्म और धूल भरी हवाएं चलती है जिन्हें हरमटन कहते हैं।
👉दक्षिण अफ्रीकी पठार के पूर्वी किनारे पर डॅकेंसबर्ग पर्वतमाला फैली हुई।
👉आरंज और बाल नदियाँ इस पर्वतमाला से निकलती है।
👉दक्षिण अफ्रीका के पठारी प्रदेश में वेल्डस घास के मैदान पाए जाते हैं। 👉दक्षिणी अफ्रीका में भी मेरीनो भेड़ पाली जाती है।
👉विश्व में ऊन के निर्यातक देशों में दक्षिण अफ्रीका का आस्ट्रेलिया के प्रिटोरिया दक्षिण अफ्रीका को प्रशासनिक राजधानी है पर इसकी राजनैतिक राजधानी केपटाऊन में है। केपटाउन बाद दूसरा स्थान है।
👉सिराको : अल्जीरिया में गर्मियों में चलने वाली तेज गर्म हवाएँ।
👉गिबली : लीबिया में तीव्र गति से चलने वाली स्थानीय गर्म हवा ।
👉मिस्र के किसान को फैल्लाह कहते हैं।
👉गिबली : लीबिया में तीव्र गति से चलने वाली स्थानीय गर्म हवा ।
👉मिस्र के किसान को फैल्लाह कहते हैं।
👉अल-काहिरा मिस्र की राजधानी है। यह अफ्रीका महाद्वीप का सबसे बड़ा नगर है।
👉विश्व प्रसिद्ध पिरामिड तथा स्फिंक्स काहिरा के निकट ही है।
👉मिस्र में 3100 ई. पू. में 'फराओ' सम्राटों का शासन था ।
👉मिस्र, नाइजीरिया के बाद अफ्रीका का सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है। मिस्र को नदी मरुभूमि (River Oasis) के नाम से भी जाना जाता है।
👉रंगभेद की नीति (Apartheid ): जाति और रंग के आधार पर भेद करने की नीति। यह दक्षिण अफ्रीका में प्रचलित थी।
👉रंगभेद की नीति (Apartheid ): जाति और रंग के आधार पर भेद करने की नीति। यह दक्षिण अफ्रीका में प्रचलित थी।
👉जूलू और खोसा जनजाति दक्षिण अफ्रीका में रहती है।
👉आइवरी कोस्ट व लाइबेरिया में कुरू जनजाति एवं नामीबिया में खोई और बुशमैन जनजाति निवास करती है।
👉सोमालिया अफ्रीका के पूर्व में 'हॉर्न ऑफ अफ्रीका' में स्थित है।
👉स्वेज नहर - 162 किमी. लम्बी यह नहर 1869 में फ्रांसिसी इंजीनियर फर्डिनेन्ड डी लेसेप्स के नेतृत्व के में बनकर तैयार हुई। मिस्र में स्थित यह नहर भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है। यह नहर अफ्रीका और एशिया को जोड़ने वाली स्थलसंधि को काटकर बनाई गई। इसके उत्तरी सिरे पर पोर्ट सईद तथा दक्षिणी सिरे पर स्वेज नगर स्थित है। दक्षिण अफ्रीका एक और अटलांटिक महासागर व दूसरी ओर से हिन्द महासागर से घिरा हुआ है।
👉सोमालिया अफ्रीका के पूर्व में 'हॉर्न ऑफ अफ्रीका' में स्थित है।
👉स्वेज नहर - 162 किमी. लम्बी यह नहर 1869 में फ्रांसिसी इंजीनियर फर्डिनेन्ड डी लेसेप्स के नेतृत्व के में बनकर तैयार हुई। मिस्र में स्थित यह नहर भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है। यह नहर अफ्रीका और एशिया को जोड़ने वाली स्थलसंधि को काटकर बनाई गई। इसके उत्तरी सिरे पर पोर्ट सईद तथा दक्षिणी सिरे पर स्वेज नगर स्थित है। दक्षिण अफ्रीका एक और अटलांटिक महासागर व दूसरी ओर से हिन्द महासागर से घिरा हुआ है।
💥कैप काहिरा रेलमार्ग - अफ्रीका का सबसे लम्बा रेलमार्ग है जो दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन नगर को काहिरा से जोड़ता है।
💥प्रमुख नगर -
👉किंशासा जायरे की राजधानी और सबसे बड़ा नगर है।
👉नाइजीरिया की पुरानी राजधानी लागोस व नई राजधानी अबुजा है।
👉नाइजीरिया, यूरोबा व इयो जनजाति का केन्द्र है।
👉जोहांसबर्ग - द. अफ्रीका का सबसे बड़ा नगर है।
👉नामीबिया का इतोशा नेशनल पार्क प्रमुख पर्यटन केंद्र है। विंडहॉक यहाँ की राजधानी है।
