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Motivational Thoughts 22.02.2024

पहला सुख निरोगी काया,

दूजा सुख घर में हो माया।

तीजा सुख कुलवंती नारी,

चौथा सुख पुत्र हो आज्ञाकारी।

पंचम सुख स्वदेश में वासा

छठवा सुख राज हो पासा।

सातवाँ सुख संतोषी जीवन,

ऐसा हो तो धन्य हो जीवन ।

v कुछ वस्तुएं समीप जाने से बिना माँगे ही मिल जाती है। अग्नि से गर्माहट, बर्फ से शीतलता, और गुलाब से सुगन्ध । ईश्वर से भी कुछ माँगिये मत बस निकटता बढ़ाईये सब कुछ बिना माँगे मिलने लगेगा ।



v अच्छे के बदले सरल...

बनने का प्रयास करें...!

क्योंकि...

अच्छा मात्र आंखों तक...

पहुँच पाता है...

जबकि सरल हृदय तक...!!



v कुछ नेकी करके बदले में कुछ पाने की आस ना रखें, इससे आपका किया सब व्यर्थ हो जाता है।



v जीवन उन लोगों के लिए सर्वश्रेष्ठ है

जो इसका आनंद ले रहे हैं ....

उन लोगों के लिए मुश्किल है जो इसका विश्लेषण कर रहे हैं, और

उन लोगों के लिए सबसे खराब है जो इसकी आलोचना कर रहे हैं....



v मैं श्रेष्ठ हूं यह आत्मविश्वास है, लेकिन मैं ही श्रेष्ठ हूं, यह अहंकार है।

v मूर्ख हमेशा अपने आप को बुद्धिमान समझते हैं, लेकिन बुद्धिमान लोग स्वयं को हमेशा मूर्ख ही समझते हैं।

v प्रेम सबसे करें, विश्वास कुछ पर करें और किसी को भी नुकसान न पहुंचाएं।

v महानता से बिलकुल ना डरें! कुछ लोग महान पैदा होते हैं, कुछ महानता हासिल करते हैं और कुछ लोगों में महानता समाहित होती है।

v हम जानते हैं कि हम क्या हैं, लेकिन ये नहीं जानते कि हम क्या बन सकते हैं।

v अगर तुम प्रेम करते हो और तुम्हें कष्ट मिलता है, तो और भी ज्यादा प्रेम करो। अगर तुम और भी ज्यादा प्रेम करते हो और फिर भी तुम्हें कष्ट मिलता है, तो तब तक प्रेम करते रहो जब तक कष्ट मिलना बंद न हो जाए।

v एक मिनट की देरी से आने से बेहतर है तीन घंटे पहले आ जाना।

v खाली बर्तन सबसे अधिक शोरगुल करते हैं।

v दूसरों से मदद की उम्मीद ही हर बुराई की जड़ है।

v अच्छाई की प्रचुरता बुराई में बदल जाती है।

v जिस तरह तुम अपने विचारों में महान रहे हो, अपने कर्मों में भी महान बनो।

v ईर्ष्या से सावधान रहें क्यूंकि ये वो दैत्य है जो उसी शरीर का तिरस्कार करता है जिस पर वो पलता है।

v खुशी तब मिलेगी, जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, उनमें समानता हो (महात्मा गांधी)

v आज का दिन सोच-विचार कर गुजारें, ये कल नहीं आने वाला है।

v वृक्ष इस बात की चिंता नहीं करता कि वह कितने ज्यादा पुष्प दे चुका...वह तो सृजन करता रहता है।

v चिंतन का अर्थ यह भी है कि आपकी आत्मा स्वयं के साथ बातचीत कर रही है।

v सही काम करने के लिए हर समय हमेशा सही होता है।

v मैं असफलता का मालिक हूँ अगर मैं कभी असफल नहीं होता तो मैं इतना सब कुछ कैसे सीखता – चंद्रशेखर वेंकट रमन

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