मैं निराश होकर गंगा में कूद गया था, दोस्त ने बचाया... मेहनत की तो आज आपके सामने हूँ - Motivational Story of Kailash Kher
मैं निराश होकर गंगा में कूद गया था, दोस्त ने बचाया... मेहनत की तो आज आपके सामने हूं
राष्ट्रीय दशहरा मेला - कोटा (राजस्थान) में पार्श्वगायक पद्मश्री कैलाश खैर ने कोचिंग सिटी के छात्रों और युवाओं को मोटिवेट किया। यहां कोचिंग कर रहे लाखों युवाओं को भारत की ऑक्सीजन और मेरूदंड बताया। इस दौरान उन्होंने खुद के जीवन में निराशा और उससे कमबैक की कहानी बताई।
Q. पद्मश्री कैलाश खेर भी एक समय निराश हो गए थे..? सुसाइड करना चाहते थे, वह क्या घटना थी?
हां, तब मेरी उम्र 20 से 21 वर्ष थी। जीवन में भयंकर निराशा थी क्योंकि मैं सफल नहीं हो पा रहा था। जो भी काम करता, असफलता मिलती। मैं घर, परिवार, दोस्तों में प्रभावहीन हो गया था। उस वक्त मैंने ऋषिकेश में गंगा में छलांग लगा दी थी। मेरे एक सीनियर ने मुझे बचा लिया। मैं एक कमरे में 24 घंटे बंद रहा। ईश्वर से पूछता था कि आप क्या चाहते हो..? असफलता से पीछा छुड़ाकर जब मरना चाहा तो उसमें भी असफल कर दिया। फिर में महादेव की शरण में गया। भक्ति में डूबा तो सोचा मैं क्या करने जा रहा था..? ईश्वर को धन्यवाद दिया और हर शिकायत छोड़ दी। सिर्फ जी-तोड़ मेहनत को लक्ष्य बनाया और फिर जो हूँ आपके सामने हूँ।
Q. युवा मन भटककर कई बार गलत कदम उठा लेता है, आप उन्हें क्या संदेश देंगे..?
युवा का उल्टा करें तो वायु होता है। वायु अर्थात प्राणदायक यानी ऑक्सीजन ऐ मेरे युवा छात्रों, आप भारत की ऑक्सीजन हो और आप ही हिम्मत हार जाएंगे तो वैसा ही हो जाएगा जैसे ऑक्सीजन खत्म हो रही है। ऐसा मत होने देना, आप पूरे भारत का मेरूदंड हैं। शक्तिप्रदायनी क्षमता हैं।
Q. हर 7 जुलाई को आप जन्मदिन का केक नहीं काटते? ऐसा क्यों?
मैं भारत के कोने-कोने में नए कैलाश खेर पैदा कर सकूं, यह मेरा मिशन है। यह केक काटने से पूरा नहीं हो सकता। मैं हर जन्मदिन पर नई प्रतिभाओं को मंच देता हूँ। 'नई उड़ान' नाम से प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसमें नए युवाओं को आगे आने का अवसर दिया जाता है।
हां, तब मेरी उम्र 20 से 21 वर्ष थी। जीवन में भयंकर निराशा थी क्योंकि मैं सफल नहीं हो पा रहा था। जो भी काम करता, असफलता मिलती। मैं घर, परिवार, दोस्तों में प्रभावहीन हो गया था। उस वक्त मैंने ऋषिकेश में गंगा में छलांग लगा दी थी। मेरे एक सीनियर ने मुझे बचा लिया। मैं एक कमरे में 24 घंटे बंद रहा। ईश्वर से पूछता था कि आप क्या चाहते हो..? असफलता से पीछा छुड़ाकर जब मरना चाहा तो उसमें भी असफल कर दिया। फिर में महादेव की शरण में गया। भक्ति में डूबा तो सोचा मैं क्या करने जा रहा था..? ईश्वर को धन्यवाद दिया और हर शिकायत छोड़ दी। सिर्फ जी-तोड़ मेहनत को लक्ष्य बनाया और फिर जो हूँ आपके सामने हूँ।
Q. युवा मन भटककर कई बार गलत कदम उठा लेता है, आप उन्हें क्या संदेश देंगे..?
युवा का उल्टा करें तो वायु होता है। वायु अर्थात प्राणदायक यानी ऑक्सीजन ऐ मेरे युवा छात्रों, आप भारत की ऑक्सीजन हो और आप ही हिम्मत हार जाएंगे तो वैसा ही हो जाएगा जैसे ऑक्सीजन खत्म हो रही है। ऐसा मत होने देना, आप पूरे भारत का मेरूदंड हैं। शक्तिप्रदायनी क्षमता हैं।
Q. हर 7 जुलाई को आप जन्मदिन का केक नहीं काटते? ऐसा क्यों?
मैं भारत के कोने-कोने में नए कैलाश खेर पैदा कर सकूं, यह मेरा मिशन है। यह केक काटने से पूरा नहीं हो सकता। मैं हर जन्मदिन पर नई प्रतिभाओं को मंच देता हूँ। 'नई उड़ान' नाम से प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसमें नए युवाओं को आगे आने का अवसर दिया जाता है।
Q. आपका नया प्रोजेक्ट क्या आने वाला है..?
मेरा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नया गाना आने वाला है... अंधेरे कई जम ना जाएं, उजालों को बांटते चलो...। यह बहुत प्रभावशाली और एक मैसेज देने वाला प्रोजेक्ट होगा। इसका कुछ हिस्सा आ भी गया है।
भास्कर इंटरव्यू • •
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