👉नामीबिया का इतोशा नेशनल पार्क प्रमुख पर्यटन केंद्र है। विंडहॉक यहाँ की राजधानी है।
👉जाम्बिया का पूर्वनाम उत्तरी रोडेशिया था।
👉लुसाका जाम्बिया की राजधानी है। जिम्बाब्वे की राजधानी हरारे है।
👉इथोपिया को राजधानी अदिस अबाबा है। अमाहारा इथोपिया की मुख्य जनजाति है। भूमध्य रेखा गैबॉन, कांगो, जायरे, युगांडा केन्या व सोमालिया से गुजरती है।
Note - भूमध्य रेखा 13 देशों ( इक्वाडोर, कोलंबिया, ब्राजील, साओ टोम और प्रिंसिपी, गैबॉन, कांगो गणराज्य, कांगो का लोकतांत्रिक गणराज्य, युगांडा, केन्या, सोमालिया, मालदीव, इंडोनेशिया और किरिबाती ) को छोड़कर अन्य किसी भी देश से नहीं गुजरती है। The equator does not pass through any other country except 13 countries (Ecuador, Colombia, Brazil, Sao Tome and Principe, Gabon, Republic of the Congo, Democratic Republic of the Congo, Uganda, Kenya, Somalia, Maldives, Indonesia and Kiribati).
👉जीरा : सूडान में नीले नीले व सफेद नील के बीच का उपजाऊ मैदान।
👉केन्या के दक्षिण पश्चिमी भाग को श्वेत देश (White highlands) कहते है।
👉रवांडा में तुत्सी जाति के लोग अधिक है।
👉इथोपिया को राजधानी अदिस अबाबा है। अमाहारा इथोपिया की मुख्य जनजाति है। भूमध्य रेखा गैबॉन, कांगो, जायरे, युगांडा केन्या व सोमालिया से गुजरती है।
Note - भूमध्य रेखा 13 देशों ( इक्वाडोर, कोलंबिया, ब्राजील, साओ टोम और प्रिंसिपी, गैबॉन, कांगो गणराज्य, कांगो का लोकतांत्रिक गणराज्य, युगांडा, केन्या, सोमालिया, मालदीव, इंडोनेशिया और किरिबाती ) को छोड़कर अन्य किसी भी देश से नहीं गुजरती है। The equator does not pass through any other country except 13 countries (Ecuador, Colombia, Brazil, Sao Tome and Principe, Gabon, Republic of the Congo, Democratic Republic of the Congo, Uganda, Kenya, Somalia, Maldives, Indonesia and Kiribati).
👉जीरा : सूडान में नीले नीले व सफेद नील के बीच का उपजाऊ मैदान।
👉केन्या के दक्षिण पश्चिमी भाग को श्वेत देश (White highlands) कहते है।
👉रवांडा में तुत्सी जाति के लोग अधिक है।
👉यहाँ हुतु और तुत्सी लोगों में प्रायः शत्रुता रहती है।
👉स्वाजीलैंड दक्षिण अफ्रीका व मोजाम्बिक से घिरा हुआ देश है।
👉यहाँ के निवासियों की औसत आयु 35 वर्ष है जो संसार में सबसे कम है। लेसोथो दक्षिण अफ्रीका से घिरा हुआ छोटा सा देश है।
👉अफ्रीका की तट रेखा विशेष रूप से सीधी है।
👉पिग्मी : यह मध्य अफ्रीका के घने वनों में रहने वाली जनजाति है।
👉बट्टू : सहारा रेगिस्तान के चलवासी।
👉मसाई - पूर्वी अफ्रीका के चलवासी है।
👉Cape of Good Hope - उत्तमाशा अंतरीप अफ्रीका का सुदूर दक्षिण छोर हैं।
👉नाइजीरिया को 'An Epitome of west Africa' अथवा 'Cross Section of west Africa' कहते हैं।
👉मोरक्को के नगर 'टैन्जियर' को विश्व क्रॉस रोड कहते हैं।
👉मसाई - पूर्वी अफ्रीका के चलवासी है।
👉Cape of Good Hope - उत्तमाशा अंतरीप अफ्रीका का सुदूर दक्षिण छोर हैं।
👉नाइजीरिया को 'An Epitome of west Africa' अथवा 'Cross Section of west Africa' कहते हैं।
👉मोरक्को के नगर 'टैन्जियर' को विश्व क्रॉस रोड कहते हैं।
👉अफ्रीका का सबसे निचला स्थल लेक अस्साल (जिबूती देश में) है जो समुद्रतल से 168 मीटर नीचा है।
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